अगर आप एलजीबीटी समुदाय के सदस्य हैं या खुद को ऐसा महसूस करते हैं कि आप लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुएल या ट्रांसजेंडर हैं तो आपके मन में एक डर जरूर घर कर के बैठा होगा। वो डर है खुद को एक्सप्लोर करने का, समाज के सामने खुद को उस रूप में स्वीकार करने का जो आप असल में हो। अक्सर देखा गया है कि एलजीबीटी समुदाय के सदस्य होने के बावजूद लोग खुद को समाज के सामने डर के कारण उजागर नहीं कर पाते हैं। अगर किसी ने खुद को उजागर करने की कोशिश भी की तो उसका मजाक बनाया जाता है या बल प्रयोग से उसे दबाने की कोशिश की जाती है। शायद यही कारण है कि धारा 377 हटने के बाद भी एलजीबीटी समुदाय का डर अभी भी बना हुआ है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि एलजीबीटी समुदाय का डर हम दूर कैसे कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति एलजीबीटी समुदाय का है और खुद को दुनिया के सामने लाना चाहता है तो उसे क्या करना चाहिए और उस व्यक्ति के प्रति समाज की क्या जिम्मेदारी बनती है?
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