गाल पर किस
किस के प्रकार में गाल पर किस करना एक पारंपरिक तरीका है। प्यार को प्रदर्शित करने में यह काफी हद तक कारगर साबित होता है। गाल पर किस करना सिर्फ कपल्स तक ही सीमित नहीं, बल्कि बड़े-बुजुर्गों तक में यह तरीका अपनाया जाता है। मां अपने बच्चो को गाल पर किस करती है, जो बच्चे की डिपेंडेंसी की भावना की एक झलक दिखाता है।
लिजार्ड किस (Lizard kiss)
लिजार्ड अक्सर अपनी जुबान को एकाएक मुंह से बाहर निकालता है और अंदर ले जाता है। किस के प्रकार में लिजार्ड किस भी ठीक इसी तरह से की जाती है। लिजार्ड किस में जुबान मुंह के अंदर तेजी से जाती है और वापस बाहर मुंह में आ जाती है। यह एक क्विक स्ट्रोक है। कपल्स के लिए यह किस के प्रकार में एक पैसोनेट तरीका है। लिजार्ड किस करते वक्त दोनों ही पार्टनर काफी उत्तेजित महसूस कर सकते हैं।
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किस करने से नहीं होता सिफलिस या हर्पीस
दिल्ली के मेहरौली स्थित एलआरएस अस्पताल के एआरटी सेंटर में मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अभिषेक रॉयल के मुताबिक, ‘किसिंग से एचआईवी का संक्रमण नहीं होता। किसिंग करते वक्त सलाइवा से हर्पीस और सिफलिस के संक्रमण की बेहद ही कम संभावना होती है। ज्यादातर मामलों में संक्रमण सलाइवा में ही मर जाता है। किसिंग सेक्स से बिल्कुल अलग है। यह पार्टनर के सामने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक जरिया है। इसे एक-दूसरे की केयर के रूप में देखा जाना चाहिए।’
इन बातों का रखें ध्यान: