क्या आपको पता है कि भारतीय रसोई में इस्तेमाल किए जानें वाले मसाले और कई प्रकार की जड़ी बूटियां हमारे स्वास्थय के लिए काफी फायदेमंद होता है। पुरानी से पुरानी बीमारियों में भी इनके कई तरह के फायदे देखे गए हैं। जड़ी बूटी की हेल्प से मेडिसिन भी तैयार की जाती है। बॉटेनिकल प्रोडक्ट को ही हर्बल प्रोडक्ट कहा जाता है। कई प्रिस्क्रिप्शन ड्रग और ओवर द काउंटर मेडिसिन प्लांट प्रोडक्ट से बनते हैं। लेकिन उनमे प्यूरीफाइड इंग्रीडिएंट्स होते हैं और ये एफडीए से रेगुलेट किए जाते हैं। जबकि हर्बल सप्लिमेंट में पूरा प्लांट या प्लांट का हिस्सा यूज किया जाता है। हमारे घरों में ऐसे बहुत से हर्ब यूज किए जाते हैं, जो शरीर को फायदा पहुंचाती हैं। साथ ही रोजाना खाने में प्रयोग किए जाने वाले मसाले भीे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। जड़ी बूटियां और मसाले हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि जड़ी बूटियां और मसाले किस तरह से शरीर को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं।
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जड़ी बूटियां और मसाले
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं ये मसाले : हल्दी
भारतीय घरों के किचन में गिने-चुने मसाले आपको जरूर देखने को मिलेंगे। हल्दी उनमे से एक है। हल्दी के बिना भारतीय घरों में खाने की कल्पना करना जरा मुश्किल है। हल्दी गुणकारी मसाला है। हल्दी में एंटी-इफ्लेमेटरी इफेक्ट होता है। हल्दी में करक्यूमिन होता है,जो हल्दी को प्रभावकारी गुण देती है। हल्दी का रंग पीला होता है। करक्यूमिन पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कि शरीर में ऑक्सीडेटिव डैमेज को कंट्रोल करने का काम करता है और बॉडी के एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को बढ़ाने का काम करता है। हल्दी का सेवन रोजाना करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। हल्दी का उपयोग मरहम के रूप में भी किया जाता है। स्टडी में ये बात सामने आई है कि हल्दी ब्रेन फंक्शन की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है।
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जड़ी बूटियां और मसाले :दालचीनी
दालचीनी का गरम मसाला तैयार करने में प्रयोग किया जाता है। दालचीनी का उपयोग घरों में मसालों के रूप में किया जाता है। दालचीनी को खाने में डालने से खाने में मीठापन आता है। दालचीनी की छाल के कई आयुर्वेदिक फायदें होते हैं। दालचीनी का सेवन करने से रेस्पिरेट्री ट्रेक्ट इंफेक्शन की समस्या से छुटकारा मिलता है। जो स्वास्थ्य लोग दालचीनी का सेवन करते हैं, उन्हें इंफेक्शन की समस्या होने का खतरा कम हो जाता है। दालचीना का काम शरीर से खराब कॉलेस्ट्रॉल लेवल को कम करना भी होता है। रिचर्स में ये बात भी सामने आई है कि दालचीनी की उचित मात्रा लेने से हार्ट अटैक के साथ ही ब्लड प्रेशर का खतरा भी कम हो जाता है।
अदरक और लहसुन
भारतीय घरों में अदरक और लहसुन का प्रयोग ज्यादातर फूड में किया जाता है। अदरक का प्रयोग मोशन सिकनेस की समस्या से निपटने, सर्दी-जुकाम की समस्या होने पर, उल्टी को रोकने के लिए, मिचली की समस्या को रोकने के लिए या फिर अचप की समस्या से निपटने के लिए किया जाता है। अदरक से पेट संबंधि समस्या से छुटाकारा पाया जा सकता है। लोग अदरक की जड़ को खाने में और चाय में मुख्य रूप से इस्तेमाल करते हैं। अदरक का प्रयोग दो साल के कम उम्र के बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं माना गया है। वहीं लहसुन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। साथ ही लहसुन हार्ट हेल्थ को भी दुरस्त रखता है। रिचर्स में ये बात सामने आई है कि गार्लिक ब्लड वेसल्स को फ्लेक्सिबल रखता है। गर्लिक का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लीसराइड्स का लेवल कम होता है।
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जड़ी बूटियां और मसाले : धनिया के बीज
धनिया के बीज का इस्तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है।धनिया स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है क्योंकि ये हाई ब्लड शुगर को कम करने का काम करती है। धनिया के बीज में पाए जाने वाले एंजाइम ब्लड में अधिक शुगर के लेवल को कम करने का काम करते हैं। धनिया का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। साथ ही धनिया शरीर में बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण को भी दूर करने का काम करता है। धनिया पाचन तंत्र यानी डायजेशन को स्ट्रॉन्ग करने का काम भी करता है।
जड़ी-बूटी के फायदे : एलोवेरा
औषधीय गुणों से भरपूर एलोवेरा को ज्यादातर लोग अपने घरों में लगाते हैं। एलोवेरा के गुणों के कारण इसे औषधीय दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। एलोवेरा से निकलने वाले जैल को स्किन की कई समस्याओं से बचने के लिए यूज किया जाता है। एलोवेरा में असमानन(Acemannan)केमिलकल पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। एलोवेरा का इस्तेमाल जूस के रूप में भी किया जाता है। एलोवेरा का जूस पीने से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से निजात मिलता है।
जड़ी-बूटी के फायदे : अश्वगंधा
आपने अश्वगंधा पौधे का नाम जरूर सुना होगा। ये एक जड़ी-बूटी है जो शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचाने का काम करती है। अश्वगंधा की रूट यानी जड़ और सीड का प्रयोग हर्बल मेडिसिन बनाने में किया जाता है। अश्वगंधा का इस्तेमाल अस्थमा की समस्या, नींद न आने की समस्या, पीठ दर्द की समस्या, लिवर से जुड़ी समस्या के साथ ही गठिया की समस्या से भी राहत देता है। अश्वगंधा का सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।
जड़ी-बूटी के फायदे :ब्राह्मी
ब्राह्मी के नाम से ज्यादातर लोग परिचित होते हैं। ब्राह्मी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस पौधे के सभी भाग का इस्तेमाल औषधी की तरह किया जाता है। ब्राह्मी का इस्तेमाल मुख्य रूप से स्ट्रेस को दूर करने के लिए किया जाता है। ब्राह्मी में पाए जाना वाले रसायन एमिलॉयड अल्जाइमर पेशेंट के लिए फायदेमंद होता है। ब्राह्मी का पौधा एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है जो कैंसर सेल्स को ग्रो होने से रोकता है। अगर आप भी ब्राह्मी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि एक बार आयुर्वेद डॉक्टर से इस बारे में जरूर सलाह लें।
अगर आप किसी भी प्रकार की जड़ी-बूटी का इस्तेमाल बीमारी के लिए करने जा रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप पहले आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से सलाह लें। जड़ी-बूटी की सही मात्रा का सेवन न करने से नुकसान भी हो सकते हैं, इसलिए सावधानी रखें।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता। अगर आपको किसी जड़ी बूटी या मसाले संबंधि जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप आयुर्वेद एक्सपर्ट से इस बारे में बात करें।
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