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जानिए हेल्थ इंश्योरेंस के होते हैं कितने प्रकार और आपको कौनसा लेना चाहिए

जानिए हेल्थ इंश्योरेंस के होते हैं कितने प्रकार और आपको कौनसा लेना चाहिए

हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार कई तरह को होते हैं, जिनके बारे में आपको जानना बेहद ही जरूरी है। हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार के संबंध में सही जानकारी आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेने में मदद करती है। हेल्थ इंश्योरेंस इलाज में खर्च होने वाली भारी आर्थिक पूंजी को बचाने का एक कारगर जरिया है। हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जाता है। ऐसे में आपको हेल्थ इंश्योरेंस की जानकारी होना बेहद ही जरूरी है। हर मामलों में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार अलग होते हैं। मौजूदा समय में स्वास्थ्य समस्याओं में हो रहा लगातार इजाफा हेल्थ इंश्योरेंस को एक जरूरत के रूप में पेश करता है।

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हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार की सही जानकारी

हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार की सही जानकारी न होने से आप सही हेल्थ इंश्योरेंस नहीं चुन सकते। हेल्थ इंश्योरेंस अनचाहे आर्थिक स्वास्थ्य बोझ को कम करते हैं। कई बार आप अचानक से दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं या आपको कोई रोग हो जाता है, इस स्थिति में आपको हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकता पड़ती है। हेल्थ इंश्योरेंस कई प्रकार के होते हैं। भारत में केंद्र सरकार लोगों को कई प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराती है। वहीं, निजि कंपनियां भी आपको हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध कराती हैं। आज हम इस आर्टिकल में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार के बारे में चर्चा करेंगे।

भारत में इस प्रकार के हेल्थ इंश्योरेंस होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • इनडेमिनिटी प्लान्स
  • डिफाइन्ड- बेनेफिट प्लान
  • इंडेमिनिटी हेल्थ इंश्योरेंस

इंडेमिनिटी प्लान्स पारंपरिक हेल्थ इंश्योरेंस होते हैं, जो आपके अस्पताल के खर्चे को कुछ हद तक कवर करते हैं। इसमें निम्नलिखित प्लान्स को शामिल किया जाता है:

  • मेडिक्लेम इंश्योरेंस
  • व्यक्तिगत कवरेज
  • फैमिली फ्लोएटर कवरेज (Family Floater Coverage)
  • सीनियर सिटिजन कवरेज (वरिष्ठ नागरिकों के लिए)
  • यूनिट लिंक्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स

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हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार

1. मेडिक्लेम इंश्योरेंस

मेडिक्लेम इंश्योरेंस आपके अस्पताल में बीमारी की वजह से भर्ती रहने तक या दुर्घटना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्च को वहन करता है। इस मेडिकल इंश्योरेंस के प्रकार में नर्सिंग चार्ज्स, सर्जरी का खर्च, डॉक्टर की फीस, ऑक्सीजन, एनेस्थीसिया का खर्च कवर होता है। इस इंश्योरेंस के प्रकार को मेडिक्लेम पॉलिसी के नाम से भी जाना जाता है। यह बाजार में ग्रुप मेडिक्लेम के नाम से उपलब्ध है।

2. व्यक्तिगत इंश्योरेंस

इंश्योरेंस के प्रकार में व्यक्तिगत इंश्योरेंस सिर्फ एक व्यक्ति को कवर करता है। इस इंश्योरेंस के प्रकार के तहत आपको अस्पताल में भर्ती रहने तक का पूरा खर्च मिलता है। इस पॉलिसी के तहत एक व्यक्ति निर्धारित मूलभूत इंश्योरेंस की राशि के भुगतान का दावा कर सकता है। व्यक्तिगत इंश्योरेंस के तहत एक ही व्यक्ति का हेल्थ इंश्योरेंस किया जाता है। उदाहरण के लिए यदि आपने एक लाख का व्यक्तिगत इंश्योरेंस लिया है, जिसमें आपकी पत्नी को भी शामिल किया गया है तो आप दोनों ही 1-1 लाख की राशि का दावा कर सकते हैं।

3. फैमिली फ्लोएटर प्लान (Family Floater Plan)

इस इंश्योरेंस के प्रकार में पूरे परिवार को हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए कवर किया जाता है। फैमिली फ्लोएटर प्लान के तहत आप पूरा परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस करा सकते हैं। इसकी तय राशि को पूरे परिवार में समान रूप से विभाजित किया जाता है। व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस और मेडिक्लेम पॉलिसी के मुकाबले फैमिल फ्लोएटर प्लान पर आपको कम प्रीमियम भरना पड़ता है। इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार ही इसे विशेष बनाता है।

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4. यूनिट लिंक्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स

हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) में आपको एक ही प्लान में सुरक्षा के फायदे और सेविंग मिलती है। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पारंपरिक वेल्थ क्रिएशन टूल्स से ज्यादा बेहतर लाइफ कवर का फायदा देता है। इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में आपका पैसा एक ही समय पर बढ़ा भी रहता है। इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में चुकाया जाने वाला प्रीमियम का एक हिस्सा स्टॉक मार्केट में लगाया जाता है और आपको एक ऑफर के साथ हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज दिया जाता है। हालांकि, स्टॉक मार्केट में लगाए गए पैसा पर आपको क्या रिटर्न मिलेगा यह स्टॉक मार्केट की चाल पर निर्भर करता है।

यूनिट लिंक्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में यदि इस प्लान की अवधि के दौरान धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को हेल्थ इंश्योरेंस की रकम दे दी जाती है। इसके अतिरिक्त, यदि पॉलिसी धारक इसकी अवधि के दौरान जीवित रहता है तो यूनिट लिंक्ड हेल्थ इंश्योरेंस (ULIP) की मैच्योरिटी की रकम भी मिलती है। यह रकम यूएलआईपी के इक्विटी या डेब्ट में निवेश से ली पैदा की जाती है।

5. ग्रुप मेडिक्लेम (Group Mediclaim)

छोटी और मंझोले दर्जे की कंपनियों के बीच ग्रुप मेडिक्लेम प्लान काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं। ग्रुप मेडिक्लेम प्लान किसी एंप्लॉयर द्वारा अपने कर्मचारियों को दिए जाते हैं। इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार के जरिए एक एंप्लॉयर अपने कर्मचारी को कंपनी से जोड़े रखता है। ग्रुप मेडिक्लेम में कर्मचारी और कंपनी का मालिक दोनों ही धारक होते हैं। कर्मचारियों को ग्रुप मेडिक्लेम हेल्थ इंश्योरेंस देने से कंपनियों को टैक्स में छूट मिलती है।

सबसे अहम बात की आज के दौर में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी मंहगी हो गई हैं, जिसके चलते कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस देने वो कंपनी के प्रति वफादार और उत्साहित रहते हैं। ग्रुप हेल्थ इंश्युरेंस में व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस के मुकाबले कम लागत पर बेहतर लाभ मिलते हैं।

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ग्रुप मेडिक्लेम कुछ अन्य फायदे

ग्रुप मेडिक्लेम लेने के पहले दिन से अन्य प्लान्स के मुकाबले इसमें पहले से मौजूद बीमारियों को कवर किया जाता है। ऐसे में इन बीमारियों के संबंध में पॉलिसी लेने के बाद इसके योग्य बनने के लिए आपको किसी निश्चित अवधि का इंतजार नहीं करना पड़ता है।

इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में मौजूदा बीमारियों के साथ कई बीमारियों को कवर किया जाता है। युवा कर्मचारियों में मेटरनिटी कवर मिलना सबसे बड़ा फायदा है। इस प्लान के तहत महिलाओं को सिजेरियन और नॉर्मल डिलिवरी को कवर किया जाता है। इसके तहत कुछ प्लान नवजात शिशुओं को भी हेल्थ इंश्योरेंस देते हैं, जो कि 90 दिनों के एक मानक के बिना होता है।

डिफिनाइट बेनेफिट प्लान्स

डिफिनाइट बेनेफिट प्लान्स में बीमारी का पता चलने पर आपको एक मुश्त राशि दी जाती है। इस प्लान के तहत निम्नलिखित चीजों को कवर किया जाता है:

  • क्रिटिकल इलनेस प्लान (Critical Illness Plan)
  • पर्सनल एक्सिडेंट प्लान (Personal Accident Plan)
  • हॉस्पिटलाइजेशन कैश बेनेफिट प्लान (Hospitalisation cash benefit plan)

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क्रिटिकल इलनेस प्लान (Critical Illness Plan)

क्रिटिकल इलनेस प्लान (गंभीर बीमारी के इलाज के लिए प्लान) को कुछ विशेष बीमारियों के इलाज के लिए तैयार किया गया है। दिनचर्या से जुड़ी बीमारियों बढ़ रही हैं ऐसे में इन बीमारियों के प्रति अपने आपको सुरक्षा देना जरूरी हो गया है। मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए इस प्रकार की बीमारियों का इलाज कराना मुश्किल होता है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार की सही जानकारी होना काफी अहम हो जाता है। इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में आप ऐसी बीमारियों पर खर्च होने वाली मोटी रकम को कम कर सकते हैं। बीमारी का पता चलने पर इस पॉलिसी के तहत पहले से निश्चित एक राशि आपके इलाज के लिए दी जाती है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने और इसके बाद के खर्च को शामिल नहीं किया जाता है। हेल्थ इंश्युरेंस के प्रकार के इस प्लान में निम्नलिखित बीमारियों को शामिल किया जाता है:

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हॉस्पिटल डेली कैश

इस प्लान के तहत आपको हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के तहत एक बिल्ट इन कवर मिलता है। इस पॉलिसी के तहत, पॉलिसी धारक को एक निश्चित सीमा तक प्रतिदिन भत्ता दिया जाता है, जो उसके अस्पताल के खर्चों से अलग होता है।

पर्सनल एक्सिडेंट इंश्योरेंस (Personal accident insurance)

इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में आपको चिकित्सा लागत भुगतान किया जाता है। इसके साथ ही यदि आप दुर्घटना में विकलांग या मृत्यु हो जाने पर आपको मुआवजा दिया जाता है।

दुर्घटना में मृत्युः होने पर उसके वारिस को तय भुगतान किया जाता है। इस स्थिति में मृतक का परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित हो जाता है।

विकलांगता की स्थिति में: इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में यदि दुर्घटना में आपके किसी अंग को स्थाई रूप से नुकसान होता है, जिसका इलाज संभव नहीं है तो आपको एक निश्चित भुगतान किया जाता है।

सीनियर सिटिजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान

इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में किसी भी बुजुर्ग को अन्य लोगों की तरह आर्थिक सुविधाएं दी जाती हैं। हालांकि इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में कुछ सख्त मेडिकल चेकअप किए जाते हैं। इसमें धारक को ऊंचा प्रीमियम मिलता है। सबसे अहम बात की पहले से मौजूदा बीमारियों को इस प्लान में कवर करने के लिए लंबी अवधि का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे कई कारक होते हैं, जिन्हें इस पॉलिसी में शामिल नहीं किया जाता है। ज्यादातर माता पिता को अपनी वृद्धा अवस्था आने से पहले ही सीनियर सिटिजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए, जिससे उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या का सामना न करना पड़े।

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आयुष्मान भारत योजना (ABY)

मौजूदा केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना (ABY) के नाम से एक हेल्थ इंश्योरेंस दे रही है। इस हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार में गरीब लोगों को 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है। आयुष्मान भारत योजना में सीनियर सिटीजन, महिला और बच्चों को विशेष रूप से शामिल किया गया है। इस योजना के तहत बीमा धारक कोई भी व्यक्ति सरकारी अस्पताल और पैनल में शामिल अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत कैशलेस/ पेपरलेस इलाज कराया जा सकता है। इस योजना के तहत जिन लोगों का देश के ग्रामीण इलाकों में कच्चा मकान, परिवार की मुखिया महिला, परिवार में कोई व्यक्ति दिव्यांग्य हो, अनुसूचित जाति/ जनजाति से संबंधित हो या भूमिहीन या दिहाड़ी मजदूर है तो वह इस योजना का पात्र है।

  • आयुष्मान भारत योजना (ABY) में प्रति परिवार हर साल 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है।
  • आयुष्मान भारत योजना में पुरानी बीमारियों को भी कवर किया जाता है।
  • किसी बीमारी की स्थिति में अस्पताल में एडमिट होने से पहले और बाद के खर्च भी कवर किये जा रहे हैं
  • इस हेल्थ इंश्योरेंस में ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च भी शामिल है।
  • किसी बीमारी की स्थिति में सभी मेडिकल जांच/ऑपरेशन/इलाज आदि आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाता है।

अंत में हम यही कहेंगे कि हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार की जानकारी रखना बेहद ही जरूरी होता है। इससे आपको एक बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनने में सहूलियत होती है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को लेने की सलाह नहीं देता है। कंपनी की शर्तों और नियमों को जानने के बाद ही किसी भी प्रकार का हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Health Insurance. https://www.hhs.gov/programs/health-insurance/index.html. Accessed on 29 October, 2020.

Current Version

29/10/2020

Sunil Kumar द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Ankita mishra


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Dr Sharayu Maknikar


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/10/2020

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