कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) का नाम कई लोगों के लिए नया हो सकता है, क्योंकि अक्सर हम व्यायाम अपने वजन को कम करने और शरीर को फिट रखने के लिए करते हैं। अन्य व्यायाम शरीर के अलग-अलग अंगों को शेप में लाने के लिए किए जाते हैं। लेकिन कीगल एक्सरसाइज को खासतौर पर पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने के लिए किया जाता है। इस व्यायाम की खोज डॉक्टर आरनॉल्ड कीगल ने की थी। उन्होंने खासतौर पर इसकी खोज गर्भवती महिला को होने वाली पेशाब संबंधित समस्याओं को दूर करने और प्रसव के बाद महिलाओं के जल्दी स्वस्थ होने के लिए की थी। हालांकि, यह एक्सरसाइज केवल महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए भी उतनी ही फायदेमंद है। जानिए, महिला और पुरुष के लिए कीगल एक्सरसाइज और उसके फायदे।
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- कीगल एक्सरसाइज क्या है? What is Kegel Exercise?
- कीगल एक्सरसाइज कैसे करें? How to do Kegel Exercise?
- कीगल एक्सरसाइज के प्रकार? Types of Kegel Exercise?
- कीगल एक्सरसाइज के फायदे क्या हैं? Benefits of Kegel Exercise?
इन सवालों के साथ-साथ कीगल वर्कआउट से जुड़ी अहम जानकारी क्या है, यह समझने की कोशिश करेंगे।
क्या है कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise)?
कीगल एक्सरसाइज को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज भी कहा जाता है। इसे करने से पेल्विक एरिया मजबूत होता है। शरीर में एक अंग होता है जो मूत्राशय, छोटी आंत आदि को सहारा देता है। मांसपेशियों और टिशू से बना यह अंग पेल्विक के नीचे होता है और इसे पेल्विक फ्लोर कहा जाता है। कीगल एक प्रकार की बेहद आसान एक्सरसाइज होती है। कीगल एक्सरसाइज में पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए लगातार उन्हें सिकोड़ा जाता है और फिर छोड़ दिया जाता है, जिससे यह अंग मजबूत और स्वस्थ बनता है।
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कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) के प्रकार?
कीगल एक्सरसाइज 11 अलग-अलग तरह के होता है।
1. द पेल्विक टिल्ट- इस एक्सरसाइज की मदद से पेल्विक पार्ट्स की मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग एवं एक्टिव बनाया जा सकता है।
2. क्लासिक कीगल- पेट के निचले हिस्से एवं थाइ पर क्लासिक कीगल का जोर नहीं पड़ता है। इससे पेल्विक मांसपेशियों में कॉन्ट्रेक्शन होता है, जिससे आराम भी मिलता है। गर्भवती महिलाएं भी क्लासिक कीगल वर्कआउट कर सकती है।
3. पेल्विक पुश अप्स- पेल्विक पुश अप्स सामान्य पुश अप्स से अलग होता है। इस वर्कआउट को करने के दौरान पेल्विक मसल्स के साथ-साथ शोल्डर, एब्स और आर्म्स पर ज्यादा बल लगता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार पेल्विक पुश अप्स प्रेग्नेंट लेडी को नहीं करना चाहिए।
4. शोल्डर ब्रिज- शोल्डर ब्रिज एक्सरसाइज की मदद से बॉडी के लोवर पार्ट के मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद मिलती है।
5. साइड लेग लिंग लिफ्ट- इस वर्कआउट से पेल्विक मसल्स और थाइज को मजबूत बनाया जा सकता है।
6. बटरफ्लाई- बटरफ्लाई एक्सरसाइज के साथ-साथ इसी पुजिशन में योग भी किया जाता है। आसानी से कर लेने वाले बटरफ्लाई एक्सरसाइज से थाइ की मसल्स मजबूत होती है।
7. स्पाइनल ट्विस्ट- पेल्विक मसल्स और पेट के मसल्स को हेल्दी रखने के लिए स्पाइनल ट्विस्ट एक्सरसाइज किया जाता है।
8. लेग-पेल्विक स्ट्रेच- इस वर्कआउट से पेल्विक मसल्स के साथ-साथ पैरों के लिए बेस्ट एक्सरसाइज माना गया है। लेग-पेल्विक स्ट्रेच करने से आप रिलैक्स फील कर सकते हैं और टेंशन फ्री भी महसूस कर सकते हैं।
9. रेलिंग नीज- इस वर्कआउट से पेल्विक मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होती है।
10. क्लैम्स- पेल्विक मसल्स, घुटनों को मजबूत बनता है और आपको तनाव से दूर रखता है।
कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) कैसे करें?
कीगल एक्सरसाइज करने के लिए आपको सबसे पहले इसे करने का सही तरीका पता होना चाहिए। इस एक्सरसाइज को आप घर के किसी भी कोने में कुर्सी या बेड पर बैठकर, लेटकर या खड़े होकर भी कर सकते हैं। कीगल एक्सरसाइज में जिन मांसपेशियों को सिकोड़ा जाता है, उनका प्रयोग हम यूरिन करते समय करते हैं।
ऐसे करें कीगल एक्सरसाइज
- सबसे पहले अपने घुटनों को मोड़ें और बैठ जाएं।
- अब ध्यान लगाएं और पेल्विक मांसपेशियों को पहले टाइट कर के उन्हें सिकोड़ें।
- शुरुआत में पांच सेकेंड के लिए इन्हें सिकोड़ें और उसके बाद इतने ही समय आराम करें।
- बाद में आप यह समय बढ़ा सकते हैं।
- दस से बीस बार इस व्यायाम को दोहराएं।
- अगर आप लेट कर इस एक्सरसाइज को कर रहे हों, तो लेटकर घुटनों को मोड़ लें। इसके बाद इसे करें।
- अगर खड़े हो कर कर रहे हैं, तो पैर को फैला लें और उसके बाद इस एक्सरसाइज को करें।
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कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) के फायदे क्या हैं?
कीगल एक्सरसाइज के फायदे नीचे बता रहे हैं :
मजबूत पेल्विक एरिया
कीगल एक्सरसाइज करने से पेल्विक एरिया में रक्त प्रवाह सही से होता, जिससे यहां की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
मूत्र संबंधी समस्याएं
प्रसव के बाद महिला में मूत्र संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जैसे मूत्र को नियंत्रित न कर पाना। यही नहीं, पुरुषों में भी मूत्र को नियंत्रित नहीं कर पाने या बार-बार मूत्र आने की समस्या होती है। लेकिन ऐसा पाया गया है कि कीगल एक्सरसाइज करने से यह समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। क्योंकि, मांसपेशियां मजबूत हो जाती हैं। यही नहीं, महिला के सामान्य प्रसव में भी यह व्यायाम सहायक है।
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वजन कम होता है
वजन घटाने के लिए यह एक्सरसाइज पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद हैं। इसे करने से पेट की मांसपेशियां भी मजबूत होती है। जिससे पेट कम होता है। इसके लिए लेट कर इस एक्सरसाइज को करें।
सेक्स की इच्छा को बढ़ाएं
गर्भावस्था के बाद महिलाओं में सेक्स की इच्छा कम हो जाती है। किन्हीं कारणों से पुरुषों में भी यह समस्या हो सकती है। अगर ऐसा है, तो इसे दूर करने में कीगल एक्सरसाइज सहायक है। यह सेक्स में अरुचि को कम करती है। यही नहीं, महिलाओं को होने वाली कमर दर्द को कम करने में भी यह सहायक है।
पुरुषों के लिए लाभ
कीगल एक्सरसाइज को करने से पुरुषों के नितंबों की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। जिससे पुरुष संभोग करते हुए जल्दी डिस्चार्ज होने की परेशानी से बच जाते हैं। यानी, उनकी सेक्स लाइफ बेहतर हो सकती है। अगर पुरुषों को इरेक्शन की समस्या हो, तो वो भी इससे दूर होती है। क्योंकि यह एक्सरसाइज करने से लिंग और पेल्विक एरिया में खून का प्रवाह सही से होता है। ऐसा होने से पुरुषों के लिंग से एक्साइटमेंट बनी रहती है।
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महिलाओं के लिए लाभ
कीगल एक्सरसाइज करने से महिलाओं की वजायना टाइट होती है। कई महिलाएं इसलिए इस एक्सरसाइज को करती हैं। यही नहीं, इससे महिलाओं का शरीर मेनोपॉज के लिए भी तैयार होता है।
पेट की चर्बी होती है कम
बेली फैट कम करने के लिए लोग कई तरह के विकल्प अपनाते हैं। अगर आप भी इसी समस्या का समाधान ढूंढ रहें हैं, तो आपके लिए कीगल एक्सरसाइज बेस्ट है। फिटनेस एक्सपर्ट्स मानते हैं की इस वर्कआउट को नियमित करने से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।
सेक्स लाइफ होती है बेहतर
कीगल एक्सरसाइज से पेल्विक एरिया की मांसपेशियां स्ट्रॉन्ग होती है और ब्लड फ्लो भी बेहतर होता है, जो सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में मदद करता है।
गर्भवती महिलाओं को मिलता है कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) का लाभ
गर्भावस्था के तीसरे महीने में गर्भवती महिला डॉक्टर के सलाह अनुसार नियमित रूप से 10 से 20 बार कीगल एक्सरसाइज प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलिवरी के बाद बेहतर स्वास्थ्य के लिए कर सकती हैं। कीगल वर्कआउट करने से प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले यूरिन या पेल्विक फ्लोर मसल्स से जुड़ी परेशानी कम हो सकती हैं। कीगल वर्कआउट गर्भवती महिला योगा मैट पर आराम से लेट कर सकती हैं। गर्भधारण के तीसरी तिमाही के दौरान कीगल वर्कआउट एम्प्टी ब्लैडर के दौरान करने से लाभ मिलता है। इसका अर्थ यह है की गर्भवती महिलाओं को कीगल एक्सरसाइज करने से पहले टॉयलेट जरूर कर लेना चाहिए।
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कीगल वर्कआउट (Kegel Exercise) करने के पहले किस तरह की सावधानियां बरतें?
इस एक्सरसाइज को करने से पहले निम्नलिखित बातों को ध्यान रखें। जैसे:
- यह एक्सरसाइज करते हुए आपके पेट, कमर या टांगे ढीली होनी चाहिए। यानी, जब आप ये एक्सरसाइज करेंगे, तो आपका पेट, कमर और जांघ की मांसपेशियां टाइट नहीं होनी चाहिए।
- इसको करते हुए आपका ब्लैडर भी पूरी तरह से खाली होना चाहिए।
- कीगल एक्सरसाइज को करते समय मन और तन दोनों को शांत रखें।
- इस व्यायाम को अधिक न करें, अन्यथा आप थक जाएंगी। अपनी क्षमता के अनुसार ही करें।
- इस करते हुए अपनी मांसपेशियों को हल्के से दबाएं। उन पर अधिक दवाब न डालें।
- इसे करने से पहले सही तरीका आपको पता होना चाहिए। अगर आप इसे गलत तरीके से करेंगे, तो आपको पेट या टांगों में दर्द हो सकता है।
- कुछ सेकेंड इस एक्सरसाइज को करने के बाद उतने की सेकेंड का आराम दें।
- कभी यूरिन को न रोकें, खासतौर पर अगर आपका ब्लैडर भरा हुआ हो। इससे आपकी मांसपेशियां कमजोर होंगी, जिससे ब्लैडर पूरी तरह से खाली होने में समस्या आएगी। इससे मूत्र संक्रमण की संभावना रहती है।
अगर आप रोजाना कीगल एक्सरसाइज (Kegel Exercise) करते हैं, तो आप अच्छे परिणाम पा सकते हैं लेकिन, जल्दी अच्छे परिणामों की उम्मीद न करें। क्योंकि इसकी शुरुआत में आपको अचानक यूरिन लीक होना या मूत्र का कम आना जैसी समस्याएं आ सकती हैं। लेकिन, रोजाना इसे करने से आपको इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। अगर आपको कीगल एक्सरसाइज करते हुए कोई समस्या आ रही हो, तो किसी डॉक्टर या स्वस्थ विशेषज्ञ से सलाह लें, क्योंकि वो आपका सही मार्गदर्शन कर सकते हैं।
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