योग के फायदे आज के जमाने में कौन नहीं जानता। यहां तक कि विज्ञान भी योगा से होने वाले फायदों को झुठला नहीं सकता। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने खुद योगा के फायदों का बखान किया है। सबसे पहले यह जानते हैं कि योग क्या है? योग संस्कृत शब्द “युजी’ से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है मिलन। अपने नाम के ही तरह योग शरीर, मन के साथ आत्मा का सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है । माइग्रेन के लिए घरेलू उपाय अपनाने के अलावा माइग्रेन के लिए प्राणायाम या योग आसन करने से भी लाभ मिलता है।
योगा के फायदे कई हैं। योगा तनाव से राहत, वजन कम करना, पाचन में सुधार करने और यहां तक कि अपने डीएनए को फिर से संगठित करने में भी मदद कर सकता है। तो आइए जानते हैं योग के ऐसे ही कुछ अदभुत फायदों के बारे में, साथ ही माइग्रेन के लिए योग कितना लाभकारी है यह भी समझते हैं।
माइग्रेन (Migraine) होने के कारण
माइग्रेन किन कारणों से होता है, इसके बारे में अभी ठीक से पता नहीं चला है। हालांकि, कुछ जेनेटिक और पर्यावरणीय कारण माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे :
- मस्तिष्क में सेरोटोनिन (serotonin) नामक रसायन, जो कि नर्वस सिस्टम में दर्द नियंत्रण में मदद करता है असंतुलित हो जाता है।
- महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन जैसे मासिक धर्म, गर्भावस्था, मेनोपॉज)
- मौसम में बदलाव।
- ट्राइजेमिनल नर्व में परिवर्तन और प्रभाव पड़ना।
- नींद के पैटर्न में बदलाव।
- मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) या एस्पार्टेम (मीठा) जैसे फूड कांपाउंड।
- तनाव भी एक माइग्रेन का कारण बन सकता है।
- कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि पनीर, नमकीन और प्रॉसेस्ड फूड माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते है।
- गर्भ निरोधक गोलियां या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी की दवाओं का सेवन।
- एल्कोहॉल और अत्यधिक कैफीन युक्त पेय।
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माइग्रेन के लक्षण और उपचार
माइग्रेन (Migraine) में तेज सिरदर्द होता है, जो आमतौर पर सिर के किसी एक तरफ को ज्यादा प्रभावित करता है। माइग्रेन के साथ जी मिचलाना, उल्टी और रोशनी के प्रति तीव्र संवेदनशीलता होना आम बात है। माइग्रेन का दर्द शुरू होने के बाद कई घंटों से कई दिनों तक रह सकता है। अगर समय पर तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह बीमारी आपकी कार्य क्षमता और दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकती है। सही उपचार के साथ माइग्रेन के घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव के साथ, माइग्रेन के असर को कम किया जा सकता है। माइग्रेन के लिए योग भी हैं, जिससे माइग्रेन से मुक्ति पाया जा सकता है।
माइग्रेन (Migraine) के कुछ मामलों में, इसके लक्षण घंटों से लेकर दिनों तक रह सकते हैं। लक्षणों की प्रगति चार चरणों में होती है: प्रोड्रोम (prodrome), औरा (aura), सिर दर्द (headache) और पोस्टड्रोम (postdrome)। प्रोड्रोम स्टेज पर आपको ऐसे संकेत और लक्षण दिखते हैं, जो आपको बता सकते हैं कि माइग्रेन एक से दो दिन में शुरू होने वाला है। ऐसे कुछ लक्षण है:
- मूड बदलना
- कब्ज की परेशानी
- गर्दन में अकड़न
- अनियंत्रित जम्हाई
- चिड़चिड़ापन
- सुस्त महसूस करना
- भूख में बदलाव और जी मचलाना
इस बीमारी के अगले स्टेज को औरा (aura) कहा जाता है। यह स्टेज माइग्रेन के सिरदर्द से पहले या उसके दौरान शुरू होती है। इसका प्रभाव शरीर पर 20 से 60 मिनट तक रह सकता हैं। इसके लक्षणों नीचे बताए गए हैं :
- प्रकाश से संवेदनशीलता
- देखने में परेशानी
- हाथ या पैर में पिन और सुई चुभने जैसा फील होना
- बोलने में समस्या
जब आपको माइग्रेन का दौरा पड़ता है, तब आपको दर्द तीव्र हो सकता है, जो कि चार से 72 घंटों तक रहता है। माइग्रेन के दर्द के दौरान, आपको नीचे बताए अनुभव हो सकते हैं :
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- चक्कर आना
- शोर के प्रति संवेदनशीलता
- जी मचलाना और उल्टी
- सिर के एक तरफ या दोनों तरफ दर्द
- धुंधला दिखना
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माइग्रेन के लिए योग उपचार
माइग्रेन के दर्द से आराम पाने के लिए कोई माइग्रेन की टैबलेट लेता है तो कोई माइग्रेन के लिए घरेलू उपाय अपनाता है। लेकिन माइग्रेन के लिए योग या माइग्रेन के लिए प्राणायाम एक ऐसा प्राकृतिक उपाय है जो न सिर्फ इसके दर्द को कम कर सकता है बल्कि माइग्रेन से मुक्ति पाने में मदद करता है। सही तरीके से योग का आसन अभ्यास करने से माइग्रेन के खतरे को भी कम किया जा सकता है। माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए किन योगासनों का अभ्यास करना चाहिए इस बारे में जानने से पहले चलिये योगा के फायदों के बारे में पहले थोड़ा जान लेते हैं।
तनाव कम करता है योग :
क्या आप जानते हैं कि माइग्रेन के लिए योग तनाव को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। दरअसल कई अध्ययनों से पता चला है कि माइग्रेन के लिए योग कोर्टिसोल (एक प्रकार का हार्मोन जिसके अधिक बढ़ने के कारण आप तनाव का शिकार होते हैं।) के स्राव को कम कर सकता है। योग के साथ ध्यान करने से आप बहुत जल्द तनाव मुक्त हो सकते हैं। साथ ही आपको अच्छा फील होगा।
पुराने दर्द से राहत दिलाए योग :
माइग्रेन के लिए योग पुराने से पुराने दर्द को कम करने में आपकी मदद कर सकता है। चाहे वो चोट का दर्द हो या गठिया जैसी बीमारी । माइग्रेन के लिए योग आपको इससे राहत प्रदान कर सकता है। 2005 में किए गए एक अध्ययन से ये स्पष्ट होता है कि योग दर्द को कम करने और घुटनों के पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस में सुधार करने में आपकी मदद कर सकता है। हालांकि इस पर कुछ रिसर्च अभी और होना बाकी है लेकिन, योगा को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप कुछ हद तक इसका लाभ जरूर उठा सकते हैं।
नींद की गुणवत्ता बढ़ाता है योग :
अच्छी नींद नहीं होने से हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, तनाव इत्यादि बीमारियां हो सकती हैं। कई अध्ययन बताते हैं कि माइग्रेन के लिए योग को अपने रूटीन का हिस्सा बनाकर आप अच्छी नींद के मालिक बन सकते हैं। नींद पर योगा के प्रभावों को जानने के लिए लिम्फोमा के रोगियों पर किये गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि योग से नींद की गड़बड़ी कम हुई, नींद की गुणवत्ता और अवधि में सुधार हुआ और साथ ही साथ नींद की दवाओं की आवश्यकता कम हो गई।
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माइग्रेन से राहत :
माइग्रेन हर साल लगभग 7 में से 2 भारतीयों को प्रभावित करता है। रिसर्च से यह पता चलता है कि योग माइग्रेन से लड़ने में सहायक ट्रीटमेंट का बेहतर विकल्प है। लगभग 60 मरीजों पर किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि जिनका माइग्रेन के लिए योग से इलाज किया गया, उनके सिरदर्द की तीव्रता में पारंपरिक चिकित्सा वाले रोगियों की तुलना में बहुत कमी आयी। इसलिए योगा माइग्रेन में पारंपरिक इलाज साथ एक बेहतर सहायक विकल्प साबित हो सकता है।
माइग्रेन के लिए योगा के फायदे
फिटनेस के लिए योगा करना जितना जरूरी है उतना ही बीमारियों से राहत पाने के लिए योग के आसन करना जरूरी है। चलिये अब माइग्रेन के लिए कौन-से योगासन कर सकते हैं यह जानते हैं-
बालासन (Balasana/Child Pose)
इसको करना जितना आसान है उतना ही यह मस्तिष्क संबंधी समस्याओं जैसे स्ट्रेस आदि को कम करने में बहुत काम आता है। यह कमर के मसल्स को स्ट्रेसफ्री करने के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र को भी शांत करता है।
विधि:
1- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एड़ियों पर बैठ जायें।
2-कुल्हों पर एड़ी को रखते हुए आगे की ओर धीरे-धीरे झुकें। इसके बाद झुकते हुए सर को फर्श पर लगायें।
3-अपने हाथों को आगे बढ़ाकर जमीन को स्पर्श करें, अगर असुविधा महसूस हो रही हो तो एक हथेली के ऊपर दूसरे हथेली को रखकर सर को आराम से रखें।
4-अब छाती से अपने जांघों पर दबाव डालें।
5-जब तक आराम महसूस हो तब तक इसी स्थिति में बने रहें।
6- उसके बाद धीरे-धीरे उठकर एड़ी पर बैठ जायें , लेकिन ध्यान रहें कि मेरूदंड सीधी रहे।
हस्त पादासन (Standing Forward Bend)
हस्त पादासन को करते हुए जब आगे की झुकते हैं तो नाड़ी तंत्र में रक्त का संचालन अच्छी तरह से होता है इससे मन का तनाव या चिंता कम होने में मदद मिलती है। इससे रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।
विधि:
1-इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाये।
2-साँस अंदर लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जायें।
3- उसके बाद साँस छोड़ते हुए नीचे की ओर झुककर पैरों को छुएं।
4-अब धीरे-धीरे साँस लेते हुए हाथ को पहले आगे करें फिर उसको ऊपर कीजिये और सीधे खड़े हो जायें।
5-अब साँस लेते हुए नॉर्मल अवस्था में आ जायें।
मार्जारासन (Cat Stretch)
इस आसन को करने से पाचन प्रक्रिया बेहतर होता है, साथ ही मन शांत होता है। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है इससे स्ट्रेस कम होता है।
विधि:
1- इस आसन को करने के लिए हाथ और पैर के बल बैठ जायें।
2-उसके बाद गर्दन को सीधी रखें और नजर को सामने रखें।
3-साँस लेते हुए सर को पीछे की ओर ले जाते हुए नाभी को सिकुड़े और कमर को ऊपर की ओर ले जायें।
4- अपने सुविधा के अनुसार इस स्थिति में थोड़ी देर रहें और फिर इसी प्रक्रिया को विपरित दोहराते हुए पहले के स्थिति में आ जायें।
पश्चिमोतानासन (Two Legged Forwad Bent)
इस आसन को झुककर करने के कारण मस्तिष्क शांत होता है इससे माइग्रेन के दर्द से भी कुछ हद तक आराम मिलता है।
विधि:
1-इस आसन को करने के लिए पहले बैठ जायें।
2- अब पैरों को आगे की ओर सीधे फैलायें, सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर लें।
3-उसके बाद सांस छोड़ते हुए हाथ को नीचे ले जाते हुए पैर के उंगलियों को छूने की कोशिश करें।
4- इस प्रक्रिया को करने के लिए जबरदस्ती न करें जहाँ तक हाथ जाये वहीं तक करें।
5- अब फिर सांस भरते हुए हाथ को ऊपर उठाते हुए पहले के स्थिति में आ जायें।
अधोमुखश्वानासन (Downward Facing Dog Face)
इस आसन को करते समय मस्तिष्क को नीचे करने से रक्त का संचार अच्छा होने के कारण माइग्रेन के दर्द से आराम मिलता है।
विधि:
1-इस आसन को करने से शरीर बिल्कुल अंग्रेजी अक्षर के ऊपर की उल्टे “V’ की तरह नजर आता है।
2- जब आगे की झुकते हैं इस आसन को करने के लिए तब शरीर की अवस्था कुत्ते की तरह दिखती है।
पद्मासन (Lotus Pose)
पद्मासन को करने से शरीर को अजीब-सी एनर्जी मिलती है और सिर के दर्द से जल्दी आराम मिल जाता है।
1- इस आसन को करने के लिए पालथी में बैठ जायें।
2- बायें पैर को दाहिने जांघ पर रखें और एड़ी पेट के पास होनी चाहिए, ठीक उसी तरह दूसरे पैर की अवस्था भी होनी चाहिए।
3- इस प्रक्रिया के दौरान रीढ़ की हड्डी सीधी रहनी चाहिए।
शवासन (Corpse Pose)
शवासन को करते समय मन को एकाग्र करना पड़ता है इससे मन शांत होता है और दर्द से राहत मिलती है।
विधि:
1- इस आसन को करना बहुत ही आसान है।
2- पीठ के बल बिना तकिये के लेट जाये। पैर सीधा और हाथ सीधा होना चाहिए।
3- लेकिन हाथ शरीर को स्पर्श नहीं होना चाहिए और हथेली ऊपर की ओर होनी चाहिए।
माइग्रेन के लिए योग के फायदे तो हम सभी प्राचीन काल से जानते हैं लेकिन माइग्रेन के लिए योग करने की जगह हम दवाइयों का सहारा लेते हैं। अगर एक आम इंसान अपने दैनिक जीवन में योगा को शामिल कर ले तो उसकी कई तरह की मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर हो सकती हैं। इसलिए हमेशा माइग्रेन के लिए योग का सहारा लें।
उम्मीद है माइग्रेन के लिए योग पर लिखा आर्टिकल आपको पसंद आएगा। तो अगर आपको या आपके किसी परिजन को माइग्रेन की समस्या है तो माइग्रेन के लिए योग का सहारा ले सकते हैं।
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