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क्या आप जानते हैं? बाएं हाथ से काम करने वाले लोग कम जीते हैं!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Hema Dhoulakhandi द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/02/2020

    क्या आप जानते हैं? बाएं हाथ से काम करने वाले लोग कम जीते हैं!

    कई रिसर्च में ये दावा किया गया है कि बाएं हाथ से काम करने वाले लोग (खब्बुओं) की लाइफ सीधे हाथ से काम करने वालों के मुकाबले कुछ कम होती है।माना जाता है कि दुनिया भर में लेफ्ट हैंडेड लोगों की तादाद मात्र 15 प्रतिशत है क्योंकि कई लोग पैदा तो खब्बू होते हैं पर बाद में चलकर राइटी हो जाते हैं। लेफ्ट हैंडेंड लोगों जुड़े फैक्ट जानने के लिए यह आर्टिकल पढ़ें।

    हाथ से जुड़े रोचक तथ्य

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    सीधे हाथ से लिखने वालों की आयु ज्यादा

    ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक लेफ्ट हैंडेड लोगों की जिंदगी राइट हैंडेड लोगों से कम हो सकती है। इसमें करीब एक हजार लोगों पर यह शोध किया गया। इसमें पाया गया कि राइट हैंडेड लोगों की जिंदगी जहां 75 वर्ष तक चली वहीं बाएं हाथ वालों की जिंदगी 66 वर्ष में सिमट गई।

    बायां हाथ दाएं हाथ के बजाए ज्यादा काम करता है

    जब आप टाइपिंग कर रहे होते हैं तो बायां हाथ दाएं हाथ के मुकाबले ज्यादा काम करता है। बायां हाथ जहां 56 प्रतिशत काम करता है वहीं दायां हाथ 44 प्रतिशत काम करता है। तो अगली बार टाइपिंग कर रहे हों तो अपने सीधे हाथ को क्रेडिट देने के बजाए बाएं हाथ के काम पर भी ध्यान दें।

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    हाथ की कौन सी अंगुली के टूटने का डर सबसे ज्यादा होता है?

    हाथ में पिंजी उंगली के टूटने का डर सबसे ज्यादा होता है। पिंजी उंगली जिसे बेबी फिंगर भी कहा जाता है। यह सबसे पहले इसलिए  टूट सकती है क्योंकि यह बाहर की ओर होती है। इसके अलावा बेबी फिंगर की हड्डी भी अन्य फिंगर की हड्डियों के मुकाबले छोटी होती है।

    अंगुलियों में नहीं होते मसल्स

    क्या आप जानते हैं कि फिंगर में कोई मसल्स नहीं होती हैं। अंगुलियों, कलाई, हथेलियों और फोरआर्म की मसल्स के माध्यम से अंगुलियां मूवमेंट करती हैं।

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    हाथ में 27 हड्डियां होती हैं

    वयस्क व्यक्ति के शरीर में 206 और बच्चे के शरीर में 300 हड्डियां होती हैं। इनमें से हाथों में कुल मिलाकर 27 हड्डियां होती हैं तो आपका हाथ ढाई किलो का हो ना हो उसमें 27 हड्डियों जरूर होती  हैं।

    टेस्टोस्टेरोन की वजह से होती हैं अंगुलियां छोटी-बड़ी

    रिंग फिंगर और इंडेक्स फिंगर में अंतर की बात की जाए तो आप कहेंगे कि बस ऐसा ही होता है। पर क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह टेस्टोस्टेरोन है। जी हां! जब बच्चा गर्भ में होता है तब ही अंगुलियों का बड़ा और छोटा होना तय हो जाता है। पुरुषों में रिंग फिंगर और महिलाओं में इंडेक्स फिंगर बड़ी होती है।

    सीधे हाथ से काम करने वाले पेरेंट्स के बच्चे सीधे हाथ से लिखेंगे या बाएं से?

    हाथ से जुड़े रोचक तथ्य की बात करें तो सीधे हाथ से लिखने वाले पेरेंट्स के बच्चे भी सीधे हाथ से लिखते हैं लेकिन दस प्रतिशत ऐसा हो सकता है कि बच्चा उल्टे हाथ से लिखने वाला हो। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सीधा हाथ या उल्टा हाथ काम में लाना है यह जेनेटिक और हॉर्मोन पर निर्भर करता है। वहीं बाएं हाथ से लिखने वाले पेरेंट्स के 30 से 40 प्रतिशत बच्चे सीधे हाथ का यूज करने वाले हो सकते हैं।

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    हाथ के नाखून पैर से जल्दी बढ़ते हैं

    पैरों के बजाए हाथों की अंगुलियों के नाखून जल्दी बढ़ते हैं। हाथों की अंगुलियों के नाखून महीने भर में लगभग एक इंच के दसवें हिस्से तक बढ़ते हैं। वहीं पैर के नाखून अंगुलियों के नाखूनों की तुलना में एक चौथाई कम तेजी से बढ़ते हैं।

    हाथ से जुड़े रोचक तथ्य पढ़कर भूलें ना बल्कि अगली बार टाइप करने पर बाएं और दाएं हाथ के काम को कैलक्युलेट करें, वहीं अपनी बेबी फिंगर के प्रति भी अधिक सजग रहें। चूंकि इसकी इंज्युरी के चांस सबसे ज्यादा होते हैं।

    लेफ्टी महिलाओं को ज्यादा होता है स्तन कैंसर का खतरा

    ब्रिटिश जर्नल ऑफ कैंसर में साल 2007 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, महिलाएं किस हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं इसका संबंध कैंसर के रिस्क से हो सकता है। इस अध्ययन में सामने आया कि जो महिलाएं लेफ्टी होती हैं यानि कि जो महिलाएं अपने ज्यादातर कामों के लिए बाएं हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा पाया जाता है। साथ ही मेनोपॉज के बाद यह खतरा और बढ़ जाता है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में बहुत कम महिलाओं को शामिल किया गया था और ज्यादा महिलाओं को अध्ययन में शामिल करने पर परिणाम बदल भी सकते हैं। अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार यह केवल एक इशारा भर है लेकिन अभी आगे इस विषय पर जांच करने की जरूरत है।

    लेफ्टी लोग और मानसिक विकार

    साल 2013 में अमेरिका स्थित येल यूनिवर्सिटी ने सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सुविधा में बाएं और दाएं हाथ से लिखने वालों पर ध्यान केंद्रित कर एक अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि 11 प्रतिशत रोगी जो अवसाद और बाइपोलर डिसऑर्डर पाए गए वे बाएं हाथ से लिखने वाले थे। साथ ही जब मानसिक विकारों जैसे कि सिजोफ्रेनिया और स्किज़ोफेक्टिव डिसऑर्डर वाले रोगियों का अध्ययन किया गया, तो 40 प्रतिशत रोगियों ने बताया कि वे अपने बाएं हाथ से लिखने के बारे में बताया यानि कि भी लेफ्टी थे।

    जुड़वाओं में लेफ्ट हैंडेड होने के चांस ज्यादा

    बच्चे यदि जुड़वा हैं तो आप यह अपेक्षा कर सकते हैं कि उनमें टैलेंट कूट-कूटकर भरा होगा क्योंकि सन् 1996 की बेल्जियम की एक स्टडी के अनुसार 1700 जुड़वा बच्चों में से 21 प्रतिशत बच्चे ले​फ्ट हैंडेड थे। बाएं हाथ से लिखने वालों के ज्ञान की चर्चा देश-दुनिया में फैली हुई है। इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा बाएं हाथ से लिखता है तो यह अंधविश्वास करके बैठ जाएं कि वो तो अब स्टार ही बनेगा। जरूरी नहीं कि ऐसा हो भी।

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