त्वचा पर होने वाले फोड़े फुंसियां (Boils) दिखने में खराब तो लगते ही हैं साथ ही इनकी वजह से काफी तकलीफ भी होती है। हालांकि, त्वचा पर फोड़े-फुंसी का होना एक आम समस्या है। बात की जाए इसके कारणों की तो, अक्सर यह बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होते हैं, जो त्वचा में बहुत अंदर तक पहुंच जाते हैं। इसकी शुरुआत लाल रंग की फुंसी से होती है, जो बाद में बड़ी हो जाती है।
फोड़े फुंसियां क्या है?
फोड़े फुंसियां अंग्रेजी में एब्सेस कहलाती हैं। फोड़े फुंसियां कुछ और नहीं, बल्कि त्वचा पर उभरी हुई गांठ है, जो गुलाबी और गहरे लाल रंग की होती है। फोड़े फुंसियां ऊपर पीले रंग की होती हैं और उनका आधार लाल होता है। ये पीला रंग पस या मवाद होता है। फोड़े में बनने वाला पस हमारी मृत व्हाइट ब्लड सेल्स होती है। जो फोड़े फुंसियां बनाने वाले बैक्टिरिया से लड़ते हुए मृत हो जाती हैं।
फोड़े फुंसियां शरीर पर कहीं भी हो सकते हैं। फोड़े फुंसियां एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) हैं, जो स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया के कारण होता है। स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया को स्टैफ भी कहा जाता हैं। मनुष्य के शरीर पर बाल और रोम होते हैं। स्टेफिलोकोकस बैक्टीरिया हमारी त्वचा के द्वारा रोम छिद्रों में पहुंच जाता है।
रोम छिद्रों में पहुंचने के बाद स्टेफिलोकोकस संक्रमण फैलाता है।फोड़े फुंसियां होने पर सबसे पहले छोटे लाल दाने निकलते हैं। जो धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं। इसके बाद लाल दाने का मुंह पीला या सफेद होने लगता है। कुछ समय बाद फोड़े फुंसियां रिसने लगते हैं।
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फोड़े फुंसियां होने के क्या कारण हैं?
अमूमन बच्चे या बड़ों को फोड़े फुंसियां स्टैफ बैक्टीरिया के कारण होते हैं। लेकिन फोड़े फुंसियां होने के और भी कई कारण हैं।
- बच्चे के गालों को अगर कोई भी किस करता है तो उसे संक्रमण हो सकता है। जिससे बच्चे को फोड़े फुंसियां निकल जाते हैं।
- चेहरे को ठीक तरह से साफ न करने पर फोड़े फुंसियां हो जाते हैं।
- बच्चे के गालों को अगर खुरदुरे कपड़े से साफ किया जाता है तो भी फोड़े फुंसियां हो जाती हैं।
- कई बार कपड़ों को स्ट्रांग डिटर्जेंट पाउडर से धुला जाता है तो हमें इससे एलर्जी हो जाती है। जिससे फोड़े फुंसियां निकलने लगती है।
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फोड़े-फुंसियों के लक्षण क्या हैं?
शरीर में जहां पर भी फोड़े फुंसियां होने होते हैं, उस जगह पर शुरू में दर्द होगा। फिर लाल रंग के छोटे दाने हो जाते हैं। इसके बाद, लाल दाने धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं। फिर उनमें पस भर जाता है। जिस वजह से फोड़े-फुंसियों में जलन और खुजली के साथ दर्द होने लगते है।
फोड़े-फुंसियों का घरेलू इलाज
तुलसी
शरीर में खून के दूषित होने की वजह से भी फोड़े फुंसियां होने लगती हैं। ऐसे में रोजाना सुबह खाली पेट चार से पांच तुलसी के पत्ते चबाएं। इससे ब्लड शुद्ध होगा और फोड़े फुंसियां खुद बखुद हमारे शरीर को अलविदा कह देंगी।
नीम
शरीर पर होने वाले फोड़े-फुंसियों को ठीक करने के लिए नीम के पत्ते और नीम की छाल को बराबर मात्रा में पीसकर लेप बना लें। अब इसे फुंसियों पर लगाएं। ऐसा करने से काफी जल्दी आराम मिलेगा।
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हल्दी
हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लमेटरी तत्व शरीर में खून को साफ करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप हल्दी और अदरक का पेस्ट बनाकर फुंसियों पर लगाएं। आपको फोड़े-फुंसियों से राहत मिलेगी।
मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी को पानी में भिगोकर फोड़े-फुंसियों पर लगाएं। दो-तीन दिन तक नियमित रूप से लगाने पर फोड़े फुंसियां ठीक हो सकती हैं।
एलोवेरा
एलोवेरा इस्तेमाल करने के लिए एलोवेरा जेल में थोड़ी-सी हल्दी मिक्स कर लें। इस पेस्ट को फोड़े-फुंसियों पर लगाएं। इससे भी फोड़े फुंसियां ठीक हो सकते हैं।
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नारियल तेल और टी ट्री ऑयल
नारियल तेल और टी ट्री ऑयल को ब्यूटी प्रोडक्ट के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। फोड़े-फुंसियों पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
चंदन
चंदन की तासीर ठंडी होती है। चंदन और दूध को मिला कर लेप बना लें और फोड़े से प्रभावित स्थान पर लगाएं। फोड़े में होने वाले जलन से राहत मिलेगी।
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अमरूद की पत्तियां
अमरूद की पत्तियां फोड़े को अपने आप पक कर फूटने में मदद करती है। अमरूद की पत्तियों को पानी में उबालकर पीस लें। इस लेप को फोड़े पर लगाएं।
फोड़े फुंसियां होने पर न खाएं ये चीजें
फोड़े फुंसियां होने पर आपको अपने खान-पान पर भी ध्यान देना होगा। ऐसे में आप ऐसा कुछ भी न खाएं, जो इस दौरान आपकी समस्या को और बढ़ा दे। फोड़े फुंसियां होने पर लाल मिर्च, तेल, खटाई, इमली, चाय, कॉफी, नमक आदि का सेवन ज्यादा न करें। इससे समस्या बढ़ सकती है।
फोड़े-फुंसी काफी तकलीफदेह होते हैं, इसलिए आप ऊपर बताए गए घरेलू उपाय अपना सकते हैं। लेकिन, अगर घरेलू नुस्खों से फोड़े फुंसियां ठीक नहीं हो पा रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
फोड़े फुंसियों का अन्य इलाज क्या है?
फोड़े फुंसियां होने पर जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर पहले इसका इलाज दवा से करने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब फोड़े फुंसियां पक कर फूटने की स्थिति में रहते हैं तब डॉक्टर इसकी सर्जरी करते हैं। फोड़े-फुंसियों की सर्जरी भी दो तरह से की जाती है। पहला तो बिना चीरा लगाए सिर्फ फोड़े-फुंसियों का दबा कर पस निकाला जाता है। जिसमें फोड़े के बीच का ठोस भाग भी निकल जाता है। लेकिन जब फोड़ा काफी बड़ा होता है तो सर्जरी की नौबत आती है।
फोड़े की सर्जरी होने में मात्र 10 से 20 मिनट का वक्त लगता है। डॉक्टर आपकी त्वचा के उस स्थान पर चीरा या कट लगाते हैं, जहां पर फोड़ा हुआ रहता है। इसके बाद फोड़े के अंदर जमे पस को सर्जन निकाल देते हैं। अगर फोड़ा ज्यादा अंदर तक नहीं होता है तो वो खुद बखुद भर (Heal) जाता है। लेकिन, अगर फोड़ा त्वचा में ज्यादा गहरे तक होता है तो उसकी सर्जरी करने के बाद डॉक्टर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाकर पट्टियां बांधते हैं। इस दौरान अगर आपको किसी भी तरह की समस्या होती है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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