प्याज में मौजूद फोलेट अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में और आपका मूड अच्छा बनाए रखने में अहम रोल निभाता है। होमोसिस्टीन (Homocysteine) ब्लड और अन्य पोषक तत्वों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकता है और फोलेट इस केमिकल को बनने से रोकता है। साथ ही होमोसिस्टीन फील-गुड हार्मोन सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन के उत्पादन में भी हस्तक्षेप करता है, जो न केवल मूड को नियंत्रित करता है, बल्कि नींद और भूख को भी नियंत्रित करता है।
वैसे तो डिप्रेशन डायट जैसा कुछ होता नहीं है लेकिन, अवसाद में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए? यह मायने रखता है। इससे डिप्रेशन के उपचार पर असर पड़ सकता है। ऊपर बताए गए फूड्स के साथ ही डिप्रेशन डायट में मछली, प्रोबायोटिक्स, सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ, विटामिन डी आदि भी शामिल करें। डिप्रेशन के लक्षण जल्द से जल्द ठीक हो सके, इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम, योग, मेडिटेशन आदि पर भी ध्यान दें।
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डिप्रेशन में क्या खाना चाहिए: बैरीज (Berries)
ब्लूबैरी, स्ट्रॉबैरी, ब्लैकबैरी में सबसे ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। एक रिसर्च में बताया गया कि डिप्रेशन से ग्रस्त जिन मरीजों को दो सालों तक ब्लूबैरी, स्ट्रॉबैरी, ब्लैकबैरी जैसी चीजें खानें को दी गईं, उनमें डिप्रेशन काफी हद तक घट गया। माना जाता है कि एंटीऑक्सिडेंट्स एक तरह से हमारे डीएनए की मरम्मत करते हैं और हमें कई तरह की गंभीर बीमारियों से भी बचाते हैं।
इन से बनाएं दूरी…
डिप्रेशन से लड़ने के लिए जिस तरह कुछ फूड्स फायदेमंद हैं, ठीक वैसे ही कुछ चीजों का सेवन करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसलिए आपको इससे दूरी बनाए रखनी चाहिए, आइए इनके बारे में जानते हैं…