सामान्य जीवन और वास्तविकता के बीच तालमेल बिगड़ने को मनोविकृति कहते हैं। यह गंभीर मानसिक विकारों का एक लक्षण है। जो लोग मनोविकृति का सामना कर रहे हैं, उनमें मतिभ्रम या भ्रम हो सकता है।
उदाहरण के लिए, श्रवण (सुनने) का मतिभ्रम रखने वाले व्यक्ति को यह भ्रम हो सकता है कि उसकी मां उस पर चिल्ला रही है जबकि उसकी मां आसपास होती ही नहीं है।
वहीं, दृश्य मतिभ्रम रखने वाले किसी व्यक्ति को उसके सामने कोई अन्य व्यक्ति या चीज दिखाई दे सकती है, जो वास्तव में वहां होती ही नहीं है।
मनोविकृति का अनुभव करने वाले व्यक्ति के मन में ऐसे विचार आ सकते हैं, जो वास्तविकता के विपरीत हों। इन विचारों को भ्रम के रूप में जाना जाता है।
ऐसे में, इस बीमारी से पीड़ित लोग खुद को या दूसरों को चोट पहुंचा सकते हैं। यदि किसी परिचित व्यक्ति को मनोविकृति के लक्षणों का अनुभव हो रहा है तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
मनोविकृति के लक्षण
- मुश्किल से ध्यान देना
- उदास मन
- बहुत अधिक या पर्याप्त नींद नहीं लेना
- चिंता
- शक्कीपन
- परिवार और दोस्तों दूरी बना लेना
- भ्रम
- बुरे सपने
- डिप्रेशन होना या आत्मघाती विचार आना
आत्महत्या की रोकथाम
अगर आपको लगता है कि आपसे जुड़ा या आसपास का व्यक्ति खुद को या किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान या चोट पहुंचा सकता है, तो :
• अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें।
• मदद आने तक व्यक्ति के साथ रहें।
• किसी भी बंदूक, चाकू, दवाओं या अन्य चीजों को हटा दें, जिससे नुकसान हो सकता है।
और पढ़ें : दुनिया की 5 सबसे दुर्लभ मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं
भ्रम और मतिभ्रम क्या हैं?
भ्रम और मतिभ्रम अक्सर मनोविकृति वाले लोगों को महसूस होते हैं। भ्रम और मतिभ्रम उस व्यक्ति को वास्तविक लगते हैं, जो उन्हें अनुभव कर रहा है। आपको इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति के विचार समझ नहीं आएंगें।
भ्रम
भ्रम एक गलत धारणा है, जो कभी वास्तविकता जैसी लगने लगती है, जिसे आमतौर पर सच मान लिया जाता है। जो लोग भ्रम का सामना कर रहे हैं, उन्हें लगता है कि उनका पीछा किया जा रहा है या गुप्त संदेश उन्हें भेजे जा रहे हैं।
मतिभ्रम
ऐसा कुछ देखना, सुनना, महसूस करना या सूंघना, जो मौजूद ही नहीं है। मतिभ्रम वाले व्यक्ति को वो चीजें दिख सकती हैं, जो मौजूद नहीं हैं।
और पढ़ें : क्या मानसिक रोगी दूसरे लोगों के लिए खतरनाक हैं?
मनोविकृति के लक्षण
साइकोसिस अचानक से शुरू नहीं होता है। यह समस्या इस तरह के पैटर्न में शुरू होता है :
मनोविकृति से पहले के संकेत : इसमें आपकी सोच में और दुनिया को देखने के नजरिए में धीरे-धीरे बदलाव आता है। ऑफिस में परफॉरमेंस में गिरावट, ध्यान लगाने और स्पष्ट सोचने में दिक्कत, दूसरों पर शक करना, खुद का ख्याल ना रख पाना, जरूरत से ज्यादा अकेले समय बिताना और कई बार कुछ भी एमोशन्स नहीं दिखाने जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।
मनोविकृति के शुरुआती लक्षण : इसमें आपको वो चीजें दिख या सुनाई दे सकती हैं जो दूसरों को नहीं देती, दूसरों की कही बातों को नजरअंदाज करते हुए अपने द्वारा महसूस की गई चीजों को ही सच मानना, परिवार और दोस्तों से दूर होने, अपनी देखभाल ना करना और चीजों पर पहले की तरह ध्यान ना दे पाना।
मनोविकृति के दौरों के लक्षण : इसमें आपको ऊपर बताए गए लक्षणों के साथ कुछ और भी लक्षण महसूस हो सकते हैं जैसे कि आसपास शांति होने पर भी आवाजें सुनाई देना, अजीब सी चीजें महसूस होना जिन्हें आप किसी को समझ भी ना पाओ, ऐसे लोग दिखना जो असल में वहां हो ही ना।
इसके अलावा आपको ऐसी चीजें महसूस हो सकती हैं जो दूसरों की समझ से परे हों, छोटी-छोटी बातें आपको बुरी तरह से प्रभावित कर दें।
मनोविकृति के कारण
मनोविकृति का हर मामला अलग होता है और इसके सटीक कारण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं। कुछ बीमारियां हैं, जो मनोविकृति का कारण बन सकती हैं।
इसके अलावा, ड्रग लेना, नींद की कमी और अन्य पर्यावरणीय कारकों जैसे ट्रिगर भी इस बीमारी के कारक हो सकते हैं। इसके अलावा, कुछ स्थितियों से मनोविकृति का विकास हो सकता है।
यूं तो वर्तमान समय में अभी मनोविकृति का कोई ठोस कारक निश्चित नहीं है। हालांकि, अध्ययनों से पता चला है कि जींस मनोविकृति का एक प्रमुख कारक हो सकते हैं।
अगर वे किसी करीबी परिवार के सदस्य जैसे कि माता-पिता या भाई-बहन, जिन्हें मानसिक विकार है, तो दूसरों में भी साइकोटिक डिसऑर्डर होने की संभावना हो सकती है।
और पढ़ें : बच्चों के मानसिक तनाव को दूर करने के 5 उपाय
इन बीमारियों के कारण मनोविकृति हो सकती है:
- मस्तिष्क रोग जैसे कि पार्किंसंस रोग, हंटिंगटन रोग और कुछ गुणसूत्र विकार (क्रोमोजोम डिसऑर्डर)
- ब्रेन ट्यूमर या सिस्ट
- अल्जाइमर रोग, एचआईवी, सिफलिस और अन्य संक्रमण, जो मस्तिष्क पर हमला करते हैं
- मिर्गी, आघात
मनोविकृति का इलाज क्या हो सकता है?
कुछ दवाओं और थेरेपी के जरिए मनोविकृति का इलाज किया जा सकता है। मनोविकृति से पीड़ित कुछ लोग खुद को या दूसरों को हानि पहुंचा सकते हैं। ऐसे में उन्हे शांत किया जाता है।
इस प्रक्रिया को रैपिड ट्रैक्युलाइजेशन कहा जाता है। इसके अलावा, एंटीसाइकोटिक (anti-psychotics) दवाओं से इसके कुछ लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है।
इससे दु:स्वप्न और भ्रम जैसे लक्षणों को कम किया जा सकता है। वहीं, कोग्नीटिव थेरेपी से भी इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इस थेरेपी में मरीज को नियमित रूप से मेंटल हेल्थ काउंसलर से मिलना होता है और बात करनी होती है।
मनोविकार के प्रकार
मनोविकार या मनोविकृति के कई प्रकार हो सकते हैं। ये किसी विशेष परिस्थिति के कारण भी हो सकते हैं। ऐसे में इन्हें इन्हीं के आधार पर बांटा भी जाता है :
संक्षिप्त मानसिक विकार (Brief psychotic disorder)
संक्षिप्त मानसिक विकार, जिसे कभी-कभी संक्षिप्त प्रतिक्रियाशील मनोविकृति भी कहा जाता है। परिवार के सदस्य की मृत्यु जैसे चरम व्यक्तिगत तनाव के दौरान हो सकता है।
संक्षिप्त मनोविकृति का अनुभव करने वाला व्यक्ति आमतौर पर तनाव के कारण और अपने आस-पास के माहौल के आधार पर कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में ठीक हो सकता है।
ड्रग या शराब से संबंधित मनोविकार
शराब या ड्रग्स के अत्यधिक उपयोग से मनोविकृति ट्रिगर हो सकती है, जिसमें मेथम्फेटामाइन और कोकीन जैसे उत्तेजक शामिल हैं।
एलएसडी जैसी विभिन्न दवाओं के कारण कई बार उपयोगकर्ता ऐसी चीजों को देखने लगते हैं जो वास्तव में वहां नहीं होती हैं, लेकिन यह प्रभाव अस्थायी होता है।
स्टेरॉयड और उत्तेजक जैसी कुछ दवाओं का सेवन भी मनोविकृति के लक्षण पैदा कर सकता है। जिन लोगों को शराब या अन्य किसी ड्रग की लत है, वे अगर अचानक शराब छोड़ने की कोशिश करें, तो भी इस तरह के मानसिक लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।
मनोविकृति के कारण लोग हो सकते हैं सुसाइडल टेंडेंसी के शिकार
मनोविकृति या साइकोसिसस के कारण लोग सुसाइडल टेंडेंसी के शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में पीड़ित को लगातार आत्महत्या के ख्याल आते हैं। वहीं अगर आपको लगता है कि आपके खुद के अंदर या आपके आस-पास किसी में मनोविकृति के लक्षण दिख रहे हैं और आपको लगता है कि ऐसे में वह खुद को या किसी और को नुकसान पहुंचा सकते हैं, तो आप अपने स्थानीय इमरजेंसी नंबर को कॉल करें।
इसके अलावा जब भी आपको ऐसा कुछ लगे, तो मदद आने तक पीड़ित के साथ रहें। साथ ही चाकू, बंदूक या इस तरह की किसी भी चीज को ऐसे व्यकित की पहुंच से दूर कर दें।
मनोविकृति से पीड़ित व्यक्ति का इलाज काफी मामलों में संभव है। बस आपको स्थिति को समझते हुए रोगी की सही देखभाल और सही उपचार कराने की जरूरत है।