‘स्कूल में, मुझे हमेशा से डर लगता था कि टीचर मुझे सवाल का जवाब देने के लिए कहेगी। मैं नहीं चाहता था कि लोग मुझे बेवकूफ या नासमझ समझें। ऐसे में मेरा दिल तेजी से धड़कने लगता था और मुझे चक्कर और बीमारी महसूस होती थी। जब मुझे नौकरी मिली, तो मुझे अपने बॉस से मिलने या किसी मीटिंग में बात करने से नफरत थी। मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त की शादी के रिसेप्शन में नहीं जा सका क्योंकि मुझे नए लोगों से मिलने का डर था। मैंने एक कार्यक्रम से पहले कई गिलास शराब पीकर अपने आप को शांत करने की कोशिश जिसका नतीजा ये निकला की मैं हर दिन पीने लगा। स्थिति बिगड़ती गई तो डॉक्टर से सलाह लेने पर पता चला कि ये सब सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर की वजह से हो रहा है।’ यह कहानी है सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति की।
क्या आप दूसरों के लिए फैसलों से डरते हैं? क्या आप रोजमर्रा के जीवन में बहुत आत्म-केंद्रित हैं? क्या आप नए लोगों से मिलने से बचते हैं? अगर आप पिछले 6 महीनों से ऐसी भावनाओं से घिरे हुए हैं, जो आपके काम को मुश्किल बना रही है, जैसे कि स्कूल में लोगों से बात करने में दिक्कत,तो आपको सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर हो सकता है।
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सोशल एंग्जायटी (Social anxiety) क्या है?
इसे सोशल फोबिया (Social Phobia) के नाम से भी जाना जाता है। सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर जिसे सामाजिक भय भी कहा जाता है। एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है। यह दूसरों का हमें देखे जाने या उनके लिए फैसलों के प्रति हमारा अज्ञात डर होता है। यह डर काम, स्कूल और आपकी अन्य दिन की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है। यह डर हमे दोस्ती करने या दोस्त बनाने नहीं देता है। बहुत सारे दोस्तों के बीच जब बातचीत करने में हिचकिचाहट हो, अकेले बाहर जाने से कतराते लगें, किसी के पास में खड़े होने या बैठ जाने से लिखना और फोन पर बात करने में परेशानी महसूस होने लगे तो आपको सोशल फोबिया की समस्या हो सकती है।
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सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social anxiety disorder) से ग्रस्त इंसान क्या सोचता है?
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर चिंता विकार का एक सामान्य प्रकार है। सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर वाले व्यक्ति को सामाजिक स्थितियों में चिंता या भय महसूस होते हैं, जैसे कि नए लोगों से मिलना, डेटिंग, नौकरी के लिए इंटरव्यू पर जाना, कक्षा में एक प्रश्न का उत्तर देना, या एक स्टोर में कैशियर से बात करना। लोगों के सामने रोजमर्रा की चीजें करना – जैसे कि दूसरों के सामने खाना या पीना या सार्वजनिक टॉयलेट का उपयोग करना – यह भी चिंता या भय का कारण बनता है। व्यक्ति को डर है कि उसे अपमानित किया जाएगा या उसे बॉयकाट कर दिया जाएगा।
सामाजिक स्थितियों में सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर वाले लोगों का डर बहुत मजबूत होता है। उन्हें लगता है कि यह उनके नियंत्रण से परे हैं। नतीजतन, काम पर जाने, स्कूल जाने या रोजमर्रा के काम करने के तरीके में भी डर साफ दिखने लगता है। कभी-कभी, वे ऐसी जगहों या घटनाओं से दूर रहते हैं जहां उन्हें लगता है कि उन्हें कुछ ऐसा करना पड़ सकता है जो उन्हें शर्मिंदा करे।
इस मानसिक विकार वाले कुछ लोगों में प्रदर्शन संबंधी चिंता होती है, जैसे कि भाषण देना, खेल खेल खेलना, या नृत्य करना या मंच पर संगीत वाद्ययंत्र बजाना।
यह डिसऑर्डर आमतौर पर युवाओं में होता है जो बेहद शर्मीले होते हैं। शोध बताते हैं कि लगभग 7 प्रतिशत अमेरिकी इस विकार से प्रभावित हैं। उपचार के बिना, यह मानसिक विकार किसी इंसान के भीतर जीवन भर रह सकता है। ये विकार किसी व्यक्ति को उसकी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोक सकता है।
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सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं? (symptoms of social anxiety disorder)
- तेजी से दिल की धड़कन महसूस करते हैं
- मन में खाली पन रहता है
- इस विकार से पीड़ित लोग डरते हैं कि अन्य लोग उन्हें जज करेंगे
- नई जगहों या नए लोगों से न मिलना
- फैसला करने की क्षमता कम होना
- बोलते हुए घबराहट
- बेवजह चिंता
- हाथ-पैर का बेवजह कांपना
- घबराहट
- डर
- नकारात्मक विचार
- बेकाबू होना
- लोगों से डर लगना
- हाथ पैरों का ठंडा होना, मांसपेशियों में सूजन और पेट में हलचल के लक्षण दिखाई देते हैं।
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सोशल फोबिया या सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर के क्या हैं कारण? (Causes of social anxiety disorder)
आनुवंशिक
यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है। यदि किसी के माता-पिता को यह बीमारी हो तो बच्चों में भी सोशल फोबिया होने की संभावना होती हैं। सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर अधिक तौर पर लगभग 13 साल की उम्र से शुरू होता है।
दिमागी बनावट
मस्तिष्क का एक हिस्सा जिसे अमिग्डाला कहते हैं, जिसका काम डर पर की गई प्रतिक्रिया को नियंत्रित करना होता है। यदि दिमाग का यह भाग ज्यादा सेंसिटिव है, तो ऐसा व्यक्ति सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर से ग्रस्त हो सकता है।
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नकारात्मक अनुभव
जीवन की कुछ नकारात्मक घटनाएं भी सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर का एक कारण हो सकती हैं। कई लोगों के साथ अतीत में कुछ ऐसी बुरी घटनाएं घट जाती हैं, जिसके कारण वे दूसरों का सामना करने से डरते हैं।
वातावरण
माता-पिता का जरूरत से ज्यादा बच्चों को कंट्रोल करना या ज्यादा सुरक्षा देना भी एक कारण हो सकता है।
स्वभाव
जो बच्चे शर्मीले और डरपोक होते हैं उनमें आगे जाकर सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर होने की संभावना अधिक होती है।
स्वास्थ्य स्थिति
बीमारी की वजह से भी सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर हो सकता है। जैसे आप स्किन की एक ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं जिससे दूसरों का ध्यान आपके खराब चेहरे पर पड़ता है, तो आप खुद को दबा हुआ पाएंगे। लंबे समय तक बनी हुई ऐसी स्थिति सोशल फोबिया का कारण बन सकती है।
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यह आपके जीवन को कैसे प्रभावित करता है ये डिसऑर्डर ?
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर आपको अपना जीवन जीने से रोकता है। आप उन स्थितियों से बचेंगे, जिन्हें ज्यादातर लोग सामान्य मानते हैं। जब आप सभी या अधिकांश सामाजिक स्थितियों से बचते हैं, तो यह आपके व्यक्तिगत संबंधों को प्रभावित करता है। इस डिसऑर्डर से यह भी हो सकता है:
- कम आत्म सम्मान
- नकारात्मक विचार
- डिप्रेशन
- आलोचना के प्रति संवेदनशीलता
- सामाजिक कौशल जो सुधार नहीं कर पाना
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर है तो कैसे करें इलाज? (Treatments for social anxiety disorder)
सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर की वजह खुद इंसानी दिमाग है। इसलिए इसका इलाज मनोवैज्ञानिक के ही पास है। सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज मनोचिकित्सक थेरिपी से ही संभव है। इसके दौरान पीड़ित इंसान से बात करके उसके मन के विचारों को जानने की कोशिश की जाती है। इसके बाद साइकोलॉजिस्ट उसकी सोच के आधार पर उसके सोचने की दिशा को बदलते हैं और नया नजरिया देते हैं। धीरे-धीरे उस रोगी के मन से डर निकल जाता है और वह मन से हल्का महसूस करता है।
सबसे पहले, अपने लक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से बात करें। आपका डॉक्टर आपको एक सही काउंसलिंग और जरूरत पड़ने पर कुछ दवाओं के साथ आपका इलाज कर सकता है। इस विकार से मुक्ति पाना आसान है यदि आप अपने आत्मबल पर भरोसा करें। आप एक सही नजरिए और सही जीवनशैली से इस विकार से लड़ सकते है और उस उंचाई तक पहुच सकते हैं जहां तक पहुचने के आपने कभी सपने देखे थे। साथ ही निम्न टिप्स भी ट्राय कर सकते हैं।
- इस बीमारी का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका टॉक थेरेपी या दवा है। कुछ केस में दोनों तरीक़ों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। आपको आमतौर पर लगभग 12 से 16 सेशन की आवश्यकता पड़ सकती है।
- ध्यान रखें कि अकेले दवा आपकी समस्या को ठीक नहीं कर सकती। आत्मविश्वास बढ़ाकर ही आप अपने आप को उन परिस्थितियों से बचने में मदद कर सकते है जिनसे आप सबसे अधिक डरते हैं, और तभी दुनिया में बाहर पूर्ण आत्मविश्वास से घूम सकते हैं।
- यदि आपका डॉक्टर आपके डिसऑर्डर के इलाज के लिए एंटीडिप्रेसेंट का सुझाव देते हैं तो उनका पालन करें। प्रभावी इलाज के लिए आपको दावा के साथ टॉक थेरपी को अपनाना पड़ सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।