नींद की कमी से नींद की तकलीफ (SLEEP PARALYSIS)- स्लीप पैरालिसिस एक ऐसा विकार है, जिसमें व्यक्ति जागने और सो जाने पर बोलने या मूव करने में असमर्थ होता है। व्यक्ति को इस मामले में मतिभ्रम (hallucinate) भी हो सकता है। मरीजों को एक निश्चित दबाव और तत्काल भय का अनुभव होता है, क्योंकि उनके पास सचेत होने की भावना होती है लेकिन वे स्थानांतरित (Move) करने में असमर्थ होते हैं।
नींद की कमी से सिरकाडियन रिदम डिसऑर्डर (CIRCADIAN RHYTHM DISORDER)–यह एक प्रकार का विकार है जो आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति की आंतरिक जैविक घड़ी बाहरी समय के संकेतों के साथ नहीं होती है। इसमें नींद का पैटर्न आमतौर पर दो या अधिक घंटों से बाधित होता है। खासकर जब कोई व्यक्ति रात में सोने के लिए जाता है या बाद में सुबह सोता है। यह आमतौर पर उन लोगों के बीच बताया जाता है जो नाइट शिफ्ट में काम करते हैं और अनियमित नींद लेते हैं।
नींद की कमी से अनिद्रा (INSOMNIA)- अनिद्रा एक बहुत ही सामान्य प्रकार का स्लीप डिसऑर्डर है।जिसमें लोगों को जागने और सोए रहने में परेशानी होती है। वे दिन के समय सोते हैं, और उनमें चिड़चिड़ापन काफी अधिक होता है।
औंघाई (NARCOLEPSY) नार्कोलेप्सी वाले लोग सबसे कम समय पर सो सकते हैं। नार्कोलेप्सी को हिंदी में औंघाई कहते हैं। इसमें व्यक्ति कही भी किसी भी हालात में सो सकता है। फिर वहां कितना भी तेज गाना, शोर हो रहा हो इससे पीड़ित लोगों को इसका प्रभाव नहीं होता है। इनको सोने के लिए बहुत ही कम समय की जरूरत पड़ती है। वे अपने काम में भी बेहद स्लो होते हैं। नार्कोलेप्सी वाले लोग दिन के समय अत्यधिक और रुक-रुक कर आने-जाने का अनुभव करते हैं। ये अचानक नींद के हमले दिन के किसी भी समय किसी भी प्रकार की गतिविधि के दौरान हो सकते हैं। नार्कोलेप्सी के साथ कुछ रोगियों को हंसी या अन्य भावनाओं के साथ अचानक मांसपेशियों में कमजोरी का अनुभव होता है।
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नींद की कमी के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं..