महिलायें शिशु को जन्म लेने के एक साल के बाद तक यौन इच्छा में कमी महसूस कर सकती हैं। खासतौर, पर पहले चार से छह हफ्तों में प्रसव के बाद सामान्य सेक्सुअल एक्टिविटी के लिए कोई सामान्य या सही समय नहीं है। यह इस बात पर निर्भर करती है कि आप और आपका पार्टनर सेक्स के बारे में कैसा महसूस करते हैं। गर्भावस्था के शुरुआती 4-6 हफ्तों तक अधिकतर महिलाएं थकी हुई, इमोशनल और दर्द में होती हैं। इस दौरान उनके शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स का स्तर कम हो जाता है। जिससे योनि कम मात्रा में लुब्रीकेंट बनते हैं। इस कारण महिलाएं यौन इच्छाओं में कमी और सेक्स के दौरान दर्द का अनुभव करती है ।
कई बार हार्मोन लेवल के बदलाव के सामान्य होने पर भी अधिकतर महिलाएं कम कामेच्छा का अनुभव करती हैं। ऐसा भावनात्मक कारणों कि वजह से होता है इस दौरान महिला थकी हुई होती है, उसे मां के रूप में एडजस्ट करने में समय लगता है और वो रिश्ते में असंतुष्टि महसूस करती है। इन सब कारणों से उसकी कामेच्छा कम हो जाती है।
ऐसा कहा जाता है कि पार्टनर के शिशु को जन्म देने के बाद पुरुषों की यौन इच्छा पर भी प्रभाव पड़ता है। कुछ पुरुषों में यौन इच्छा बढ़ जाती है। शायद इसका कारण शिशु का जन्म से होने वाली खुशी है या पार्टनर के शारीरिक परिवर्तनों के कारण उसके प्रति आकर्षित होना आदि है।
हालांकि कुछ पुरुष इसमें रूचि खो देते हैं। उनमें ऐसा परिवर्तन शायद सेक्स के दौरान पार्टनर को होने वाली दर्द या असुविधा है। लेकिन प्रसव या गर्भावस्था के बाद सेक्स में इच्छा न होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे तनाव या हार्मोन्स में बदलाव आदि।
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