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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
अगर आपको यूटीआई की समस्या है तो सेक्शुअल इंटरकोर्स के बाद वजाइना में दर्द का अनुभव हो सकता है। यह आपके वजाइनल और पेल्विक एरिया में भी दर्द पैदा कर सकता है। फिजिकल रिलेशन बनाते समय यदि यूटीआई है, तो इससे वजाइना में जलन और सूजन भी हो सकती है।
बार्थोलिन सिस्ट (Bartholin’s cyst)
दो बार्थोलिन ग्लैंड्स वजाइनल ओपनिंग के दोनों ओर होती हैं। ये ग्रंथियां योनि को नेचुरल लुब्रिकेशन देती हैं। कभी-कभी, ये ग्लैंड्स किसी कारण से अवरुद्ध हो सकती हैं जिससे फ्लूइड मूव नहीं हो पाता है। यह फ्लूइड थक्कों का कारण बनता है। इन्हें ही बार्थोलिन सिस्ट के नाम से जाना जाता है। नतीजन, ये सिस्ट यौन गतिविधि के दौरान वजाइना में दर्द का कारण बनते हैं।
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रजोनिवृत्ति (Menopause)
मेनोपॉज से पहले और उसके दौरान, शरीर में हार्मोन का स्तर काफी बदलता है। शरीर में कम एस्ट्रोजन की वजह से नेचुरल लुब्रिकेंट्स का कम उत्पादन होता है। साथ ही, वजाइना के टिशू भी सूखकर पतले हो जाते हैं। यह स्तिथि सेक्स को और अधिक असुविधाजनक बना सकती हैं, यहां तक सेक्स के बाद दर्द का कारण भी बन सकती है।
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वजेनाटिस (Vaginitis)
योनि में मौजूद नेचुरल बैक्टीरिया के संतुलन में बदलाव से वजाइना में सूजन हो सकती है। वजेनाटिस नामक यह स्थिति, वजाइना में खुजली और डिस्चार्ज का कारण भी बन सकती है। इस तरह की स्थिति में बिना यौन संबंध बनाए ही लेबिया (labia) या योनि में दर्द हो सकता है। सेक्शुअल इंटरकोर्स इस दर्द को और बढ़ा सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस तब होता है जब यूटेराइन लाइनिंग पेल्विक में कहीं और बढ़ने लगती है। यह अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब तक बढ़ सकती है। यहां तक कि यह पेल्विक लाइनिंग के ऊपर भी विकसित हो सकती है। संभोग के दौरान या बाद दर्द एंडोमेट्रियोसिस का सामान्य लक्षण हैं।
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पेल्विक इंफ्लामेशन डिजीज (PID)
पीआईडी एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह संक्रमण गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय ग्रीवा और अंडाशय तक फैल सकता है। इससे पेल्विक पेन, दर्दनाक सेक्स, यूरिनेशन के दौरान दर्द और ब्लीडिंग की समस्या पैदा हो सकती है।
वुलवोडायनिया (Vulvodynia)
वल्वा में होने वाला दर्द है जो कम से कम 3 महीने तक बना रहता है। ऐसी स्थिति को वुलवोडायनिया कहते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि इस स्थिति का क्या कारण है, लेकिन यह असामान्य नहीं है। सेक्शुअल एक्टिविटी के बाद यह दर्द और बदतर हो सकता है। इसके साथ ही वजाइना में भी जलन हो सकती है।