क्या आपको किस के प्रकार के बारे में पता है? सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन यह सच है। किस के कई प्रकार होते हैं। आप विभिन्न तरीकों से अपने पार्टनर को किस कर सकते हैं। आधुनिक जमाने में किस करना प्रेम दर्शाने का प्रतीक बन गया है। आप अपने पार्टनर को किस करके उससे अपने प्यार और केयरिंग का इजहार करते हैं। हालांकि, आपको किस के प्रकार की जानकारी होना चाहिए। इस आर्टिकल में हम किस के प्रकार के बारे में बताएंगे। साथ ही कपल्स को किस करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस संबंध में भी जानकारी देंगे।
किस के प्रकार:
माथे पर किस
किस के प्रकार में माथे पर किस करना काफी प्रचलित है। माथे पर किस करना सिर्फ कपल्स में ही प्रचलित नहीं है, बल्कि यह परिवार में बड़े बुजुर्गों और माता पिता के बीच में भी प्रचलित है। बड़े बुजुर्ग अपने नाती पोतों और माता-पिता अपने बच्चों को अक्सर माथे पर किस करते हैं। पारिवारिक दृष्टि से माथे पर किस करना अपने प्यार को प्रकट करने और परवाह का प्रतीक है। कपल्स में माथे पर किस करना किसी रोमांटिक पल की शुरुआत का संकेत है। यदि आप अपने पार्टनर को पब्लिक प्लेस पर माथे पर किस करते हैं तो उसे अश्लीलता के दायरे में नहीं रखा जाता है।
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हाथ पर किस
कपल्स एक दूसरे के सामने अपने पहली बार अपने प्यार का इजहार करते वक्त अक्सर हाथ पर किस करते हैं। किस के प्रकार में यह तरीका पुराने जमाने के रोमांस का माना जाता है। अपने पार्टनर को प्रपोज या उसके सामने अपनी भावनाओं को रखने का यह एक सौम्य तरीका है।
एस्किमो किस (Eskimo kiss)
किस के प्रकार में एस्किमो किस अपने आप में अलग है। इसे करते वक्त पार्टनर एक दूसरे की नाक को आपस में हल्का रगड़ते हैं। एस्किमो किस अक्सर माता- पिता द्वारा बच्चों की दी जाती है।
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फ्रेंच किस (French kiss)
किस के प्रकार में फ्रेंच किस काफी लोकप्रिय है। युवा जोड़े हमेशा से ही फ्रेंच किस करना पसंद करते हैं। इसमें दोनों ही पार्टनर्स अपनी जुबान को एक दूसरे की जुबान से मिलाते हैं। इससे पार्टनर के लिप्स, मुंह और जुबान को स्टिमुलेट किया जाता है। तीनों ही ऐसे अंग होते हैं, जिन्हें सेक्स की भावना को जगाने के लिए काफी संवदेनशील माना जाता है। बॉडी के यह तीनों ही हिस्से शरीर में सेक्स को प्रेरित करने का एक कार्य करते हैं। फ्रेंच किस में एंडोर्फिन (Endorphin) हाॅर्मोन का स्राव बढ़ जाता है, जिसे प्यार का हाॅर्मोन माना जाता है। यह बॉडी में स्ट्रेस के स्तर को भी कम करता है।
सिंगल लिप किस (Single lip kiss)
किस के प्रकार में सिंगल लिप किस भी काफी लोकप्रिय है। पार्टनर को प्यार की हल्की थपकी देने में सिंगल लिप किस का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पार्टनर के होंठ के ऊपरी या नीचे के हिस्से को दोनों होठों से किस किया जाता है। सिंगल लिप किस एक प्रकार का संकेतक होता है कि आप उन्हें किस के माध्यम से अपना प्यार जताना चाहते हैं।
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कान पर किस (Earlobe Kiss)
होंठ से लेकर माथे पर किस करना तो आपने सुना होगा, लेकिन कान पर किस करना सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है। किस के प्रकार में कान पर किस करना सबसे विशिष्ट माना जाता है। फ्रेंच किस के अलावा कान एक ऐसा अंग है, जो सीधे ही आपकी बॉडी में रोमांस और सेक्स की भावना उत्तेजित करता है। रोमांस के लिहाज से कान काफी संवेदनशील माना जाता है।
बटरफ्लाई किस (Butterfly Kiss)
किस के प्रकार में बटरफ्लाई किस रोमांस को बढ़ाने का एक शानदार जरिया है। किस के प्रकार में बटरफ्लाई किस को करते वक्त काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। बटरफ्लाई किस करने के लिए आपको अपने पार्टनर के बिलकुल करीब आना है। दोनों की आंखें एक दूसरे के सामने और करीब होनी चाहिए। धीरे-धीरे आपको अपनी पलकों को पार्टनर की पलकों से मिलाना है। फिर आपको तितली की तरह पलकों को झपकाते हुए हल्का सा किस करना है।
गाल पर किस
किस के प्रकार में गाल पर किस करना एक पारंपरिक तरीका है। प्यार को प्रदर्शित करने में यह काफी हद तक कारगर साबित होता है। गाल पर किस करना सिर्फ कपल्स तक ही सीमित नहीं, बल्कि बड़े-बुजुर्गों तक में यह तरीका अपनाया जाता है। मां अपने बच्चो को गाल पर किस करती है, जो बच्चे की डिपेंडेंसी की भावना की एक झलक दिखाता है।
लिजार्ड किस (Lizard kiss)
लिजार्ड अक्सर अपनी जुबान को एकाएक मुंह से बाहर निकालता है और अंदर ले जाता है। किस के प्रकार में लिजार्ड किस भी ठीक इसी तरह से की जाती है। लिजार्ड किस में जुबान मुंह के अंदर तेजी से जाती है और वापस बाहर मुंह में आ जाती है। यह एक क्विक स्ट्रोक है। कपल्स के लिए यह किस के प्रकार में एक पैसोनेट तरीका है। लिजार्ड किस करते वक्त दोनों ही पार्टनर काफी उत्तेजित महसूस कर सकते हैं।
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किस करने से नहीं होता सिफलिस या हर्पीस
दिल्ली के मेहरौली स्थित एलआरएस अस्पताल के एआरटी सेंटर में मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अभिषेक रॉयल के मुताबिक, ‘किसिंग से एचआईवी का संक्रमण नहीं होता। किसिंग करते वक्त सलाइवा से हर्पीस और सिफलिस के संक्रमण की बेहद ही कम संभावना होती है। ज्यादातर मामलों में संक्रमण सलाइवा में ही मर जाता है। किसिंग सेक्स से बिल्कुल अलग है। यह पार्टनर के सामने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक जरिया है। इसे एक-दूसरे की केयर के रूप में देखा जाना चाहिए।’
इन बातों का रखें ध्यान:
सलाइवा को न निगलें
किस करते वक्त लोगों को काफी सतर्कता बरतनी चाहिए। चूंकि फ्रेंच किस करते वक्त आपकी जुबान काफी सक्रिय रहती है। इस स्थिति में पैदा होने वाले एक दूसरे सलाइवा को न निगलें। यदि आपके मुंह में किसी भी प्रकार का घाव या स्किन जली हुई है तो किस न करें। इससे इंफेक्शन फैलने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
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अधिक समय तक न करें फ्रेंच किस
फ्रेंच किस से एचपीवी का खतरा रहता है। हालांकि एचआईवी फैलने का खतरा न के बराबर होता है। सेंटर फोर डीजीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, लंबी अवधि तक लगातार फ्रेंच किस करते रहने से हेपेटाइटिस बी फैलने का खतरा रहता है। कई मामलों में सिफलिस और गोनोरिया (gonorrhea) भी फैल सकता है।
किस करते वक्त आपको उपरोक्त सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। हमें उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।