सुखासन को कई नामों से जाना जाता है जैसे डिसेंट पोज, प्लीजेंट पोज और इजी यानी आसान पोज आदि। सुखासन में सुख का अर्थ है खुशी या प्रसन्नता, यानी ऐसा आसन जिसे करने से आपको खुशी मिलती है। यह हठ योग का आसन है। योग की शुरुआत करने वाले लोगों के लिए यह योगासन बेहद आसान और फायदेमंद है। इस योगासन को करने से घुटनों और एड़ियों फैलती हैं व पीठ मजबूत होती है। योग के इस पोज को किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं यानि बच्चों से लेकर वृद्ध लोगों और योग की शुरुआत करने वाले लोगों से लेकर विशेषज्ञ तक। यह योगासन न केवल सुख और प्रसन्नता प्रदान करता है , बल्कि यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इस आसन को आमतौर पर सुबह के समय किया जाता है। सुबह करने से इसके अधिक फायदे प्राप्त हो सकते हैं। हालांकि, इसे दिन के अन्य समय में भी किया जा सकता है। जानिए कैसे करें सुखासन और इसके क्या हैं फायदे।
सुखासन को कैसे करें
- इस पोज को करने के लिए सबसे पहले किसी शांत जगह पर एक मैट या दरी बिछा लें।
- अब मैट पर आराम से अपनी टांगों को फैला कर बैठ जाएं।
- इस दौरान किसी दीवार या अन्य चीज का सहारा न लें।
- अब अपनी टांगों को मोड़ लें और अपनी और दोनों घुटनों को फर्श से सटाकर रखने की कोशिश करें।
- धीरे से अपने हाथों को अपनी उसी तरफ के घुटनों के पास रखें। किसी भी हस्त मुद्रा की कोई आवश्यकता नहीं है।
- अपने शरीर को सीधा रखें, पेट को सामान्य अवस्था में रखें, इस दौरान आपका सिर मुड़ा हुआ हो, ठोड़ी जमीन के समानांतर हो और ध्यान रखे कि आपके शरीर में अकड़न न हो।
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- कोहनीयां आपके शरीर के साथ जुडी होनी चाहिए ताकि वो आरामदायक स्थिति में हों।
- अपने कंधों को आराम की स्थिति में रखें।
- इसी स्थिति में बैठ कर ध्यान लगा कर रखें।
- कुछ देर ऐसे ही बैठे और इसके बाद इस मुद्रा से बाहर आ जाएं।
- फिर से अपनी टांगों को पहली की शुरुआती मुद्रा में ले आएं।
- इस आसन को आप जब तक चाहे कर सकते हैं।
- इस आसन में मानसिक शक्ति की आवश्यकता अधिक होती है।
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सुखासन को करने के फायदे
सुखासन के कई लाभ हैं, उनमे से कुछ इस प्रकार हैं:
घुटनों और टखनों को स्ट्रेच करता है
इस पोज में आपको अपने घुटने और टखने फैलाने पड़ते हैं। इसके साथ ही इसमें आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए। जिससे पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह प्रक्रिया आपको मामूली मोच से मुक्त होने में मदद करती है और शरीर के इन हिस्सों में अगर संकुचन है तो उससे भी मुक्ति मिलती है। सुखासन के लाभ बहुत सारे हैं। इससे आपको व्यक्तिगत जीवन और कार्यस्थल में भी मदद मिलेगी।
आपकी आंतरिक खुशी को बढ़ाता है
इस आसन को करने से आप तनाव, चिंता , अवसाद और भावनात्मक अस्थिरता आदि से छुटकारा पाएंगे और आप जीवन में संतुलन बनाना सीखेंगे। योग में यह कहा जाता है कि अगर आप किसी आसन में दो घंटे और बत्तीस मिनटों तक रहते हैं। तो आप उस योगासन के मास्टर बन जाते हैं। इसलिए इस पोज में रहने की अवधि को धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि आप इसमें मास्टर बन सके।
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दिमाग को करता है शांत
अपने दिमाग को नियंत्रित करने की दिमागी क्षमता पाना बहुत मुश्किल होती है। लेकिन इस मुश्किल को आप इस आसन से आसान बना सकते हैं। यह योगासन आपको दिमागी शांति और आराम प्रदान करता है।
योग और मानसिक स्वास्थ्य के बारे मे जानिए नीचे दिए वीडियो के माध्यम से:
ध्यान केंद्रित करने में लाभदायक
इस पोज में ध्यान में रहने से आप यूनिवर्सल एनर्जी से सम्पर्क कर पाएंगे। यह पोज शारीरिक रूप से आसान है लेकिन मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण है। इस योगासन के अभ्यास की शुरुआत में, दिमाग में आने वाले हर विचार को बाहर निकलने दें। फिर, अपने दिमाग को साफ़ करने के बाद अपने ध्यान को आसानी से केंद्रित कर सकते हैं।
अंगों के लचीलेपन को सुधारे
सुखासन आपके निचले अंगों, खासकर कूल्हे और घुटने के जोड़ों के लचीलेपन में सुधार करता है। इस आसन को रोजाना करने से धीरे-धीरे पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर की मुद्रा में सुधार होता है।
एकाग्रता बढ़ेगी
सुखासन के फायदे पाने के लिए आपको गहरे ध्यान की स्थिति में रहना होगा। जिससे आपकी एकाग्रता बढ़ेगी और गहरी सांस लेने के व्यायाम को आप आसानी से कर सकते हैं। बच्चों या पढ़ाई करने वाले छात्रों को इस आसन को करने से पढ़ाई में ध्यान एकाग्र करने में मदद मिलेगी।
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अन्य लाभ
- एक ध्यान मुद्रा होने के नाते यह मन और शरीर पर आराम प्रभाव डालता है।
- यह आसन शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाता है।
- तनाव और चिंता को कम करने में सहायक है।
- कठोर शरीर वाले लोगों के लिए यह आसन बहुत बढ़िया है।
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सुखासन कब न करें
- अगर आपके कूल्हों या घुटनों मे चोट लगी है या इनमें सूजन है तो इस आसन को करने से बचे ।
- यदि आपको स्लिप डिस्क की समस्या है तो सावधानी बरतें। मुद्रा को आरामदायक बनाने के लिए आप कुशन का उपयोग कर सकते हैं।
- गर्भावस्था में सुखासन को करने से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। वो आपको सही सलाह दे सकते हैं। कि यह आसन करना आपको करना चाहिए या नहीं।
- अगर आप इस आसन की शुरुआत कर रहे हैं तो आपके लिए अधिक समय तक जमीन पर बैठना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप किसी कुशन या ब्लॉक का प्रयोग कर सकते हैं ताकि आपकी मुद्रा ठीक बनी रहे। इसके साथ ही आप कुछ समय तक दीवार का सहारा भी ले सकते हैं।
हालांकि इस योगासन का नाम सुखासन है लेकिन शुरुआत में यह इतना आसान नहीं है। लेकिन थोड़े अभ्यास और मेहनत के बाद आप इसे आसानी में कर सकते हैं। इसे करने के बाद आप अपने जीवन मे चिंता, थकावट, चिंता, गुस्सा या डर से छुटकारा पाएंगे।
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