के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
18 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चे के साथ जानबूझकर मानसिक या शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाना या दुर्व्यवहार करना आदि बाल शोषण माना जाता है। जो कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। बाल दुर्व्यवहार के कई रूप होते हैं, जैसे कि-
कई मामलों में, बाल दुर्व्यवहार किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसे बच्चा जानता है और जिस पर भरोसा करता है। ऐसे मामलों में दोषी अक्सर एक माता-पिता या अन्य रिश्तेदार हो सकते हैं। अगर आपको बाल शोषण पर संदेह है, तो उसे रोकने और बच्चे की मदद करन के लिए उचित अधिकारियों को इसकी सूचना दें।
रिपोर्ट के मुताबिक हर दिन लगभग पांच बच्चे बाल शोषण की वजह से मौत का शिकार होते हैं। इसके अलावा प्रत्येक 3 लड़कियों में से 1 लड़की और प्रत्येक 4 लड़कों में से 1 लड़का 18 साल से कम उम्र में बाल शोषण का शिकार होता है। लड़के (48.5%) और लड़कियां (51.2%) लगभग एक ही दर से शिकार बनते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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बाल शोषण के सामान्य लक्षणों में शामिल है:
हालांकि, हर बच्चे में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसके लक्षण बच्चे के साथ होने वाले बाल शोषण औऱ उसकी मानसिक स्थिति पर निर्भर कर सकते हैं। ध्यान रखें कि यहां बताई गई बातें सिर्फ एक चेतावनी के संकेत हैं। कई बार इस तरह के लक्षण बच्चे में किसी अन्य समस्या के कारण भी देखें जा सकते हैं।
शारीरिक शोषण के संकेत और लक्षण
यौन शोषण के संकेत और लक्षण
भावनात्मक शोषण के संकेत और लक्षण
बाल उपेक्षा के संकेत और लक्षण
माता-पिता का व्यवहार
कभी-कभी अभिभावक का व्यवहार भी बाल शोषण का कारण बन सकता है।
हालांकि, अधिकांश बाल स्वास्थ्य विशेषज्ञ किसी भी रूप में हिंसा के उपयोग की निंदा करते हैं, लेकिन कुछ लोग अभी भी बच्चे की गलती पर उसके साथ मारपीट करते हैं। कोई भी शारीरिक दंड बच्चे पर भावनात्मक प्रभाव डाल सकता है।
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
बाल शोषण के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें पारिवारिक और सामाजिक दोनों कारण शामिल हो सकते हैं। बच्चे के साथ यौन दुर्व्यवहार और उपेक्षा उन परिवारों में सबसे अधिक होती है जो आर्थिक या सामाजिक तौर पर दबाव में होते हैं। इनके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
कुछ मामलों में निम्नलिखित स्थितियां भी शोषण का कारण बन सकती है:
कुछ सामुदायिक दृष्टिकोण भी बाल शोषण को प्रोत्साहित कर सकते हैंः
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बाल शोषण के जोखिमों के बढ़ाने के लिए कई कारण हो सकते हैं:
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ऐसे बच्चों के उपचार के लिए डॉक्टर सबसे पहले उनका सामान्य शारीरिक परीक्षण करते हैं। डॉक्टर बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारी इक्ठ्ठा करते हैं और उसके माता-पिता या देखभाल करने वाले से बच्चे की स्थिति के बारे में सवाल पूछते हैं।
अगर बच्चा बात कर सकता है, तो डॉक्टर बच्चे से अकेले में बात करेंगे।
साथ ही, कुछ मामलों में डॉक्टर कानूनी तौर पर जांच कर सकते हैंः
अगर एक ही व्यक्ति एक साथ कई अन्य ब्चचों की भी देखभाल करता है, तो डॉक्टर उसका भी शारीरिक परिक्षण कर सकते हैं। अगर पुलिस या डॉक्टरों को लगता है कि बच्चे के साथ यौन शोषण हुआ है, तो एक्स-रे भी किया जा सकता है।
सामान्य टेस्ट
दुर्व्यवहार या उपेक्षा की पुष्टि करने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते हैंः
अन्य टेस्टः
अन्य टेस्ट किसी संदिग्ध स्थिति या दूसरे परीक्षणों ले पाए गए विशिष्ट चिकित्सा समस्याओं की स्थिति पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए:
बच्चे को लगी चोटों की निगरानी करना
बच्चे को लगी हुई चोटों के बारे में सारी जानकारी इक्ट्ठा करना। जिसका रिकार्ड रखा जाएगा।
इन चोटों के चित्र रखें जा सकते हैं।
बच्चे का वजन, कद और सिर की परिधि का भी माप लिया जाएगा। इसके अलावा बच्चे का विकास दर क्या है इसकी भी रिकार्ड रखा जाएगा। बच्चे के ग्रोथ को एक चार्ट के अनुसार मापा जाएगा।
बाल शोषण होने पर बच्चे का उपचार जल्द से जल्द करवाना चाहिए।
बच्चे का इलाज
सबसे पहले बच्चे को एक सुरक्षित माहौल में रखा जाएगा। उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को समझा जाएगा और उसे बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। अगर बच्चे का शोषण घर के किसी सद्स्य के जरिए हुआ है, तो बच्चे को घर से दूर भी रखा जा सकता है।
अगर बच्चे को किसी भी तरह की शारीरिक चोट लगी है, तो डॉक्टर जरूरत के अनुसार उसका उपचार करेंगे।
साथ ही, बच्चे की स्थिति के अनुसार उससे कुछ बातचीत भी की जा सकती है। जैसेः
माता-पिता या देखभाल करने वालों के लिए उपचार
माता-पिता या देखभाल करने वाले को भी उचित उपचार की आवश्यकता हो सकती है। उपचार का प्रकार उनकी विशिष्ट स्थितियों पर निर्भर कर सकता है।
कुछ लोगों को बच्चों की परवरिश और देखभाल के बारे में अधिक जानते हैं। जिसकी उन्हें जानकारी दी जाएगी। जैसेः
माता-पिता जो अपने बच्चों की कस्टडी खो चुके हैं, कुछ स्थितियों में उन्हें भी इसकी ट्रेनिंग दी जा सकती है। जो इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे के साथ उन्होंने किस तरह का दुर्व्यवहार या उपेक्षा की थी। इस दौरान इस बात का पता लगाया जाएगा कि उन्हेंनों बच्चे के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार क्यों किया और उसे कैसे रोका जा सकता है।
कुछ गंभीर मामलों में, माता-पिता बच्चे को केवल तभी देख सकते हैं जब बच्चे के साथ कोई और मौजूद हो। कुछ मामलों में जज स्थायी रूप से माता-पिता के साथ बच्चे के रिश्ते को भी समाप्त कर सकते हैं।
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लाइफ स्टाइल में बदलाव और घरेलू उपाय अपना कर बाल शोषण के कुछ मामले रोके जा सकते हैं। उदाहरण के लिए:
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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