परिचय
कोलोरेक्टल कैंसर क्या है? (What is colorectal cancer)
कोलोरेक्टल कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो पेट या मलाशय (rectum) में होता है। इस कैंसर को पेट (colon) का कैंसर या रेक्टल (rectal) कैंसर भी कहा जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर कहाँ से शुरू होता है। कोलन कैंसर और रेक्टल कैंसर आमतौर पर एक जैसे होते हैं। बड़ी आंत को भी कोलन कहते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, 22 पुरुषों में 1 और 24 महिलाओं में से 1 को कोलोरेक्टल कैंसर होता है। इसके लिए कोलन या बड़ी आंत के कार्य को समझना भी जरूरी है।
बड़ी आंत या एक 6 फुट लंबी ट्यूब जैसी मांसपेशी होती है। यह छोटी आंत को मलाशय से जोड़ती है। कोलन शरीर का एक जरूरी अंग है। यह भोजन से जरूरी चीजें जैसे प्रोटीन-विटामिन लेता है और अपशिष्ट को अलग कर देता है। इसी के जरिए मल बनता है जिसे त्यागना जरूरी होता है। कोलन ही यूरिन भी बनाता है।
कितना सामान्य है कोलोरेक्टल कैंसर? (How common is colorectal cancer?)
WHO के अनुसार, महिलाओं और पुरुष को होने वाले दूसरे सबसे आम कैंसर में पेट का कैंसर है। पहले नंबर पर लंग ट्यूमर आता है। 50 साल की उम्र में करीब 2 फीसदी लोगों को पेट का कैंसर हो जाता है। कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज करवाने वाले 40% लोगों को एडवांस कैंसर होता है। इन रोगियों के लिए सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है।
कोलोरेक्टल कैंसर पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। हालांकि पुरुष को यह कम उम्र में ही हो जाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
चरण
कोलोरेक्टल कैंसर के चरण इस बात का पता लगाने में मदद करते हैं कि आपके शरीर में कैंसर किस हद तक फैल चुका है। आमतौर पर सभी प्रकार के कैंसर के चार चरण होते हैं। जैसे कि –
चरण 1 – यह कैंसर की शुरुआत होती है जिसमें कैंसर न तो किसी लिम्फ नोड्स तक फैल होता है और न ही अंगों तक।
चरण 2 – इस स्टेज में कैंसर अंदरूनी अंगों को क्षति पहुंचा चुका होता है, लेकिन बाहरी ऊतकों तक नहीं पहुंचा होता।
चरण 3 – इस स्तर तक आते-आते कैंसर तीन लिम्फ नोड्स तक फैल चुका होता है। हालांकि फिलहाल कैंसर अन्य अंगों तक नहीं पहुंचा होता है।
चरण 4 – इस चरण में कैंसर अन्य अंगों में फैल चुका होता है।
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लक्षण
कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of colorectal cancer?)
कोलोरेक्टल कैंसर के सामान्य लक्षण हैं:
- दस्त
- कब्ज
- मल में रक्त
- उदर में पीड़ा
- पेट में सूजन
- उल्टी
- थकान
- बेवजह वजन कम होना
- पेट में एक गांठ
- पुरुषों या महिलाओं में एनीमिया
इनमें से कोई लक्षण दिखता है तो उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर आप चार हफ्तों से इन लक्षणों में से कुछ का अनुभव करते हैं तो बीमारी गंभीर हो सकती है।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने शरीर में दिखता है तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग तरह से कार्य करता है। हमेशा अपने डॉक्टर के साथ चर्चा करनी चाहिए कि आपकी स्थिति के लिए सबसे अच्छा क्या है।
कारण
कोलोरेक्टल कैंसर के कारण क्या हैं? (What are the causes of colorectal cancer)
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है कि कोलोरेक्टल कैंसर कैसे हो जाता है। हालांकि, कई कारकों की पहचान वर्षों से की जा रही है। ऐसे में कोलोरेक्टल कैंसर के निम्न परिस्थितियों में होने की संभावना सबसे अधिक रहती है।
इस कैंसर के बारे में डॉ राहुलकुमार चव्हाण, सलाहकार सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, हीरानंदानी अस्पताल वाशी का कहना है, “कोलन हमारे पाचन तंत्र का हिस्सा है, जो लोग शारीरिक श्रम कम करते हैं, यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है, जिनकी डायट खराब होने के साथ व्यायाम नहीं करते हैं और उनकी लाइफस्टाइल भी अच्छी नहीं होती है। ऐसे लोगों में कोलोरेक्टल कैंसर के होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे लाेगों में मोटापे की समस्या अधिक देखी जाती है और मोटापे से ग्रस्त लोगों में पेट की कई और भी बीमारियों के होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा, यह उन लोगों में भी ज्यादा देखा जाता है, जिनके परिवार में भी यह पहले किसी को हो चुका हो। इसिलए खाने को अच्छे से चबाकर खाना और पाचन का सही ढंग से होना जरूरी है।’
कैसी स्थितियां कोलोरेक्टल कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं? (Risk Factors for Colorectal Cancer)
कोलोरेक्टल कैंसर बढ़ने के कई जोखिम कारक हैं, जैसे:
- बुजुर्गों को कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है।
- आपके आहार में वसा का ज्यादा होना।
- आहार में फाइबर बहुत कम होना।
- आहार में कैलोरी की मात्रा बहुत अधिक होना।
- ज्यादा शराब पीना।
- जिन महिलाओं को स्तन, अंडाशय और गर्भाशय के कैंसर हुए हैं। उन्हें भी कोलोरेक्टल कैंसर हो सकता है।
- पारिवार में अगर किसी को है तो आपको भी कोलोरेक्टल कैंसर होने की आशंका है।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस के मरीज।
- अधिक वजन होना।
- धूम्रपान से कोलोरेक्टल कैंसर हो सकता है और इससे मृत्यु भी हो सकती है।
- शारीरिक रूप से निष्क्रिय होना।
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उपचार
कोलोरेक्टल कैंसर का निदान कैसे किया जा सकता है? (How can colorectal cancer be diagnosed?)
स्क्रीनिंग करके कैंसर बनाने वाले पॉलीप्स का पता लगाया जा सकता है। कैंसर बनने से पहले इसका उपचार करना जरूरी है। शुरुआती चरणों के दौरान ही पेट के कैंसर का पता लग जाए तो इलाज की संभावना बहुत अधिक होती है। कोलोरेक्टल कैंसर के लिए सबसे आम जांच हैं—
रक्त मल परीक्षण (blood stool test)
इसमें रोगी के मल के नमूने की जांच होती है। यह सामान्य चिकित्सक के कार्यालय में किया जा सकता है। हालांकि ये टेस्ट 100 फीसदी सही नहीं होता है। ऐसा भी हो सकता है कि इसमें कैंसर का पता न चले। ऐसा भी हो सकता है कि मरीज को कैंसर होने के बावजूद डिटेक्ट न हो।
मल डीएनए टेस्ट
- यह टेस्ट काफी हद तक सही होता है।
- फ्लेक्सिबल सिग्मायोडोस्कोपी
- रोगी के मलाशय और सिग्मॉइड की जांच करने के लिए डॉक्टर एक सिग्मायोडोस्कोप नाम के लचीले और हल्के ट्यूब का प्रयोग करता है। यह टेस्ट कम समय में हो जाता है और दर्दनाक भी नहीं होता है।
- इसके अलावा बेरियम एनीमा एक्स-रे (Barium enema X-ray), कोलोनस्कोपी (Colonoscopy) और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट करके भी कोलोरेक्टल कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
कोलोरेक्टल कैंसर का इलाज कैसे करें? (How to treat colorectal cancer?)
कोलोरेक्टल कैंसर के कई सारे इलाज उपलब्ध हैं। इसे कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और सर्जरी द्वारा ठीक किया जा सकता है।
सर्जरी- सर्जरी करके शरीर के उस हिस्से से ट्यूमर को निकाला जा सकता है।
कीमोथेरेपी- यह प्रक्रिया सर्जरी से पहले की जाती है। यह ट्यूमर को छोटा कर देती है।
रेडियोथेरेपी- यह सबसे मुश्किल और महंगी प्रक्रिया है। इसमें रेडिएशन बीम के द्वारा कैंसर सेल्स को खत्म किया जाता है। यह भी सर्जरी से पहले होने वाला इलाज है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे कोलोरेक्टल कैंसर की स्थिति को रोकने में मदद कर सकते हैं?
- समय-समय पर शरीर की जांच करवाते रहें। परिवार में पहले अगर किसी को कोलोरेक्टल कैंसर हुआ है तो आपको होने की भी संभावना
है।
- अपना खान-पान अच्छा रखें। हरी सब्जियां, फल और उचित मात्रा में फाइबर का सेवन करें।
करें।
- व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना को कम कर सकता है।
- शरीर का वजन न बढ़ने दें। हेल्दी रहने की जरूरत है।
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अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कोलोरेक्टल कैंसर से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।