के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
प्राडर विलि सिंड्रोम जन्म के वक्त मौजूद एक दुर्लभ विकार है, जिसके परिमामस्वरूप कई शारीरिक (Physical), मानसिक (Mental) और व्यवहार से संबंधी समस्याएं होती हैं।
प्राडर विलि सिंड्रोम (Prader-Willi syndrome) की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें भूख लगातर लगती रहती है। इसकी शुरुआत दो वर्ष की आयु से हो जाती है। प्राडर विलि सिंड्रोम से पीढ़ित लोग लगातार खाते रहते हैं, क्योंकि उन्हें कभी भी पेट के भरे हुए होने का अहसास हाइपरफेगिया (Hyperphagia)) नहीं होता है। आमतौर पर उन्हें अपने वजन को नियंत्रित करने में समस्या आती है। मोटापे की वजह से प्रेशर विलि सिंड्रोम (Prader-Willi syndrome) में अनेकों समस्याएं आती हैं।
प्राडर विलि सिंड्रोम किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। प्राडर विलि सिंड्रोम का प्रबंधंन इसके जोखिम के कारकों को कम करके किया जा सकता है। इसकी अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
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प्राडर विलि सिंड्रोम के लक्षण कई चरणों में सामने आते हैं। जन्म के वक्त इसके निम्नलिखित लक्षण मौजूद हो सकते हैं:
प्राडर विलि सिंड्रोम के अन्य लक्षण बचपन के शुरुआती दिनों में नजर आते हैं और आजीवन रहते हैं। इनमें काफी सतर्कता और इलाज की आवश्यकता होती है।
इसके अन्य लक्षण (Other symptoms of Prader-Willi syndrome) निम्नलिखित हैं:
प्राडर विलि सिंड्रोम के अन्य लक्षण:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कुछ ऐसे संकेत या लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप प्राडर विलि सिंड्रोम (Syndrom) को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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यदि उपरोक्त लक्षणों में से आपको किसी एक का अनुभव होता है या आपका कोई सवाल है तो डॉक्टर से परामर्श लें। हालांकि, हर व्यक्ति की बॉडी इस बीमारी में अलग ढंग से प्रतिक्रिया देती है। अपनी स्थिति की सही जानकारी के लिए बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
प्राडर विलि सिंड्रोम एक जेनेटिक समस्या (Genetic problem) है, जो एक या इससे अधिक जीन में दोष आने पर होती है। प्राडर विलि सिंड्रोम दिमाग में स्थित हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) हिस्से के सामान्य कार्यों में खलल पैदा करता है। हाइपोथैलेमस भूख और प्यास को नियंत्रित करता है। साथ ही यह उन हार्मोन्स को तुरंत रिलीज करता है, जो विकास और सेक्सुअल विकास (Sexual growth) के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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प्राडर विलि सिंड्रोम के ज्यादातर मामले औचक सामने आते हैं, जिनके परिवार में यह बीमारी नहीं होती है। दुर्लभ मामलों में प्राडर विलि सिंड्रोम (Prader-Willi syndrome) एक वंशानुगत बीमारी हो सकती है या परिवार के जरिए अन्य सदस्यों में आ जाती है। इसलिए प्राडर विलि सिंड्रोम की हिस्ट्री वाले परिवार में इस बीमारी के होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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नवजात में शिशुओं में लक्षण नजर आने पर डॉक्टर तुरंत एक ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देता है, जिसमें इस बीमारी के निम्नलिखित लक्षण शामिल होते हैं:
बड़े बच्चों में डॉक्टर के जांच करने पर प्राडर विलि सिंड्रोम के निम्नलिखित लक्षणों का शक हो सकता है:
एक निश्चित निदान हमेशा प्रयोगशाला में जांच के साथ किया जाता है। बच्चे के गुणसूत्र में असमानता का पता लगाने के लिए एक विशेष जेनेटिक टेस्ट भी किया जा सकता है। यह टेस्ट प्राडर विलि सिंड्रोम का संकेत देता है।
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प्राडर विलि सिंड्रोम (Prader-Willi syndrome) का शुरुआती दिनों में इलाज जीवन की गुणवत्ता को सुधार सकता है। डॉक्टर का एक समूह प्राडर विलि सिंड्रोम का इलाज करने के लिए कार्य करती है। प्राडर विलि सिंड्रोम से पीढ़ित ज्यादातर बच्चों को निम्नलिखित देखभाल और इलाज की जरूरत पड़ती है:
बच्चे में विशेष लक्षण या जटिलताओं के पैदा होने पर अन्य इलाज के तरीके आवश्यक हो सकते हैं।
प्राडर विलि सिंड्रोम से पीढ़ित ज्यादातर लोगों को विशेष देखभाल और आजीवन निगरानी की जरूरत होती है। कई व्यस्क घरेलू देखभाल सेवा में रहते हैं, जिससे उन्हें हेल्दी खाने, हेल्दी रहने, कार्य और सैरसपाटे का मजा लेने में सहायता मिलती है। बच्चे के प्रौढ़ावस्था में प्रवेश करने पर उन्हें निम्नलिखित तरीकों से इलाज मुहैया कराया जा सकता है:
निम्नलिखित उपायों से आप प्राडर विलि सिंड्रोम का सामना कर सकते हैं:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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