वजायनल स्क्रीनिंग (Vaginal screening) क्यों जरूरी है?
जिन महिलाओं में कोई संकेत या लक्षण नहीं होते उनमें वजायनल या वल्वर कैंसर का परीक्षण करने का कोई इससे सरल और विश्वसनीय तरीका नहीं है। स्क्रीनिंग उसे कहते हैं जब लक्षण दिखाई देने से पहले किसी बीमारी का पता लगाने के लिए किसी प्रकार टेस्ट किया जाता है। कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट तब प्रभावी होते हैं जब वे बीमारी का जल्दी पता लगा लेते हैं, जिससे अधिक प्रभावी उपचार हो सकता है।
वहीं डायग्नोस्टिक टेस्ट का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति किसी बीमारी के लक्षण होते हैं। इन टेस्ट का उद्देश्य यह पता लगाना होता है कि लक्षणों का कारण क्या है। डायग्नोस्टिक टेस्ट का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति की जांच के लिए भी किया जा सकता है जिसे कैंसर होने का रिस्क है।
निम्न बातों का ध्यान हमेशा रखें
- अपने शरीर पर ध्यान दें।
- यदि आप अपने शरीर में कोई भी परिवर्तन देखते हैं जो आपके लिए सामान्य नहीं है और जो वल्वर या योनि कैंसर (Vaginal cancer) का संकेत हो सकता है, तो अपने डॉक्टर से उनके बारे में बात करें और संभावित कारणों के बारे में पूछें।
- चेकअप के लिए नियमित रूप से डॉक्टर के पास जाएं। पेल्विक एरिया में किसी प्रकार का दर्द या सूजन होने पर डॉक्टर से जांच कराएं। जरूरी नहीं कि यह कैंसर का ही संकेत हो, लेकिन समय पर जांच होने पर ट्रीटमेंट अच्छा काम करता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको वजायनल स्पैकुलम (Vaginal speculum) और वजायनल स्क्रीनिंग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।