अगर समय पर इलाज न किया जाए तो गुर्दे की पथरी एक गंभीर समस्या बन सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार विश्व भर में तकरीबन 12 % लोग इससे परेशान हैं। गुर्दे की पथरी चार अलग-अलग तरह के होते हैं। आपको कौन सा गुर्दे की पथरी है इसका पता टेस्ट के द्वारा लगाया जा सकता है। कई बार गुर्दे की पथरी के लिए किए गए टेस्ट में भी प्रकार का पता चल जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, गुर्दे की पथरी होने पर डॉक्टर से डाइट कैसा हो इसके बारे में जरूर जानकारी लेनी चाहिए।
गुर्दे की पथरी (Kidney Stone) के प्रकार
- कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन (Calcium Oxalate Stones)
- कैल्शियम फास्फेट स्टोन (Calcium Phosphate Stones)
- यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stones)
- सिस्टाइन स्टोन (Cystine Stones)
कैल्शियम ऑक्सालेट स्टोन (Calcium Oxalate Stones) होने पर क्या नहीं खाना चाहिए
आहार में ऑक्सालेट, प्रोटीन और सोडियम की मात्रा कम करें जैसे – नट्स और इससे बने फूड प्रोडक्ट्स को खाने से परहेज करें।
- मूंगफली का सेवन न करें।
- पालक का सेवन नहीं करना चाहिए।
- चिकन, अंडे, मछलियों के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही या पनीर का सेवन भी अधिक नहीं करना चाहिए।
- सोडियम लेवल कम रखना सेहत के लिए अच्छा हो सकता है।
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कैल्शियम फॉस्फेट स्टोन (Calcium Phosphate Stone) होने पर क्या नहीं खाना चाहिए
- एनीमल प्रोटीन और सोडियम की मात्रा आहार में कम करें
- सोडियम सिर्फ नमक में नहीं बल्कि पैक्ड फूड और फास्ट फूड में अधिक होता है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन हानिकारक हो सकता है।
- कोशिश करें कि चिकन न खाएं।
- मछली और अंडे का सेवन भी कम करना लाभकारी हो सकता है।
- डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, पनीर और चीज का इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करना चाहिए।
- सोया खाद्य पदार्थ जैसे सोया दूध, सोया बटर और टोफू भी आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- काजू और बादाम खाने से पहले यह जानकारी लें कि इसका सेवन कितना करना चाहिए।
- कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए लेकिन कितना खाना है इसकी जानकारी विशेषज्ञों से लें।
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यूरिक एसिड स्टोन (Uric Acid Stone) होने पर क्या न खाएं
- चिकन न खाएं।
- मछली और अंडे का सेवन कम करना लाभकारी हो सकता है।
- डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध, पनीर और चीज का इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करना चाहिए।
- सोया खाद्य पदार्थ जैसे सोया दूध, सोया नट बटर और टोफू भी आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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सिस्टाइन स्टोन (Cystine Stones) होने पर क्या खाएं और क्या नहीं
- सिस्टाइन स्टोन होने पर ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और पानी खूब पीना चाहिए।
- मछली और अंडे का सेवन कम करना लाभकारी हो सकता है।
- डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, पनीर और चीज का इस्तेमाल ध्यानपूर्वक करें।
वैसे गुर्दे की पथरी होने पर सादे पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। साथ ही ऑरेंज (संतरा) जूस, जौ और रेड वाइन के सेवन से फायदा मिल सकता है। एनीमल मीट का सेवन सावधानी से करना चाहिए। बहुत ज्यादा एनीमल प्रोटीन किडनी में स्टोन (पथरी) की परेशानी को बढ़ा सकता है। वहीं सेम, मटर, और दाल का भी सेवन हानिकारक हो सकता है। डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही डाइट का चयन करें।
गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) होने पर किन चीजों को करें डायट में शामिल?
- जितना हो सके उतना लिक्वीड चीजों को लें। खासतौर से पानी पीएं। ये स्टोन को बनाने वाले रसायनों को डाइल्यूट करने में मदद करता है। एक दिन में कम से कम 12 गिलास पानी पीने की कोशिश करें।
- सिट्रस फ्रूट और जूस को डायट में शामिल करें। ये प्थरों के गठन को कम करने या अवरुद्ध करने में मदद कर सकता है। सिट्रस फ्रूट में आप नींबू, संतरा और ऑरेंज ले सकते हैं।
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गुर्दे की पथरी के लिए परीक्षण और निदान
गुर्दे की पथरी के निदान के लिए मेडिकल हिस्ट्री की समीक्षा और एक शारीरिक परीक्षा की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अन्य परीक्षणों में शामिल हैं:
– कैल्शियम, फास्फोरस, यूरिक एसिड और इलेक्ट्रोलाइट्स के लिए ब्लड टेस्ट
– गुर्दे के कामकाज का आकलन करने के लिए रक्त यूरिया नाइट्रोजन (BUN) और क्रिएटिनिन
– यूरिनलिसिस क्रिस्टल, बैक्टीरिया, रक्त और सफेद कोशिकाओं की जांच के लिए
– उनके प्रकार निर्धारित करने के लिए पारित पत्थरों की परीक्षा
निम्नलिखित परीक्षण भी किए जाते हैं:
- एबडोमिनल एक्स-रे (Abdominal x ray)
- इंटरावेनस पाइलोग्राम (IVP)
- रेट्रोग्रेड पाइलोग्राम (Retrograde pyelogram)
- गुर्दे का अल्ट्रासाउंड (सबसे ज्यादा इसी पर भरोसा किया जाता है) (Renal ultrasound)
- पेट और गुर्दे का एमआरआई स्कैन (MRI scan of stomach and kidney)
- एबडोमिनल सीटी स्कैन (Abdominal CT scan)
सीटी स्कैन और आईवीपी में उपयोग की जाने वाली कंट्रास्ट डाई किडनी के काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, जिन लोगों की किडनी सामान्य रूप से काम कर रही है, उन लोगों के लिए यह चिता का विषय नहीं है। कुछ दवाएं भी हैं, जो डाई के साथ संयोजन में गुर्दे की क्षति की आशंका को बढ़ा सकती हैं। सुनिश्चित करें कि आपका रेडियोलॉजिस्ट आपके द्वारा ली गई किसी भी दवा के बारे में जानता हो।
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गुर्दे की पथरी का इलाज कैसे किया जाता है
गुर्दे की पथरी के प्रकार के अनुसार ही उसका उपचार किया जाता है। मूत्र को छलनी किया जा सकता है और मूल्यांकन के लिए पत्थरों का इकट्ठा किया जा सकता है। दिन में छह से आठ गिलास पानी पीने से मूत्र प्रवाह बढ़ जाता है। जो लोग डिहाइड्रेटेड हैं या जिन्हें गंभीर मतली और उल्टी की शिकायत है, उन्हें अधिक तरल पदार्थ की आवश्यकता हो सकती है। गुर्दे की पथरी के लिए दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है।
लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy)
लिथोट्रिप्सी बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है ताकि वे अधिक आसानी से आपके यूटेरस से आपके ब्लैडर तक पहुंच सकें। यह प्रक्रिया असुविधाजनक हो सकती है और साथ ही इसमें एनिस्थिसिया की भी आवश्यकता हो सकती है। इससे पेट और पीठ पर चोट लग सकती है और गुर्दे और आस-पास के अंगों में रक्तस्राव हो सकता है।
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टनल सर्जरी (पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी)
एक सर्जन आपकी पीठ में एक छोटे से चीरा के माध्यम से पत्थरों को निकालता है। एक व्यक्ति को इस प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है जब:
- पत्थर रुकावट और संक्रमण का कारण बन रहा हो या गुर्दे को नुकसान पहुंचा रहा हो
- पास करने के लिए पत्थर बहुत बड़ा हो गया हो
- दर्द को कंट्रोल नहीं किया जा सकता हो
यूरेटेरोस्कोपी (Ureteroscopy)
जब एक पत्थर मूत्रवाहिनी या मूत्राशय में फंस जाता है, तो आपका डॉक्टर इसे हटाने के लिए यूरेटेरोस्कोप नामक एक उपकरण का उपयोग कर सकता है।
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