कहते हैं सुबह की शुरुआत अगर एक कप चाय से हो जाए तो दिन अच्छा जाता है, लेकिन हम सभी सिर्फ ज्यादातर कॉफी, चाय या ग्रीन टी की बात करते हैं। ग्रीन टी के फायदों के बारे में तो आपने बहुत पढ़ा और सुना होगा। शायद आप रोजाना ग्रीन टी पीते भी होंगे, लेकिन क्या आपको पता है कि रेड डी या रूइबोस टी भी सेहत के लिए बहुत अच्छी होती है। रेड टी (Red tea) में ढे़र सारे औषधीय गुण होते हैं और यह साउथ अफ्रीका के पश्चिमी केप प्रांत में मिलने वाली एक प्रकार की झाड़ी से बनाई जाती है। चलिए आपको रेड टी के फायदे (Health benefits of red tea) बता देते हैं ताकि आप इसे ट्राई कर सकें।
और पढ़ेंः सब्जा (तुलसी) के बीज से कम करें वजन और इससे जुड़े 8 अमेजिंग बेनिफिट्स
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर (Rich in antioxidants)
रेड टी (Red tea) में एस्पलाथिन और नॉट कोफिन जैसे दो महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट हैं। रेड टी आपके इम्यून सिस्टम (Immune system) को मजबूत बनाती है। रेड टी (Red tea) में एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटीवायरल और एंटीमुटाजेनिक गुण होते हैं। इसे पीने से लिवर को एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं और यह कैंसर और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में सहायक है।
दिल को रखे स्वस्थ (keep Heart healthy)
रेड टी में एंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कम करते हैं और फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं। रेड टी (Red tea) में क्वेरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो दिल की बीमारियों से हिफाजत करता है। यह HDL कोलेस्ट्रॉल (गुड कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है और LDl कोलेस्ट्रॉल (बैड कोलेस्ट्रॉल) को धमनियों और ब्लड वेसल्स की दीवार को अवरूद्ध करने से रोकता है।
और पढ़ेंः जानें आप वेज डायट के साथ बच्चे को कैसे हेल्दी रखें
डायबिटीज (Diabetes) नियंत्रण
अध्ययन के मुताबिक, रेड टी (Red tea) में मौजूद अस्पलाथीन (एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट) में एंटी डायबेटिक गुण होते हैं। जो ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद करता है, मांसपेशियों द्वारा इंसुलिन प्रतिरोध और ग्लूकोज अवशोषण में सुधार करता है। यह पैनक्रियाज से इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है।
एलर्जी कम करे (Can reduce allergy)
दक्षिण अफ्रीका में कुछ जगहों पर रेड टी का इस्तेमाल एक्जिमा, हे फीवर और एलर्जी के इलाज के लिए किया जाता है। इसके एंटी इंफ्लामेट्री गुण अस्थमा और एलर्जिक रिएक्शन के इलाज में मदद करते हैं।
हड्डियों को स्वस्थ रखती है (Make bone strong)
रेड टी में कैल्शियम, क्लोराइड्स मिनरल्स और मैगनीज होता है जो हड्डियों की सरंचना को ठीक और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, क्रॉनिक जॉइंट पेन की संभावना को भी कम करता है। रेड टी में मौजूद फ्लोराइड जहां दांतों की सेहत का ख्याल रखता है, वहीं मैगनीज नई हड्डियों के विकास और क्षतिग्रस्त हड्डियों को ठीक करने में सहायक है।
ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) नियंत्रित करती है
रेड टी तनाव, घबराहट और हाई ब्लड प्रेशर से राहत दिलाती है। हाइपर टेंशन, जिसे आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है, रेड टी (Red tea) इसकी बेहतरीन दवा है। फेफड़ों में हवा के प्रवाह को बढ़ाकर यह ब्रोंकोडायलेटर के रूप में काम करती है। रेड टी (Red tea) पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा कम हो जाता है।
और पढ़ेंः वजन घटाने के लिए यूज कर रहे हैं सेब का सिरका? तो एक बार उसके नुकसान भी जान लें
कैफीन फ्री (Caffeine free)
कहने को भले ही इसे रेड टी (Red tea) कहा जाता है, मगर है यह जड़ी बूटी। इसमें कैफीन की मात्रा बिल्कुल नहीं होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, सोने से पहले एक कप रेड टी पीने से अच्छी नींद आती है। कैफीन को डायट से हटा देने पर आपका तनाव कम हो जाएगा, मूड अच्छा रहेगा और दिल की सेहत दुरुस्त रहेगी। हालांकि, अगर आपको नींद नहीं आने की परेशानी है या कम नींद आती है तो अपनी मर्जी से इसका सेवन करें। पहले हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें और फिर इसका सेवन कब, कैसे और कितना करना चाहिए यह समझकर पीने की आदत डालें।
एंटीस्पास्मोडिक गुण (Antispasmodic properties)
रेड टी एंटीस्पास्मोडिक एजेंटों का अच्छा स्रोत है, जो पेट में ऐंठन और दर्द को कम करने में मदद करता है। ऐसा मुख्य रूप से शरीर में K + (पोटेशियम) आयनों की सक्रियता से होता है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में हाइपरएक्टिविटी को कम करता है, डायरिया और आंत से जुड़ी अन्य समस्याओं से भी बचाता है।
और पढ़ेंः वीकैंड पर करो जमकर पार्टी और सोमवार से ऐसे घटाओ वजन
किडनी स्टोन (Kidney stone) के मरीज भी पी सकते हैं
रेड टी (Red tea) में कोई ऑक्सेलिक एसिड नहीं होता है, इसलिए किडनी स्टोन के मरीज भी इसे पी सकते हैं। सामान्य चाय में ऑक्सेलिक एसिड होता है जिसकी वजह से इसके ज्यादा सेवन से किडनी के मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है, मगर रेड टी से उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
रेड टी (Red tea) आपकी मौजूदा दवाइयों या जिन दवाओं का आप सेवन कर रहें उनके साथ रिएक्शन कर सकती है या इसके उपयोग से दवा के कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें।
रेड टी के एक नहीं बल्कि कई शारीरिक फायदे हैं लेकिन, इसका सेवन निम्नलिखित शारीरिक परिस्थितियों में करने से परहेज करना चाहिए या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जैसे:-
- अगर आप गर्भवती हैं तो रेड टी का सेवन न करें। वैसे गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से मां और शिशु दोनों को परेशानी हो सकती है।
- अगर आप किसी दवा का सेवन करते हैं तो इस चाय के सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सही निर्णय होगा। इसके साथ ही डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं की भी जानकारी अपने हेल्थ एक्सपर्ट को अवश्य दें।
- अगर आपको रेड टी का सेवन करते हैं और इसके सेवन से कोई एलर्जी होती है तो इसका सेवन न करें। यह ध्यान रखना चाहिए कि अस्पालैथस लीनारिस (Aspalathus linearis) प्रजाति के पौधों या उस प्रजाति के पौधों से एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसी फैमली की श्रेणी में शामिल है मटर, सोयाबीन, लॉन्ग और मूंगफली हैं।
- अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी या किसी डिसऑर्डर से पीड़ित है तो उसे रेड टी (Red tea) का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर रेड टी का सेवन करना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- इस चाय के सेवन से पहले यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से किसी प्रकार की एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।
अगर आप रेड टी (Red tea) के फायदे या इसके सेवन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
[embed-health-tool-bmr]