कई बार ऐसा होता है कि चोट लगने या कटने पर ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है और जल्दी रूकती नहीं है। ऐसा होना शरीर में विटामिन ‘के’ की कमी का मुख्य लक्ष्ण है। इसे अनदेखा करने या समय पर इलाज न कराने पर इसके कई गंभीर परिणाम भी सामने आ सकते हैं, जैसे कि शरीर के अंगों में अंदरूनी ब्लीडिंग होना और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, उनके टूटने का खतरा भी बढ़ जाता है।
क्यों है विटामिन ‘के’ (Vitamin K) जरूरी ?
हमारे शरीर में विभिन्न विटामिन की अलग—अलग भूमिका होती हैं। विटामिन ‘के’ हमारे दिल और मजबूत हड्डियों के लिए फायदेमंद है। यह आपकी हड्डियों को मज़बूत बनाकर चोट लगने की परिस्थिति में उनके टूटने के खतरे को कम करता है। इसके अलावा, यह चोट लगने पर खून के बहाव को भी रोकता है और खून की कमी होने से आपके शरीर को बचाता है। यह ब्लड प्रेशर को काबू रखने में भी साहयक है। इस आर्टिकल में जानते हैं कि विटामिन के की कमी से क्या स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं? विटामिन के फायदे शरीर को मिल सके, इसके लिए कौन-कौन से फूड्स डायट में शामिल करने चाहिए।
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विटामिन K के स्वास्थ्य-लाभ
विटामिन K हमारे शरीर के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। जैसे-
- धमनियों की दीवारों को सख्त होने से बचाता है।
- दिल का दौरा (हार्ट अटैक) के जोखिम को दूर करने में सहायता करता है।
- कैंसर (cancer) से संबंधित जोखिम कारकों को दूर करने में मददगार होता है।
- हड्डियों को मजबूती प्रदान कर ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं को दूर करता है।
- इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने में मदद करता है। इससे मधुमेह यानी डायबिटीज की समस्या में राहत मिलती है।
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विटामिन के की कमी के लक्षण
अत्यधिक रक्तस्राव या रक्त बहाव का न रूकने के अलावा शरीर में इसकी कमी के कुछ अन्य लक्ष्ण भी हो सकते हैं, जैसे कि
- नाखूनों के नीचे खून के धब्बे पड़ना।
- त्वचा, नाक या शरीर के अन्य क्षेत्रों में रक्तस्राव का होना।
- पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना।
- हल्की चोट लगने पर अधिक खून का बहना।
- मसूड़ों से खून आना।
- मूत्र में खून आना।
- मल में खून आना या गाढ़ा काले रंग का मल होना।
- शिशुओं के उस क्षेत्र से रक्तस्राव होना जहां से गर्भनाल को काटा गया है।
- मस्तिष्क में अचानक रक्तस्राव होना, जो बेहद खतरनाक और जानलेवा है।
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विटामिन के की कमी के कारण
विटामिन ‘के’ की कमी के कई कारण यह हो सकते हैं, जैसे कि
- आप ऐसा आहार ले रहें हैं जिसमें इस विटामिन की मात्रा न के बराबर है।
- एंटीबायोटिक का सेवन भी इस विटामिन की कमी का कारण बन सकता है।
- अगर आपका शरीर फैट एब्सॉर्ब नही कर पा रहा है तो यह भी इस विटामिन की कमी का एक कारण हो सकता है।
विटामिन के की कमी से होने वाली जटिलताएं
जिन लोगों की बॉडी ठीक से फैट का अवशोषण नहीं कर पाती है उन लोगों के शरीर में विटामिन k की कमी होने लगती होती है। इस स्थिति को वसा का कुअवशोषण भी कहा जाता है। जिन लोगों के शरीर में फैट अवशोषित नहीं होता है उनमें कुछ समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-
- सिस्टिक फाइब्रोसिस
- सीलिएक रोग
- आंत्र या बाइलरी ट्रैक्ट (लिवर, पित्ताशय और पित्त नलिकाएं) से जुड़े विकार
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विटामिन के की कमी की जांच करवाएं
विटामिन ‘के’ की कमी को जांचने के लिए डॉक्टर आपका ब्लड टेस्ट करते हैं। इस टेस्ट को प्रोथ्रोम्बिन टाइम (PT) टेस्ट कहा जाता है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर आपका थोड़ा सा खून लेकर उनमें कुछ कैमिकल मिलाते हैं और देखते हैं कि खून को जमने में या इसका थक्का (Clot) बनने में कितना समय लगता है। अगर यह समय 13.5 सेकंड्स से ज्यादा है तो शायद आपके शरीर में इस विटामिन की कमी हो सकती है।
विटामिन के की कमी के उपाय
शरीर में विटामिन ‘के’ की पर्याप्त मात्रा बनाए रखने के लिए सबसे सरल उपाय यह है कि आप उन आहारों का सेवन करें, जिनमें विटामिन ‘के’ की मात्रा अधिकत पाई जाती हैं, जैसे कि हरी सब्जियां, फलों में केला, सूखा आलू बुखारा आदि और नट्स इत्यादि। इसके अलावा कई बार स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर डॉक्टर फाय्टोनेडिअन (Phytonadione) नामक विटामिन ‘के’ सप्लीमेंट भी आपको दे सकते हैं।
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विटामिन के (vitamin k) के स्त्रोत क्या हैं?
विटामिन के की कमी को दूर करने के लिए डायट में नीचे बताए गए खाद्य पदार्थ शामिल करें। जैसे-
विटामिन के स्त्रोत: अनार (Pomegranate)
अनार में राइबोफ्लेविन, विटामिन सी, थियामिन और नियासिन के साथ विटामिन के भी उचित मात्रा में पाया जाता है। विटामिन के की कमी को दूर करने के लिए इस फल को आहार में शामिल करें।
विटामिन के स्त्रोत: हरी सेम (Green Beans)
हरी सेम में थियामिन, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, नियासिन के साथ विटामिन के भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, विटामिन के की कमी दूर हो सके इसके लिए इसे खाने की सलाह दी जाती है।
विटामिन के स्त्रोत: पालक (Spinach)
पालक में विटामिन के की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इस कारण इसे विटामिन K के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
विटामिन के स्त्रोत: पत्ता गोभी (Cabbage)
पत्ता गोभी में विटामिन ए, विटामिन बी-6, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी के साथ ही विटामिन के भी पाया जाता है। इस कारण इसका उपयोग विटामिन के की कमी से होने वाले जोखिमों को कम करने में सहायक होते हैं।
विटामिन के स्त्रोत: कीवी (Kiwi)
कीवी में कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम के साथ विटामिन ए, बी-6, विटामिन सी और विटामिन के उपलब्ध होता है। इसको डायट में लेने से विटामिन के की कमी दूर होती है।
विटामिन के स्त्रोत: काजू (Cashew)
ड्राई फ्रूट की बात की जाए तो काजू में विटामिन के की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए इसे विटामिन के के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
शरीर के लिए विटामिन ‘के’ अति उपयोगी है। विटामिन के की कमी कई गंभीर विकारों को आमंत्रण दे सकती है। इससे बचने के लिए या इस समस्या का निदान पाने के लिए ऊपर दिए गए उपाय बेहद लाभदायक साबित हो सकते हैं। लेकिन किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा इससे जुड़ा हुआ कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।
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