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कैंसर होने के बाद काउंसलिंग भी है जरूरी (Counseling is also necessary after having cancer)
कैंसर होने के बाद जरूरी है कि आप कैंसर के मरीज के आस-पास सकारात्मक माहौल बनाएं। इसके अलावा कैंसर पीड़ितों को परिजनों और दोस्तों को कैंसर के बारे में जागरूकता होना भी जरूरी है। साथ ही ऐसे समय में अपने आस-पास मौजूद लोगों को इस बीमारी की जानकारी और किन तकनीकों का इस्तेमाल इस बीमारी में किया जाता है पता होने पर पीड़ित पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। साथ ही परिजन और दोस्त पीड़ित को ऐसे लोगों का उदाहरण भी दे सकते हैं, तो इस बीमारी से बाहर निकले हैं। दुनिया भर में ऐसे बहुत से सेलिब्रिटी हैं, जो कैंसर का शिकार हुए हैं और इसको मात भी दे चुके हैं, तो ऐसे में पीड़ित की रुचि के क्षेत्र के अनुसार आप उनको उदाहरण दे सकते हैं।
साथ ही कैंसर पीड़ित लोगों के सामने घर की अन्य दिक्कतों का जिक्र नहीं करना चाहिए। इसके अलावा परिजनों को लगे कि कैंसर के कारण पीड़ित को तनाव और बैचेनी होने लगी है, तो ऐसे में परिजनों को जरूरत होगी कि वे पीड़ित से इस बारे में बात करें और उन्हें इसके बारें में किसी भी गलत धारणा के बारे में अवगत कराएं। साथ ही अगर परिजनों को लगे कि पीड़ित इस बीमारी को लेकर जरूरत से ज्यादा तनाव ले रहा है, तो ऐसे में आप पीड़ित के लिए साइकोलॉजिस्ट की मदद ले सकते हैं। कई मामलों में देखा जा सकता है कि गंभीर बीमारियों का सामना करते समय पीड़ितों को साइकोलॉजिकल हेल्प से फायदा पहुंचता है। साइकोथेरेपी के दौरान एक्सपर्ट्स मरीज की चिंताओं को सुनते और उन्हें इनसे निपटने और दिमाग को शांत रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर पीड़ित नौकरी या बिजनेस करता है, तो उसे अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या को चालू रखना चाहिए।
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हेल्थ चेकअप करवाएं (Get health checkup)
डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन करें। समय-समय पर डॉक्टर से मिलें और जो जांच करवाने की सलाह दी गई हो उसे अवश्य करवाएं।
हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। ऊपर बताए गए टिप्स को फॉलो करें, लेकिन इन सबके बावजूद अगर कोई परेशानी महसूस होती है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें। इस गंभीर बीमारी के बारे में जितने जल्दी पता चल जाए उतना ही इलाज आसान होता है।