ओरल कैंसर (Oral cancer) के संकेत मिलते ही आप डॉक्टर को दिखाएं और उचित इलाज के लिए तैयार हो जाएं। होंठ, गाल और जीभ सहित नरम तालू, टॉन्सिल और गले के कैंसर विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। इनको हमेशा स्पॉट करना आसान नहीं होता है। कभी-कभी लक्षण प्रारंभिक अवस्था में बिल्कुल पकड़ में नहीं आते। यही एक बड़ा कारण है कि कैंसर अक्सर बाद में लिम्फ नोड्स तक फैल जाते हैं। आज हम आपको ऐसे पांच संकेतों के बारे में बताएगें जो अक्सर मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) का कारण बनते हैं।
और पढ़ें : मुंह से जुड़ी 10 अजीबोगरीब बातें, जो शायद ही जानते होंगे आप
सामान्य तौर पर, मुंह में कैंसर के चेतावनी संकेतों में निम्नलिखित शामिल हैं:
1.मुंह में घाव जो ठीक नहीं होता
मुंह में यदि आपको कोई घाव हो गया है और काफी दिनोंं के बाद भी अगर वो ठीक नहीं हो रहा है तो ये मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) का संकेत हो सकता है। देर ना करें और डॉक्टर से बात करें।
2.मुंह में रक्तस्राव जो एक सप्ताह से अधिक रहता है
यदि आपके दांतों , मसूड़ों या मुंह के किसी भाग से खून आ रहा है और ये एक हफ्ते से ज्यादा समय से हो रहा है तो इसे हल्के में ना ले ये मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) का संकेत हो सकता है। फौरी कारवाई करते हुए अपने डॉक्टर से उचित मेडिकल उपचार लें।
और पढ़ें : ब्रश करने का यह तरीका अपनाएंगे तो, दूर हो जाएंगी मुंह की समस्याएं
3.मुंह या गर्दन में धीरे-धीरे बढ़ती गांठ
यदि आपके मुंह या गर्दन के आस पास कोई गांठ है जिसकी साइज और शेप लगातार बढ़ और बदल रही है तो सावधान हो जाइए। ये मुमकिन है कि ये गांठ कैंसर के कारण बढ़ रही है। तुंरत ही अपने नजदीकी अस्पताल में संर्पक करें और किसी ओरल या कैंंसर चिकित्सक को दिखाए ।
4.मुंह में दर्द दो सप्ताह से अधिक समय तक रहता है
यदि आपको दांतों के दर्द के अलावा मुंह में किसी प्रकार का दर्द जो असहनीय भी हो सकता है , दो हफ्तों से ज्यादा देर तक परेशान कर रहा है संभव है कि ये कैंसर हो सकता है। तुंरत ही किसी ओरल हेल्थ एक्सपर्ट से मिले और अपने मौजूदा दर्द के बारे में बताएं।
और पढ़ें- दांतों का पीलापन दूर करने वाली टीथ वाइटनिंग कितनी सुरक्षित है?
5.आकस्मिक आवाज का बदलना
यदि आप की आवाज दिनों दिन भारी होती जा रही और उसकी वॉइस टोन में भारी बदलाव आ रहा है तो सावधान हो जाए। खास कर ये बात उन पर सबसे ज्यादा लागू होती है जो सिगरेट या धुएं से संबधित नशा करते हैं। आवाज के इस बदलाव को अनदेखा ना करें ये कैंसर का संकेत हो सकता है ।
मुंह में कैंसर के अन्य संकेत (Types of cancer in the mouth)
दोनों कानों में लगातार उभार या निचले होंठ और ठुड्डी का सुन्न होना भी मुंह में कैंंसर (Mouth Cancer) होने के संकेत हो सकते हैं इन बातों को गंभीरता से लें और तुंरत ही चिकत्सक का सहारा लें। यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो जितनी जल्दी हो सके अपने चिकित्सक से मिलें। अगर यह कैंसर है, तो सबसे अच्छा है कि समय रहते ही इसका इलाज करा लिया जाए और कैंसर को जड़ से खत्म कर लिया जाए।
और पढ़ें- यह भी पढ़ें रूट कैनाल उपचार के बाद न खाएं ये 10 चीजें
मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) के प्रकार
मुंह के कैंसर में निम्नलिखित कैंसर शामिल हैं-
- होंठों का कैंसर
- जीभ का कैंसर
- गाल का कैंसर
- मसूड़ों का कैंसर
- मुंह के तल (जीभ के नीचे) का कैंसर
- सख्त और नरम तालु के कैंसर
मुंह में कैंसर के कारण और जोखिम कारक (Causes and Risk Factors of Mouth Cancer)
माउथ कैंसर होने के निम्न कारण हो सकते हैं।
धूम्रपान – ओरल कैंसर (Oral cancer) विकसित करने की संभावना उन लोगों में छह गुना अधिक होती है जो सिगरेट, सिगार या ई-सिगरेट का सेवन करते हैं।
तंबाकू – जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं उनमें गाल, मसूड़ों और होठों की लाइनिंग का कैंसर होने की सम्भावना 50 गुना अधिक होती है।
एल्कोहॉल – शराब पीने वालों को माउथ कैंसर होने का खतरा बाकी लोगों से 6 प्रतिशत ज्यादा होता है।
कैंसर का पारिवारिक इतिहास भी कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
और पढ़ें : ओरल प्रॉब्लम्स बन सकती हैं कई अन्य जटिल विकारों का कारण
मुंह के कैंसर का परीक्षण (Oral cancer test)
मुंह के कैंसर का निदान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टेस्ट और प्रक्रियाएं निम्नलिखित हैं।
शारीरिक परीक्षण
डेंटिस्ट असामान्यताएं जांचने के लिए आपके होंठ और मुंह की जांच करेंगे – जैसे जलन के क्षेत्रों, घावों और सफेद पैचों की जांच (Leukoplakia; ल्यूकोप्लाकिया)।
बायोप्सी
अगर डॉक्टर को जरा सा भी संदेह होता है, तो आपके डॉक्टर बायोप्सी के लिए कोशिकाओं का एक सैंपल निकाल सकते हैं। बायोप्सी के भी अलग-अलग प्रकार हो सकते हैं।
अन्य परीक्षण
यदि बायोप्सी से पुष्टि होती है कि आपके मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) है, तो आपको आगे की जांच कराने की आवश्यकता होगी ताकि किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले यह पता चल सके कि कैंसर किस स्टेज में है। ये परीक्षण आमतौर पर यह जांचने के लिए किए जाते हैं कि क्या कैंसर प्राथमिक कोशिकाओं के आगे टिशू में फैल गया है जैसे कि जबड़े या त्वचा में या गर्दन की लिम्फ ग्रंथियों में।
इसमें निम्नलिखित टेस्ट शामिल हो सकते हैं
- एक्स-रे
- अल्ट्रासाउंड स्कैन
- एमआरआई स्कैन
- कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी स्कैन (सीटी स्कैन)
- पीईटी स्कैन
ये सभी परीक्षण आपके कैंसर का स्टेज जानने में मदद करेंगे।
और पढ़ें- दांतों की परेशानियों से बचना है तो बंद करें ये 7 चीजें खाना
ओरल कैंसर से बचाव (Oral cancer prevention)
मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) होने से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाए किए जा सकते हैं
- धूम्रपान या किसी भी तंबाकू उत्पाद का इस्तेमाल न करें और न ही शराब पिएं।
- स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
- जब भी बाहर धूप में जाएं, अपनी त्वचा और होठों पर UV-A/B ब्लॉकिंग लोशन का प्रयोग करें।
- ओरल सेक्स करने वाले लोगों को मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) होने का एक उच्च जोखिम होता है। कुछ प्रकार के कैंसर मुंह और गले में ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण से जुड़े होते हैं। ये इंफेक्शन ओरल सेक्स के दौरान फैलते हैं।
- दांतों और मुंह की नियमित रूप से सफाई करने से मुंह के कैंसर से बचा जा सकता है। ओरल सेक्स के दौरान सेक्शुअल हाइजीन पर ध्यान दें।
निम्नलिखित तरीके से आप ओरल कैंसर (Oral cancer) का प्रारंभिक चरण में ही पता लगा सकते हैं
- महीने में कम से कम एक बार खुद से मुंह की जांच करें। किसी भी तरह के बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार 20 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को हर तीन साल में एक बार और 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को हर साल डेंटल चेकअप कराना चाहिए। मुंह में कैंसर (Mouth Cancer) का प्रारंभिक चरण में पता लगाने से सफल उपचार की संभावना बढ़ सकती है।
आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ओरल कैंसर (Oral cancer) के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर मन में अधिक प्रश्न हैं, तो बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।