यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) को एंडोमेट्रियल कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर यूट्रस को प्रभावित करता है, जो होलो यानी खोखला और नाशपाती के आकर का होता है। इस अंग में शिशु का विकास होता है। यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) इस अंग की लायनिंग में विकसित होता है और इस लायनिंग को एंडोमेट्रियल कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि दस में से तीन महिलाओं में जीवन में कभी न कभी इस समस्या का निदान होता ही है। हालांकि, इससे पीड़ित अस्सी प्रतिशत महिलाएं निदान के बाद पांच साल या इससे भी अधिक समय तक सर्वाइव कर सकती हैं। अगर किसी महिला में इस कैंसर का निदान होता है, तो जल्दी उपचार से उनके स्वस्थ होने की संभावना बढ़ जाती है। अब जानते हैं इस कैंसर के बारे में विस्तार से।
क्या है यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer)?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) को एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial cancer), यूटेरिन सार्कोमा (Uterine sarcoma) या कैंसर के उन दुर्लभ प्रकारों के रूप में जाना जाता है, जो यूट्रस में होते हैं, लेकिन इनका उपचार एक जैसा ही होता है। यह सबसे सामान्य गाइनेकोलॉजी कैंसर है, जो महिला के प्रजनन तंत्र (Reproductive System) को प्रभावित करता है। यूटेरिन सार्कोमा (Uterine sarcoma), मयोमेट्रियम (Myometrium) में डेवेलप होता है, जो यूट्रस की मसल वॉल है। यूटेरिन सार्कोमा (Uterine sarcoma) बेहद दुर्लभ होता है।
अब जानिए क्या हैं इसके कारण?
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यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के कारण क्या हैं?
शोधकर्ताओं को इस कैंसर के सही कारणों के बारे में पता नहीं है। उनका मानना है कि रोगी के यूट्रस में सेल्स में परिवर्तन करने के लिए कुछ होता है। म्युटेटेड सेल्स ग्रो होते हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं, जो एक ट्यूमर नामक मास बना सकते हैं। कुछ खास रिस्क फैक्टर्स यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के डेवलप होने के चांसेस को बढ़ा देते हैं। अगर आपको यह समस्या होना की संभावना अधिक है, तो अपने डॉक्टर से बात अवश्य करें। इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- बढ़ती उम्र
- हाय एनिमल फैट युक्त डायट
- फैमिली हिस्ट्री
- डायबिटीज
- मोटापा
- ओवेरियन डिजीज
- लेट मेनोपॉज
- अर्ली मेंस्ट्रुएशन
- लॉन्ग मेंस्ट्रुएशन स्पेन
- पेल्विस की अर्ली रेडिएशन थेरेपी
- एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थेरेपी
- टामॉक्सीफेन का इस्तेमाल
इसके अलावा भी इससे जुड़े कुछ अन्य रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं। अब जानिए क्या हैं यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के लक्षण?
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यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के लक्षण क्या हैं?
यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के लक्षण अन्य कंडिशंस के समान हो सकते हैं। यह रीप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को प्रभावित करने वाली अन्य स्थितियों के लिए विशेष रूप से सच है। यदि आपको असामान्य दर्द, रिसाव या ब्लीडिंग जैसी समस्याएं होती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। एक सही निदान महत्वपूर्ण है ताकि आप उचित उपचार प्राप्त कर सकें। इस कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- मेनोपॉज से पहले पीरियड्स के बीच वजायनल ब्लीडिंग।
- वजाइनल ब्लीडिंग या स्पॉटिंग।
- लोअर एब्डोमिनल पेन या पेल्विस में क्रेम्पिंग।
- अगर आप पोस्टमेनोपॉजल हैं, तो पतला सफेद या क्लियर वजाइनल डिस्चार्ज होना।
- अगर आपकी उम्र चालीस से अधिक उम्र के हैं, तो अधिक बहुत लम्बी, हैवी और फ्रीक्वेंट वजाइनल ब्लीडिंग होना।
- अब जानिए इस कैंसर की स्टेजिज के बारे में।
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यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) की स्टेजेज
समय के साथ यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) यूट्रस से शरीर के अन्य भागों तक फैल सकता है। कैंसर को चार स्टेजिज में बांटा जा सकता है। ताकि, जाना जा सके कि कैंसर कितना ग्रो या स्प्रेड हुआ है। यह स्टेजिज इस प्रकार हैं:
- स्टेज 1 (Stage 1): इस स्टेज का अर्थ है कि कैंसर केवल यूट्रस में मौजूद है।
- स्टेज 2 (Stage 2): इस स्टेज में कैंसर यूट्रस और सर्विक्स में मौजूद होता है।
- स्टेज 3 (Stage 3): इस स्टेज का अर्थ है कि कैंसर यूट्रस के बाद फैल गया है लेकिन अभी रेक्टम या ब्लैडर तक नहीं पहुंचा है। यह फॉलोपियन ट्यूब, ओवरी, वजाइना या नियरबाय लिम्फ नोड्स में प्रेजेंट हो सकता है।
- स्टेज 4 (Stage 4): इस स्टेज का एडवांस स्टेज माना जाता है और इसका अर्थ है कि कैंसर पेल्विक एरिया तक फैल चुका है। यह ब्लैडर, रेक्टम या डिस्टेंट टिश्यूज या अंगों में प्रेजेंट हो सकता है।
जब किसी व्यक्ति में इस कैंसर का निदान होता है, तो कैंसर की स्टेजेज इसके उपचार और लॉन्ग टर्म आउटलुक को प्रभावित कर सकती हैं। यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) यानी एंडोमेट्रियल कैंसर का अर्ली स्टेज में उपचार करना आसान हो सकता है। अब जानते हैं कि कैसे संभव है इस समस्या का निदान?
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यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) का निदान कैसे संभव है?
अगर आपको इस समस्या का कोई भी लक्षण नजर आता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर आपसे इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे और इसके निदान के लिए कुछ टेस्ट्स के लिए कह सकते हैं। यह टेस्ट्स इस प्रकार हैं:
लैब टेस्ट्स (Lab tests)
CA 125 टेस्ट (CA 125 test): CA 125 टेस्ट वो टेस्ट है, जिसमें ब्लड के माध्यम से CA 125 को जांचा जाता है, जो एक प्रोटीन है। CA 125 की खास मात्रा यह बताती है कि रोगी के शरीर में कैंसर है या नहीं।
इमेजिंग टेस्ट्स (Imaging test)
- सीटी स्कैन (CT scans): इस टेस्ट में रोगी के शरीर के अंदर की डिटेल पिक्चर ली जा सकती है।
- एमआरआइ स्कैन (MRI scan): इस टेस्ट में रेडियो वेव्स और पावरफुल मैग्नेट का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि इमेजिज को बनाया जा सके।
- ट्रांसवजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal ultrasound): इस तरह के अल्ट्रासाउंड में एक खास डिवाइस को रोगी के वजाइना में डाला जाता है ताकि यूट्रस की पिक्चर ली जा सके।
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अन्य टेस्ट्स (Other tests) :
- एंडोमेट्रियल बायोप्सी (Endometrial biopsy): इस बायोप्सी में सर्विक्स के माध्यम से यूट्रस में एक थिन और फ्लेक्सिबल ट्यूब को इन्सर्ट किया जाता है। इसमें एंडोमेट्रियम का एक छोटा अमाउंट रिमूव किया जाता है।
- हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy): हिस्टेरोस्कोपी में वजाइना और सर्विक्स के माध्यम से एक हिस्टेरोस्कोप इन्सर्ट किया जाता है ताकि वो आपके यूट्रस तक पहुंच सके, जो एक लम्बी और थिन ट्यूब होती है। इसमें लगा एक नैरो लाइट व कैमेरा वाला इंस्टूमेंट यूट्रस की डिटेल्ड इमेज प्रदान करता है।
- डायलेशन और क्यूरेटेज (Dilation and curettage): यह एक काम्प्लेक्स प्रोसीजर है जिसे यूटेरिन टिश्यू को रिमूव करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रोसीजर ऑपरेटिंग रूम में होता है। इस टिश्यू सैंपल को रिमूव करने के बाद लैब में टेस्ट करने के लिए भेजा जाता है ताकि कैंसर का निदान हो सके। अब जानते हैं इस समस्या के उपचार के बारे में।
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यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) का उपचार कैसे हो सकता है?
यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) यानी एंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित अधिकतर लोगों को सर्जरी की जरूरत हो सकती है। उनका पर्टिकुलर ट्रीटमेंट प्लान, कैंसर के प्रकार और संपूर्ण हेल्थ पर निर्भर करता है। इसके अलावा अन्य ट्रीटमेंट्स की सलाह भी दी जा सकती है, जैसे:
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy), जिसमें कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए पावरफुल ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है।
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy), इस थेरेपी में कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए टार्गेटेड रेडिएशन बीम्स का इस्तेमाल होता है।
- हॉर्मोन थेरेपी (Hormone therapy), हॉर्मोन थेरेपी एक कैंसर उपचार है जो कैंसर के विकास को धीमा या रोकता है जो बढ़ने के लिए हार्मोन का उपयोग करता है।
- इम्यूमोथेरेपी (Immunotherapy), इम्यूनोथेरैपी में कैंसर के लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम मदद करता है।
- टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy) में ऐसी मेडिकेशन्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें स्पेसिफिक कैंसर सेल्स को टारगेट करने के लिए मेडिकेशन्स का इस्तेमाल किया जाता है ताकि वो मल्टिप्लाय होने से रुक सकें। अब इस कैंसर के उपचार के लिए अन्य तरीकों को भी खोजा जा रहा है।
यूटेरिन कैंसर के लिए सर्जरी (Surgery)
सर्जरी, यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के लिए प्राइमरी ट्रीटमेंट है। इसमें अधिकतर हिस्टरेक्टॉमी का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सर्जन यूट्रस और सर्विक्स को रिमूव करते हैं। हिस्टरेक्टॉमी प्रोसीजर के तीन प्रकार हैं: टोटल
- एब्डोमिनल हिस्टरेक्टॉमी (Abdominal hysterectomy)
- वजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी (Vaginal hysterectomy)
- रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी (Radical hysterectomy)
हिस्टरेक्टॉमी के दौरान सर्जन दो अन्य प्रोसीजर का इस्तेमाल भी करते हैं, जैसे:
- बाईलेटरल साल्पिंगो-ओफोरेक्टॉमी (Bilateral salpingo-oophorectomy)
- लिम्फ नोड डिसेक्शन (Lymph node dissection)
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यह तो थी यूटेरिन कैंसर (Uterine cancer) के बारे में जानकारी। कई लोग जिन्हें यह समस्या है, उन्हें ओवरी को रिमूव करने की जरूरत पड़ती है। लेकिन, इनके रिमूव करने का अर्थ है कि आपको अभी मेनोपॉज नहीं हुआ है तो अब इसे रिमूव किया जा सकता है। अगर आप 45 साल से कम उम्र की हैं और प्रीमेनोपॉजल हैं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें। यही नहीं, इस कैंसर से अधिकतर मामलों में बचा नहीं जा सकता है लेकिन आप इसके रिस्क को कम कर सकते हैं।
इसके लिए आपको डायबिटीज को कंट्रोल करना है, हेल्दी वेट मेंटेन रखना है और अगर आप ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें। यह दवाइयां यूटेरिन कैंसर से आपको कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।