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महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स के बीच का क्या है कनेक्शन?

महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स के बीच का क्या है कनेक्शन?

महिलाओं और पुरुष दोनों में डायबिटीज एक स्ट्रॉन्ग फैक्टर है, जो कार्डियोवैस्कुलर रिस्क (Cardiovascular risk) को बढ़ाने का काम करती है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों में दिल से जुड़ी बीमारी होने का रिस्क जिनको डायबिटीज नहीं है से दो गुना से ज्यादा होता है। वहीं पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women) का गहरा कनेक्शन हैं। पुरुषों की तुलना में डायबिटीज का सामना कर रही महिलाओं में हार्ट डिजीज होने का रिस्क दोगुना होता है। वहीं डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं में फर्स्ट हार्ट अटैक से मौत के मामले भी ज्यादा सामने आते हैं। इस आर्टिकल में जानिए महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women) का कनेक्शन क्यों और कैसे बन जाता है।

महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women)

महिलाओं और पुरुषों के आकंड़ों में इस अंतर की वजह ये है कि महिलाओं को वैसा इलाज उतनी तीव्रता से नहीं मिल पाता जैसे कि पुरुषों को मिलता है। यहां तक कि उन्हें कई कार्डिएक प्रॉसीजर रिकमंड भी नहीं किए जाते। एक स्टडी में इस बारे में जानकारी दी गई है कि डायबिटीज के बारे में पता चलने पर महिलाओं में पुरुषों की तुलना में 10 प्रतिशत तक कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाओं का उपयोग किया गया था। स्टडी के अनुसार महिलाओं में दूसरी हार्ट प्रोटेक्टिव दवाओं के उपयोग का प्रतिशत भी काफी कम था।

क्या कहती है स्टडी

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक साइंटिफिक बयान में शोधकर्ताओं ने ध्यान दिया कि सेक्स हॉर्मोन और कॉर्डियोवैस्कुलर रिस्क फैक्टर्स भी भूमिका निभाते हैं। कई महिलाएं जिन्हें टाइप 2 डायबिटीज डायग्नोस होती है उन्हें पहले से हार्ट डिजीज या उनमें हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स पाए जाते हैं। जिसमें हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol), हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), एब्डोमिनल ओबेसिटी (Abdominal obesity) और ब्लड वेसल्स की असमानताएं शामिल हैं। शोध बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या बहुत कॉमन है। महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स एक साथ दस्तक दे सकती हैं।

डायबिटीज, ओबेसिटी और मेटाबॉलिज्म जर्नल में छपी एक स्टडी में, शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं में ब्लड शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और धूम्रपान की स्थिति सहित हृदय रोग से जुड़े जोखिम कारकों के लिए पुरुषों की तुलना में नियंत्रण की दर कम थी।

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महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women)

महिलाओं में डायबिटीज हार्ट प्रॉब्लम्स के रिस्क को कैसे बढ़ा देती है? (Diabetes increase the risk of heart problems in women?)

ब्लड ग्लूकोज या ब्लड शुगर का कॉन्सनट्रेशन और यह रेड ब्लड सेल्स से कितना चिपकता है और ब्लड में ऑक्सीजन के फ्लो को कितना बाधित करता है, यह कार्डियोवैस्कुलर रिस्क में बड़ी भूमिका निभाता है। तीन महीने की अवधि में ब्लड में शुगर का एक महत्वपूर्ण मेजरमेंट हीमोग्लोबिन ए1सी टेस्ट (A1C test) है।

हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो ब्लड में ऑक्सीजन को ट्रांसपोर्ट करता है। डायबिटीज की बीमारी बड़ी ब्लड वेसल्स को प्रभावित करती है, जिसमें कोरोनरी आर्टरीज (Coronary arteries) और स्माल वेसल्स जो रक्त को नर्व एंडिंग्स और किडनी (Nerve endings and kidney) तक ले जाती हैं। डायबिटीज कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को निम्न प्रकार प्रभावित करती है

टाइप 2 डायबिटीज के बारे में अधिक जानने के लिए देखें ये 3डी मॉडल:

महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors for diabetes and heart problems in women)

महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women) के रिस्क फैक्टर्स की बात होती है, तो आपको बता दें कि डायबिटिक महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स प्रचलित (Prevalent) हैं। डायबिटिक महिलाओं में पुरुषों की तुलना में एब्डोमिनल ओबेसिटी का रेट हाय होता है जो कि हाय ब्लड प्रेशर, हाय कोलेस्ट्रॉल और असंतुलित ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम करता है। इससे महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स का रिस्क बढ़ जाता है।

कुछ डायबिटिक महिलाओं में हार्ट डिजीज का रिस्क काफी रहता है जिनमें हायपोईस्ट्रोजेनेमिया (Hypoestrogenemia) शामिल है। जिसमें ब्लड में इस्ट्रोजन (Estrogen) की डेफिसिएंशी हो जाती है। यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के अनुसार डायबिटिक महिलाओं में जिन्हें एक हार्ट अटैक (Heart attack) पहले आ चुका है उनमें दूसरा हार्ट अटैक आना रिस्क बढ़ जाता है। उनमें हार्ट फेलियर (Heart failure) का रिस्क भी बढ़ा हुआ होता है। इससे समझ आता है कि महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women) का रिस्क कैसे बढ़ता है।

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महिलाओं में हार्ट प्रॉब्लम्स के लक्षण (Symptoms of heart problems in women)

हार्ट डिजीज के लक्षण महिला और पुरुष दोनों में अलग दिखाई देते हैं। पुरुषों में जहां इसके लक्षणों में सीने में दर्द, लेफ्ट आर्म में दर्द या बहुत ज्यादा पसीना आना दिखाई देता है। वहीं महिलाओं में जी मिचलाना, थकान और ठोड़ी में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। वॉर्निंग साइन में खास तौर पर सीने में दर्द के लक्षण में इस अंतर का मतलब हो सकता है कि डायबिटिक महिलाओं में साइलेंट मायोकार्डियल इंफ्राक्शन (Silent myocardial infarctions) होने का खतरा अधिक होता है। यह एक हार्ट से रिलेटेड कॉम्प्लिकेशन्स हैं जिसके बारे में व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाता। इसका मतलब यह है महिलाएं हार्ट अटैक से ज्यादा पीड़ित होती हैं और उन्हें यह पता भी नहीं चल पाता।

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ट्रीटमेंट (Treatment)

महिलाओं में हार्ट डिजीज का निदान अधिक मात्रा में किया जाता है। हार्ट डिजीज महिलाओं में मौत का प्रमुख कारण हैं, लेकिन महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) को लेकर ज्यादा चिंतिंत रहती हैं। ऐसा सोचा जाता है दिल से जुड़ी बीमारियां उम्र बढ़ने पर प्रभावित करती हैं। इसलिए वयस्क  लोग इस और ध्यान भी नहीं देते। इसके लक्षणों को पैनिक डिसऑर्डर और स्ट्रेस माना जाता है।

अगर महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women) के ट्रीटमेंट की बात करें, तो महिलाओं की कोरोनरी आर्टरीज पुरुषों की तुलना में छोटी होती हैं जो सर्जरी को कठिन बना सकती हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सर्जरी के बाद अधिक जटिलताओं का खतरा हो सकता है। शोध से पता चलता है कि हृदय शल्य चिकित्सा के बाद के वर्षों में महिलाओं में लक्षणों का अनुभव जारी रखने की संभावना दोगुनी होती है।

यदि आप डायबिटीज से पीड़ित महिला हैं, तो हृदय रोग के जोखिम के बारे में डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। आप और आपका डॉक्टर जितना संभव हो सके जोखिम को कम करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।

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उम्मीद करते हैं कि आपको महिलाओं में डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम्स (Diabetes and Heart Disease in Women) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

fruit and diabetes/https://www.diabetes.org.uk/guide-to-diabetes/enjoy-food/eating-with-diabetes/food-groups/fruit-and-diabetes/Accessed on 22th July 2021

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Current Version

21/12/2021

Manjari Khare द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nikhil deore


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डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

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Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

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