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टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड : ऐसा समय, जो डायबिटीज में देता है आपको राहत!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड : ऐसा समय, जो डायबिटीज में देता है आपको राहत!

    डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी व्यक्ति को परेशान करने के लिए काफी मानी जाती है। डायबिटीज के दो प्रकार होते हैं, टाइप वन डायबिटीज (Diabetes) और टाइप टू डायबिटीज (Type 2 Diabetes) । आज हम बात करने जा रहे हैं टाइप वन डायबिटीज की, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की पैंक्रियाज इंसुलिन नहीं बना पाती, क्योंकि इम्यून सिस्टम (Immune system) इंसुलिन बनाने वाले इन सेल्स पर अटैक कर उन्हें नष्ट कर देता है। यही वजह है कि टाइप वन डायबिटीज की समस्या से निकलना मुश्किल होता है। आज हम बात करने जा रहे हैं टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) की। टाइप वन डायबिटीज (Diabetes) में हनीमून पीरियड क्या होता है और इस हनीमून पीरियड के अंतर्गत रोगी की क्या स्थिति होती है, आइए जानते हैं।

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    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड : क्या है यह स्थिति? (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड उस समय को कहा जाता है, जिसे रोगी टाइप वन डायबिटीज के डायग्नोज होने के बाद महसूस करता है। इस समय में रोगी का ब्लड शुगर लेवल बिल्कुल बैलेंस दिखाई देता है और इस दौरान रोगी को कम से कम मात्रा में इंसुलिन की जरूरत पड़ती है। कुछ लोगों को इस पीरियड में नॉर्मल या नॉर्मल के आसपास ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) महसूस होता है और बिल्कुल भी इंसुलिन लेने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) हर व्यक्ति को महसूस नहीं होता। आइए जानते हैं टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड के बारे में कुछ और जरूरी बातें।

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    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड: कब तक रहती है ये स्थिति? 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है और इसका कोई एक खास टाइम फ्रेम नहीं माना जाता। यह कभी भी शुरू होकर कभी भी खत्म हो सकता है। अक्सर टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) व्यक्ति तब महसूस करता है, जब हाल ही में उसे टाइप वन डायबिटीज होने की खबर मिलती है। टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड कुछ सप्ताह, कुछ महीने या 1 साल के लिए भी महसूस किया जा सकता है। टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Type one diabetes) डायबिटीज के पता लगने के बाद ही होता है। इस दौरान आपकी इंसुलिन (Insulin) की जरूरत बदलती हुई नजर आती है, लेकिन यह पीरियड आप दोबारा अपनी जिंदगी में महसूस नहीं कर सकते। 

    जैसा कि आप जानते हैं टाइप वन डायबिटीज में इम्यून सिस्टम उन सेल्स को खत्म करने लगता है, जो इंसुलिन बनाते हैं। टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) के दौरान शरीर में बचे हुए सेल्स इंसुलिन पैदा कर रहे होते हैं, जिसकी वजह से आपको बेहतर महसूस होता है। एक बार यह सेल खत्म हो जाए, तो आपको भविष्य में इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है।

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    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड : कैसा होता है ब्लड शुगर लेवल? (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड के दौरान आपका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल या नॉर्मल के आस पास होता है। इस दौरान आपको कम से कम मात्रा में इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है। कुछ केसेज में आपका ब्लड शुगर लेवल कम होता भी नजर आ सकता है, क्योंकि आपके शरीर में अब तक कुछ सेल्स बचे होते हैं जो इंसुलिन बनाते हैं। यदि आपको ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल या नॉर्मल के आसपास नजर आ रहा है और आप हाल ही में टाइप वन डायबिटीज (Diabetes)से ग्रसित पाए गए हैं, तो यह आपका टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) माना जाता है। यदि आपको इंसुलिन की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ानी पड़ रही हो, तो आपको मान लेना चाहिए कि हनीमून पीरियड खत्म होने की कगार पर है। इसलिए आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड : कब पड़ती है इंसुलिन की जरूरत? 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes)

    यदि टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड के दौरान आपको आपका ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल या नॉर्मल के आसपास महसूस हो रहा हो, तो भी आपको इंसुलिन लेना नहीं छोड़ना चाहिए। इंसुलिन की मात्रा में बढ़ोतरी या उसे कम करने से पहले आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टर से बात करके ही आप अपने इंसुलिन रूटीन को बदल सकते हैं।

    जॉसलिन डायबिटीज रिसर्च सेंटर के रिसर्चर्स के अनुसार यदि आप टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) के दौरान इंसुलिन लेना जारी रखते हैं, तो इस हनीमून पीरियड को आप बढ़ा भी सकते हैं। क्योंकि इंसुलिन की मदद से आप इंसुलिन पैदा करने वाले सेल्स को ज्यादा दिनों तक जिंदा रख सकते हैं। 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड के दौरान आपको इंसुलिन इंटेक का बैलेंस बनाकर रखना होता है। यदि आप जरूरत से ज्यादा इंसुलिन लेते हैं, तो आपको हायपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) की समस्या हो सकती है। वहीं यदि आप कम इंसुलिन लेते हैं, तो आपको डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Ketoacidosis) की समस्या हो सकती है। इसलिए इंसुलिन की मात्रा में बदलाव करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना आपके लिए बेहद जरूरी माना जाता है।

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    क्या टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड बढ़ाया जा सकता है? (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) के दौरान आपका ब्लड शुगर लेवल आसानी से कंट्रोल हो सकता है, इसलिए कुछ लोग इस पीरियड को बढ़ाने की कोशिश करते हैं। यदि आप ग्लूटन फ्री डायट लेना शुरू करते हैं, तो आप इस हनीमून पीरियड को बढ़ा सकते हैं। वहीं टाइप वन डायबिटीज जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स (Autoimmune disorders) में लंबे समय तक ग्लूटन फ्री डायट लेने से रोगी को फायदा पहुंचता है और टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस पर अब तक रिसर्च जारी है और इसके प्रभाव को जांचा जा रहा है। इसलिए यदि आप टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको इंसुलिन इंटेक के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना चाहिए और उनसे सलाह लेकर ही इंसुलिन के इंटेक को बदलना चाहिए।

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड के बाद क्या होती है स्थिति? (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) के बाद जब शरीर में इंसुलिन बनाने वाले सेल्स खत्म हो जाते हैं, तो आपको आपके ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस बनाए रखने में जद्दोजहद करनी पड़ती है। इसलिए आपको ज्यादा इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ती है, जिससे आप ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल रख सकें। टाइप वन डायबिटीज में पोस्ट हनीमून पीरियड (Post honeymoon period in type 1 diabetes) में  आपके डॉक्टर इंसुलिन रूटीन में बदलाव लाकर ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल रखने में मदद कर सकते हैं। इस ट्रांजिशन पीरियड के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल सही मात्रा में इंसुलिन लेकर बैलेंस हो सकता है। 

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    टाइप वन डायबिटीज में इंसुलिन लेने के हो सकते हैं ये तरीके (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) 

    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) के बाद हो सकता है कि आपको हर रोज अपने इंसुलिन रूटीन में बदलाव लाने की जरूरत पड़े। जिससे आप एक सही रूटीन का पता लगा सके। इंसुलिन लेने के लिए आप इंजेक्शन के ऑप्शन को चुन सकते हैं। यह एक आसान और सस्ता उपाय है, जिसका चुनाव अक्सर टाइप वन डायबिटीज में किया जाता है। इसके अलावा आप इंसुलिन पेन् (Insulin pen) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह पेन् इंसुलिन से भरी होती है, जिसे आप इंजेक्ट करके सिरिंज की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा तीसरा उपाय है इंसुलिन पंप। इसके इस्तेमाल में इंसुलिन से बनी स्टीम को लिया जाता है। हालांकि यह इंसुलिन लेने का सबसे कठिन तरीका माना जाता है, इसलिए आपको एक आरामदायक और सस्ते ऑप्शन की जरूरत पड़ती है।

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    टाइप वन डायबिटीज में हनीमून पीरियड (Honeymoon Period in Type 1 Diabetes) के दौरान भले ही आपको ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में आता दिखाई दे, लेकिन हनीमून पीरियड के बाद आपको रोजाना इंसुलिन लेने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए इंसुलिन रूटीन में किसी तरह के बदलाव से पहले डॉक्टर से बात करना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। बिना डॉक्टर की सलाह के अपने इंसुलिन रूटीन में कोई बदलाव ना करें। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से संपर्क में रहें और अपने स्वास्थ्य में हो रहे उतार-चढ़ाव पर नजर बनाए रखें।

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