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टाइप 1 डायबिटीज के साथ सेक्स लाइफ को कैसे बनाएं रोमांचक

टाइप 1 डायबिटीज के साथ सेक्स लाइफ को कैसे बनाएं रोमांचक

टाइप 1 डायबिटीज एक ऐसी बीमारी जिसका कोई निश्चित उपचार नहीं है, हां बस दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। डायबिटीज का न सिर्फ मरीज की सेहत, बल्कि उसकी सेक्स लाइफ पर भी गहरा असर होता है। टाइप 1 डायबिटीज और सेक्स लाइफ में गहरा संबंध देखा गया है। ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को अपनी सेक्स लाइफ बेहतर बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। टाइप 1 डायबिटीज और सेक्स लाइफ को कैसे सही तरीके से मैनेज किया जा सकता है? आइए, जानते हैं।

टाइप 1 डायबिटीज क्या है? (Type 1 diabetes)

डायबिटीज को टाइप 1 और टाइप 2 दो कैटेगरी में बांटा गया है। दरअसल, ऐसा डायबिटीज की वजहों और इलाज के अलग तरीकों की वजह से किया गया है। टाइप 1 डायबिटीज में मरीज का शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। यह एक ऑटोइम्‍यून डिजीज है। टाइप 1 डायबिटीज जेनेटिक कारणों से हो सकता है और यह कई बार जन्म से भी होता है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज की मुख्य वजहे हैं मोटापा, हाइपरटेंशन (Hypertension), नींद की कमी और खराब जीवनशैली (Bad lifestyle)। इसमें शरीर इंसुलिन बनाना पूरी तरह बंद नहीं करतीं, बल्कि कम कर देती हैं या फिर कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रह जातीं। टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर वयस्‍कों को होता है।

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टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज के इलाज में क्या अंतर है? (Type 1 diabetes & Type 2 diabetes difference)

टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 diabetes) में मरीज के शरीर में इंसुलिन बनता ही नहीं है इसलिए पीड़ित को समय-समय पर इंजेक्‍शन या पंप के जरिए इंसुलिन (Insulin) को लेना पड़ता है। जबकि टाइप 2 डायबिटीज में दवाओं की मदद से मरीज के शरीर को इंसुलिन (Insulin) बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। जरूरत पड़ने पर इंसुलिन दिया भी जाता है।

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टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण (Type 1 diabetes symptoms)

टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण दिखते हैं जैसे-

  • बहुत अधिक प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • थकान और सुस्ती महसूस होना
  • त्वचा के कटने या घाव होने पर जल्दी ठीक न होना
  • ज्यादा भूख लगना
  • खुजली
  • स्किन इंफेक्शन (skin infection)
  • धुंधला दिखना
  • बिना कारण के वजन घटना
  • बार-बार मूड स्विंग (mood swing) होना
  • सिरदर्द होना
  • चक्कर आना
  • पैरों की मांसपेशियों में ऐंठन आदि।

यदि आपके हाथ-पैरे सुन्न हो जाते हैं या ऊपर बताए गए लक्षण दिखते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें और डायबिटीज की जांच करवाना जरूरी है।

क्या टाइप 1 डायबिटीज के बचाव संभव है? (Type 1 diabetes prevention)

चूकि टाइप 1 डायबिटीज के सटीक कारणों के बारे में जानकारी नहीं है, इसलिए इससे पूरी तरह बचाव संभव नहीं है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बीमारी जीवनशैली से बहुत हद तक जुड़ी है। ऐसे में आप हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy lifestyle)) अपनाकर, बैलेंस डायट (Balance diet)) और नियमित एक्सरसाइज के जरिए इससे कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है। वैसे भी इसका कोई सटीक उपचार नहीं है, ऐसे में डॉक्टर इंसुलिन देने के साथ ही एक्सरसाइज और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने पर जोर देते हैं।

टाइप 1 डायबिटीज और सेक्स लाइफ (Type 1 diabetes & sex life)

टाइप 1 डायबिटीज और सेक्स लाइफ में गहरा संबंध है। दरअसल, यह सेक्स लाइफ (Sex life) को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है यदि डायबिटीज (diabetes) को समय रहते मैनेज नहीं किया गया तो। क्योंकि डायबिटीज के साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती है इसलिए कपल्स के लिए सेक्स लाइफ का आनंद उठाना और सेक्स से संतुष्टि पाना मुश्किल हो जाता है। साथ ही महिलाओं और पुरुषों को इसकी वजह से अलग-अलग तरह की सेक्स संबंधी समस्याएं भी होने लगती हैं। चूकि सेक्स भी एक तरह की एक्सरसाइज है तो इस दौरान शुगर लेवल (sugar level) अचानक तेजी से कम होने से समस्या हो सकती है। इसके अलावा कई बार डर, उत्तेजना या अन्य वजहों से बल्ड शुगर लेवल तेजी से ऊपर भी जा सकता है, जिसे नियंत्रित करना जरूरी है।

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टाइप 1 डायबिटीज के कारण पुरुषों को होने वाली सेक्स प्रॉब्लम्स

डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों को कई तरह की सेक्स समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

  • पुरुषों में इसके कारण नर्व डैमेज और ब्लड सर्कुलेशन की समस्या होने के कारण इरेक्शन (erection) या इजैक्युलेशन (ejaculation) की समस्या हो सकती है।
  • हाइपरग्लाइसेमिया (Hyperglycemia) यह हाई ब्लड शुगर की स्थिति है, जो शरीर के हर हिस्से की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है जैसे दिल, आंखें, किडनी। रक्त वाहिकाओं मे बदलाव के कारण इरेक्शन की क्षमता और इसे नियंत्रित करने पर भी असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सामान्य पुरुषों की तुलना में टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) की समस्या अधिक होती है और इसकी वजह है हाइपरग्लाइसेमिया और ब्लड शुगर पर सही तरीके से नियंत्रण नहीं रखना।
  • इससे पीड़ित पुरुषों में पेनिस (Penis) तक ब्लड फ्लो सही तरीके नहीं हो पाता है, दरअसल, ब्लड सप्लाई (Blood supply) करने वाले टिशू सख्त और संकीर्ण हो जाते हैं। ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं करने के कारण नर्व डैमेज हो जाता है जिससे जल्दी इजैक्युलेशन की समस्या होती है।

टाइप 1 डायबिटीज के कारण महिलाओं को होने वाली सेक्स प्रॉब्लम्स

टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को भी कई तरह की सेक्स प्रॉब्लम्स होती हैं, जिससे वह सेक्स लाइफ का आनंद नहीं ले पातीं।

  • एनसीबाई(NCBI) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं की सेक्स लाइफ और सेक्सुअल संतुष्टि बुरी तरह प्रभावित होती है। महिलाओं में सेक्सुअल डिसफंक्शन (sexual dysfunction) की मुख्य वजह तनाव है।
  • डायबिटीज के कारण महिलाओं में होने वाले सेक्सुअल डिसफंक्शन की वजह ब्लड शुगर लेवल को सही तरह से कंट्रोल न करना है जिसकी वजह से नर्व डैमेज होता है, प्राइवेट पार्ट में ब्लड फ्लो कम हो जाता है और हार्मोनल बदलाव  (Hormonal changes) भी होते हैं।
  • टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं के वजाइनल वॉल की रक्त वाहिकाओं के सख्त होने की वजह से ब्लड फ्लो ठीक तरह से नहीं पाता। इसके अलावा महिलाओं को वजाइनल ड्राइनेस (Vaginal dryness), सेक्स के दौरान दर्द, सेक्स ड्राइव में कमी और उत्तेजना में कमी जैसी अन्य सेक्स समस्याएं भी होती हैं। महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) होना भी आम है।

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पुरुषों में टाइप 1 डायबिटीज और सेक्स समस्याओं का समाधान

इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (Erectile dysfunction) की समस्या के समाधान के लिए डॉक्टर आपको कुछ दवाइयां दे सकता है, लेकिन इसकी खुराक सामान्य मरीजों से अधिक हो सकती है। इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction) के अन्य इलाज के रूप में डॉक्टर वैक्यूम पंप, पेनिस के लिए इंजेक्शन, दवा या सर्जरी की सलाह दे सकता है।

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महिलाओं में टाइप 1 डायबिटीज और सेक्स समस्याओं का समाधान

वजाइनल ड्राइनेस की वजह से महिलाओं को यौन संबंध बने के दौरान दर्द या असहजता महसूस होती है। इससे बचने के लिए वह वजाइनल ल्यूब्रिकेंट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इसमें कई वैरायटी होती है इसलिए महिलाओं को अपनी स्किन के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

कीगल एक्सरसाइज करने से महिलाओं की पेल्विक फ्लोर मसल्स मजबूत होती है। इससे उनकी सेक्सुअल प्रतिक्रिया बेहतर हो सकती है।

यकीनन टाइप 1 डायबिटीज एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि इससे पीड़ित व्यक्ति सेक्स लाइफ का आनंद नहीं उठा सकता। यदि आपकी सेक्स क्षमता प्रभावित हो रही है या सेक्सुअल परफॉर्मेंस (sexual performance) को लेकर आप एंग्जाइटी का शिकार हो गए हैं, तो तनाव और इमोशनल मुद्दों के समाधान के लिए काउंसलर की मदद ले सकते हैं।

टाइप 1 डायबिटीज के साथ सेक्स लाइफ को मजेदार बनाने के आसान उपाय

डायबिटीज से आपकी सेक्स लाइफ प्रभावित तो होती है, लेकिन यह मतलब नहीं है कि आप इसका आनंद नहीं ले सकतें। कुछ बातों का ध्यान रखकर और थोड़ी सी तैयारी के साथ आप इसे मजेदार बना सकते हैं।

जरूरी चीजें पास रखें- टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं तो बेडरूम में आपके साथ कुछ ही अप्रत्याशित हो सकता है। जैसे अचानक से ब्लड शुगर लेवल का कम होना, तो ऐसी स्थिति में अपने पास जूस का बॉक्स, ग्रेनोला बार और ग्लुकोज टैबलेट रखें। ताकि जैसे ही कुछ गड़बड़ लगे आप तुरंत इसे लेकर अपने ब्लड शुगर को कम होने से रोक सकें और आपकी सेक्स लाइफ का मजा किरकिरा न हो।

ब्रेक लें- ब्लड शुगर में होने वाले उतार-चढ़ाव की वजह से आपको तुरंत थकान महसूस होने लगती है, इसलिए जरूरी है कि सेक्सुअल एक्टिविटी (Sexual activity)  के दौरान बीच में थोड़ा ब्रेक लें। इस दौरान अपना ग्लूकोज लेवल चेक करें और वापस लौटने से पहले कुछ स्नैक्स खा लें। सेक्स लाइफ (Sex life) को आनंददायक बनाने के लिए आपको पहले अपने शरीर की जरूरत को समझना होगा।

एल्कोहल से परहेज- बहुत से लोग रोमांस बढ़ाने के लिए सेक्स (Sex) से पहले शराब का सेवन करते हैं, लेकिन यह आपके शुगर लेवल को नीचे गिरा सकता है, इसलिए बेहतर है कि इससे दूर ही रहें। यदि आप ड्रिंक करना ही चाहते हैं तो ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन रखने के लिए व्हाइट वाइन या शैंपने पी सकते हैं। हालांकि इससे पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

लगातार ग्लुकोज लेवल को मॉनिटर करें- ग्लुकोज लेवल को मॉनिटर करने वाली डिवाइस अपने पास जरूर रखें। यह हर 5 मिनट में आपके ब्लड शुगर लेवल पर नजर रखती है और जैसे ही यह कम या बहुत अधिक होता है तो अलार्म की आवाज आने लगती है।

टाइप 1 डायबिटीज का किसी भी कपल की सेक्स लाइफ पर गहरा असर पड़ता है, ऐसे में जरूरी है कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे से इस मुददे पर खुलकर बात करें और दूसरा पार्टनर पीड़ित पार्टनर को समझने के साथ ही भावनात्मक सहयोग भी दे। खासतौर पर महिलाएं बहुत भावुक होती हैं, ऐेस में उन्हें पार्टनर के सपोर्ट की ज्यादा जरूरत होती है।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Current Version

16/06/2021

Toshini Rathod द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nikhil deore


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Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/06/2021

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