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Banana in diabetes: डायबिटीज में केला खाना चाहिए या नहीं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    Banana in diabetes: डायबिटीज में केला खाना चाहिए या नहीं?

    डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) मरीज के ब्लड शुगर लेवल में स्पाइक का कारण बन सकता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो जरूरी हो जाता है कि जितना संभव हो ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को स्टेबल रखें। ब्लड शुगर को अच्छी तरह से मैनेज करने से डायबिटीज के कारण होने वाले कॉम्प्लिकेशन की प्रॉसेस को स्लो करने के साथ ही उनसे बचाव किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि ऐसे फूड्स का सेवन कम से कम किया जाए जो ब्लड शुगर लेवल में स्पाइक का कारण बनते हैं।

    लाभदायक फल माने जाने के बाद भी केला डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए उपयुक्त फल नहीं कहा जा सकता। इसमें कार्ब (Carb) और शुगर (Sugar) अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये ऐसे न्यूट्रिएंट्स हैं, जो ब्लड शुगर के लेवल को नैचुरली बढ़ा देते हैं। हालांकि, इसमें फायबर और दूसरे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो डायबिटीज के मरीजों को लाभ पहुंचाते हैं। इस आर्टिकल में जानिए डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना कैसे परेशानी की वजह बन सकता है। इसके साथ ही जानिए अगर इसे सीमित मात्रा में खाया जाए तो क्या होता है?

    डायबिटीज में केला (Banana in diabetes)

    डायबिटीज के मरीज इस बात को भलि-भांति जानते हैं कि कार्ब का टाइप और मात्रा डायट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी दूसरे न्यूट्रिएंट की तुलना में कार्ब्स ब्लड शुगर के लेवल को ज्यादा बढ़ाते हैं। डायबिटीज का सामना नहीं करने वाले लोगों में जब ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है तो बॉडी इंसुलिन को प्रोड्यूस करती है। यह शुगर को कोशिकाओं को ले जाने में मदद करता है। जहां पर इसका उपयोग किया जाता है या इसे स्टोर कर लिया जाता है।

    हालांकि, डायबिटीज का सामना कर रहे लोगों में यह प्रॉसेस उस तरह नहीं होती जैसे होना चाहिए या बॉडी इंसुलिन का निमार्ण नहीं करती है या कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति रेजिस्टेंट हो जाती हैं। हाय कार्ब फूड्स के कारण शुगर स्पाइक हो सकता है या लगातार हाय ब्लड शुगर लेवल की परेशानी रह सकती है। ये दोनों ही स्थितियां नुकसानदायक हैं। जानिए डायबिटीज और केला से संबंधित अधिक जानकारी।

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    केले में शुगर की मात्रा (How much sugar is in a banana) कितनी होती है?

    एक मीडियम साइज के केले में 29 ग्राम कार्ब, 112 कैलोरीज और 15 ग्राम शुगर होती है। कार्ब शुगर, स्टार्च और फाइबर के रूप में पाया जाता है। केले में सिंपल कार्ब होता है जो ब्लड शुगर लेवल को किसी दूसरे पोषक तत्व की तुलना में ज्यादा बढ़ाता है। इसलिए डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) नुकसान कर सकता है।

    केले में फायबर की मात्रा (How much fiber in a banana)

    डायबिटीज में केला (Banana in diabetes)

    डायबिटीज में केले के नुकसान तो आप समझ गए। अब आपको बता दें कि स्टार्च और शुगर के अलावा केले में फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। एक मीडियम साइज के केले में तीन ग्राम फाइबर होता है। डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना डायट्री फायबर के इंटेक को पूरा कर सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए फायबर का सेवन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह कार्ब्स के पाचन और अवशोषण को स्लो कर सकता है। यह ब्लड शुगर स्पाइक को कम करके ओवरऑल ब्लड शुगर मैनेजमेंट में सुधार करता है।

    ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) यह निर्धारित करने का एक तरीका है कि कार्ब युक्त भोजन रक्त शर्करा को कैसे प्रभावित करेगा। ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थों को इस आधार पर रैंक करता है कि वे रक्त शर्करा के स्तर को कितना और कितनी जल्दी बढ़ाते हैं। निम्नलिखित वर्गीकरणों के साथ स्कोर 0 से 100 तक चलता है:

    कम जीआई: 55 या उससे कम

    मध्यम जीआई: 56 से 69

    उच्च जीआई: 70 से 100

    कम जीआई खाद्य पदार्थों पर आधारित आहार टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों के लिए विशेष रूप से अच्छा माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कम जीआई खाद्य पदार्थ अधिकतर धीरे-धीरे अवशोषित होते हैं और बड़े स्पाइक्स के बजाय रक्त शर्करा के स्तर में अधिकतर क्रमिक वृद्धि का कारण बनते हैं। केले जीआई पैमाने पर निम्न और मध्यम के बीच स्कोर करते हैं (42 से 62 के बीच, पकने के आधार पर)। इसके आधार पर डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना फायबर की कमी कर सकता है।

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    डायबिटीज में केला (Banana in diabetes):  कच्चा केला हो सकते हैं बेहतर ऑप्शन!

    डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना कितना नुकसानदायक या फायदेमंद हो सकता है यह मरीज की कंडिशन, केले के साइज और उसके पके होने पर निर्भर करता है। ग्रीन या बिना पके केले में शुगर की मात्रा कम और रेजिस्टेंट स्टार्च (Resistant starch) अधिक मात्रा में होता है। रेजिस्टेंट स्टार्च ग्लूकोज की लॉन्ग चेन है जो डायजेस्टिव सिस्टम के ऊपर भाग में पचने के लिए रेजिस्टेंट होती हैं। इसका मतलब है कि वे फायबर के समान कार्य करते हैं और रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि का कारण नहीं बनते हैं।

    वे आपके पेट में गुड बैक्टीरिया को खिलाने में भी मदद कर सकते हैं, जो बेहतर मेटाबॉलिक हेल्थ और बेहतर ब्लड शुगर मैनेजमेंट से जुड़ा हुआ है। एनसीबीआई की एक स्टडी के अनुसार रेजिस्टेंट स्टार्च टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) वाले लोगों में लाभकारी प्रभाव डाल सकता है। इनमें इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और सूजन को कम करना शामिल है। टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes) में रेजिस्टेंट स्टार्च की भूमिका कम स्पष्ट है।

    पीले या पके केले में हरे केले की तुलना में कम रेजिस्टेंट स्टार्च होता है, साथ ही अधिक शुगर भी होती है, जो स्टार्च की तुलना में अधिक जल्दी अवशोषित हो जाती है। इसका मतलब यह है कि पूरी तरह से पके केले में उच्च जीआई होता है और यह आपके रक्त शर्करा को हरे या कच्चे केले की तुलना में तेजी से बढ़ने का कारण बनता है।

    केले का साइज भी करता है मैटर (Eat smaller bananas)

    जब केले में शुगर की मात्रा की बात आती है तो उसका पका होना ही एकमात्र कारक नहीं होता है। आकार भी मायने रखता है। केला जितना बड़ा होगा, उतने ही अधिक कार्ब्स मिलेंगे। इसका मतलब है कि एक बड़ा केला आपके रक्त शर्करा के स्तर पर अधिक प्रभाव डालेगा। इस हिस्से के आकार के प्रभाव को ग्लाइसेमिक लोड कहा जाता है। केले आकार में भिन्न होते हैं, लगभग 18.5 से 35 ग्राम तक। यदि एक केला पूरी तरह से पका हुआ होता है जो उसका जीआई 62 होता है। आपका ब्लड शुगर बहुत अधिक न बढ़े इसके लिए आपके द्वारा खाए जा रहे केले के आकार के बारे में जागरूक होना महत्वपूर्ण है।

    एक दिन में कितने केले खा सकते हैं? How many can you eat per day?

    डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना या नहीं इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेना सही होगा। इसकी मात्रा भी उनके द्वारा र्निधारित की जा सकती है। वैसे तो एक दिन में कितने केले खाना है यह मरीज के एक्टिविटी लेवल और केले का सेवन ब्लड शुगर लेवल में कितना बदलाव करता है, इस पर निर्भर करता है। कुछ लोगों का ब्लड ग्लूकोज दूसरों की तुलना में केले के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है। यह जानना कि केले किसी व्यक्ति विशेष के रक्त शर्करा को कैसे प्रभावित करते हैं, तो उन्हें अपनी दवाओं और इंसुलिन शॉट्स को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।

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    केले में पोषक तत्व

    केले में सैचुरेटेड फैट और सोडियम कम होता है। ये फायबर से भरपूर होते हैं। केले पोटेशियम का एक प्रमुख स्रोत भी हैं, एक खनिज जो रक्त में सोडियम के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

    केले में अन्य पोषक तत्वों का भी अच्छा मिश्रण होता है, जिनमें शामिल हैं:

    • विटामिन बी6
    • मैंगनीज
    • मैग्नीशियम
    • विटामिन सी

    क्या डायबिटीज में केला खाना सेफ है? Are bananas safe for those with diabetes?

    आखिर में यही सवाल आता है कि क्या डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना सेफ है, तो आपको बता दें कि डायबिटीज को मैनेज करने के लिए हेल्दी डायट को अपनाने की सलाह दी जाती है। जिसमें फल भी शामिल हैं। क्योंकि फलों के सेवन से कई बीमारियों का खतरा कम होता है। डायबिटिक लोगों को इन बीमारियों का रिस्क और ज्यादा रहता है।

    कैंडी और केक जैसे रिफांइड शुगर से बने फूड्स के विपरीत, केले जैसे फलों में कार्ब्स फायबर, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। ऐसे में सीमित मात्रा में इनका सेवन किया जा सकता है, लेकिन अगर आप डायबिटीज को मैनेज करने के लिए लो कार्ब डायट फॉलो कर रहे हैं तो केले का सेवन डायट को बिगाड़ सकता है। क्योंकि इसमें कार्ब अधिक मात्रा में होता है। डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना चाहिए या नहीं इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेना सही होगा।

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    उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज में केला (Banana in diabetes) खाना कितना फायदेमंद/नुकसानदायक है इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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