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डायबेटिक्स का स्किनकेयर: डायबिटीज से पीड़ित लोग इस तरह से करें अपनी त्वचा की देखभाल!

डायबेटिक्स का स्किनकेयर: डायबिटीज से पीड़ित लोग इस तरह से करें अपनी त्वचा की देखभाल!

डायबिटीज के बारे में आप यह जानते ही होंगे कि यह एक क्रॉनिक कंडिशन है, जो कई कॉम्प्लिकेशन्स का कारण बन सकती है जैसे हार्ट प्रॉब्लम्स, आय डैमेज, फुट प्रॉब्लम्स आदि। यह बीमारी कई स्किन संबंधी समस्याओं की वजह भी बन सकती है और इसका जिम्मेदार हाय ब्लड शुगर लेवल (High sugar level) को माना जाता है। लेकिन, सही डायबिटीज मैनेजमेंट और स्किन केयर से इन स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाया जा सकता है। आज हम आपको यह जानकारी देने वाले हैं कि डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) कैसे संभव है? डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) से पहले डायबिटीज के बारे में जान लेते हैं।

डायबिटीज क्या है? (Diabetes)

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डायजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases) के अनुसार डायबिटीज वो समस्या है, जिसमें रोगी का ब्लड ग्लूकोज लेवल हाय हो जाता है। ब्लड ग्लूकोज एनर्जी का मुख्य सोर्स है, जो हमें उस फूड से प्राप्त होता है जिसे हम खाते हैं। इंसुलिन वो हॉर्मोन है, जिसे हमारा पैंक्रियाज बनाता है। यह फूड से प्राप्त होने वाली ग्लूकोज को ऊर्जा के लिए उपयोग करने के लिए आपकी कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। कई बार हमारा शरीर पर्याप्त या थोड़ा सा भी इंसुलिन नहीं बना पाता है या इसका सही उपयोग नहीं कर पाता है। जिससे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है।

डायबिटीज के मुख्यता दो प्रकार हैं टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) और टाइप 2 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) । जिसमें टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) को अधिक गंभीर माना जाता है। इस रोग का उपचार संभव है। इसके उपचार में दवाइयां, इंसुलिन और लाइफस्टाइल में बदलाव आदि शामिल है।  यह तो थी डायबिटीज के बारे में जानकारी। अब डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) कैसे किया जाता है, इस बारे में जान लेते हैं। लेकिन, इससे पहले जान लें कि मधुमेह रोगियों को त्वचा संबंधी समस्याएं अधिक क्यों होती हैं?

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डायबिटीज रोगियों को स्किन प्रॉब्लम्स अधिक क्यों होती हैं?

डायबिटीज से पीड़ित लोग हाय ब्लड ग्लूकोज लेवल (High blood glucose level) के कारण शरीर से फ्लूइड के अधिक नुकसान को अनुभव करते हैं। जिसके कारण टांगों, कोहनियों, पैरों और शरीर में अन्य हिस्सों की त्वचा रूखी हो सकती है। अगर ड्राय स्किन क्रैक्ड हो तो जर्म्स इन भागों में पनप सकते हैं और इसमें इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में, त्वचा की देखभाल करना जरूरी है। अगर रोजाना इनकी जांच न की जाए, तो एक माइनर स्किन प्रॉब्लम भी गंभीर डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन (Serious diabetes complications) में परिवर्तित हो सकती है, जैसे डायबिटिक फुट अल्सर (Diabetic foot ulcers) आदि।

अपनी स्किन खासतौर पर पैरों को सही कंडिशन में रखना, डायबिटीज से पीड़ित लोगों की प्राथमिकता होनी चाहिए। डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) कैसे करें, इससे पहले डायबिटीज से संबंधित स्किन की समस्याओं के बारे में भी जान लेते हैं।

डायबेटिक्स का स्किनकेयर

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डायबिटीज से संबंधित स्किन प्रॉब्लम्स के बारे में जानें

डायबिटीज के कारण आपको कई स्किन समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन, आप इस स्थिति में भी अपनी स्किन को हेल्दी रख सकते हैं। डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) के बारे में जानने से पहले उन स्किन प्रॉब्लम्स के बारे में जान लेते हैं जो डायबिटिक रोगियों को होती हैं।

एकैंथोसिस निगरिकन्स (Acanthosis Nigricans)

एकैंथोसिस निगरिकन्स वो कंडिशन है जिसमें गर्दन, आर्मपिट और ग्रोइन आदि की साइड्स में टैनिंग या ब्राउन एरियाज हो जाते हैं। कई बार यह समस्या हाथ, कोहनी और घुटनों पर भी हो सकती है। यह परेशानी आमतौर पर उन लोगों को अधिकतर होती है, जो ओवरवेट होते हैं। ऐसे में इसका बेहतरीन ट्रीटमेंट है अपने वजन को कम करना। हालांकि, कुछ क्रीम्स भी इसमें मददगार हो सकती हैं। इसके बारे में अपने डॉक्टर से जानना न भूलें।

डायबेटिक्स का स्किनकेयर और डायबिटिक डर्मोपैथी (Diabetic dermopathy)

डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) कैसे किया जा सकता है, यह जानना जरूरी है। किंतु, इससे भी जरूरी है इस दौरान होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स के बारे में। जिनमें से एक है डायबिटिक डर्मोपैथी। डायबिटीज के कारण स्मॉल ब्लड वेसल्स में बदलाव आ सकते हैं। यह बदलाव स्किन प्रॉब्लम्स (Skin problems) का कारण बन सकते हैं जैसे डायबिटीज डर्मोपैथी (Diabetic dermopathy। डर्मोपैथी अक्सर लाइट ब्राउन, स्केली पैचेज के समान लगती है। यह पैचेज ओवल या सर्कुलर हो सकते हैं। कई लोग इन्हें एज स्पॉट्स (Age spots) समझने की गलती भी करते हैं। हालांकि, यह पैचेज अधिकतर हर्ट नहीं करते हैं। यानी, डायबिटिक डर्मोपैथी (Diabetic dermopathy) हार्मफुल नहीं होती है और इसमें उपचार की जरूरत नहीं होती है।

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नेक्रोबायोसिस लिपिडिका डायबिटिकोरम (Necrobiosis Lipoidica Diabeticorum)

अन्य बीमारी जो ब्लड वेसल्स में बदलाव का कारण बन सकती है, वो है नेक्रोबायोसिस लिपिडिका डायबिटिकोरम। इस बीमारी में भी डायबिटिक डर्मोपैथी जैसे ही स्पॉट्स होते हैं, लेकिन यह कम, बड़े और डीप होते हैं। यह स्पॉट्स अक्सर डल, रेड और रेज्ड होते हैं। इस रोग में ब्लड वेसल्स (Blood vessels) को स्किन के अंदर से आसानी से देखा जा सकता है। यह कई बार खुजली वाले और दर्द भरे हो सकते हैं। नेक्रोबायोसिस लिपिडिका डायबिटिकोरम एक दुर्लभ स्थिति है। अधिकतर यह समस्या महिलाओं को होती है। अगर यह घाव ओपन न हो, तो आपको इन्हें ट्रीट करने की जरूरत नहीं होती। लेकिन, ओपन सोर्स को उपचार की जरूरत होती है। डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) से पहले इस समस्या के बारे में पता होना आवश्यक है।

डायबेटिक्स का स्किनकेयर

एलर्जिक रिएक्शंस (Allergic reactions)

एलर्जिक स्किन रिएक्शंस किसी भी दवा के कारण हो सकते हैं जैसे इंसुलिन और डायबिटीज पिल्स आदि के कारण। अगर आपको किसी मेडिसिन से रिएक्शन हो, तो आपको डॉक्टर से अवश्य बात करनी चाहिए। इंसुलिन इंजेक्ट करते हुए आपको उस जगह पर रैशेज, खुजली या बम्प्स आदि हों, तो भी डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

डायबेटिक्स का स्किनकेयर और डायबिटिक ब्लिस्टर्स (Diabetic blisters)

ऐसा होना बहुत दुर्लभ हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को छाले हों। डायबिटिक ब्लिस्टर्स उंगलियों के पीछे, हाथों, पैरों की उंगलियों, पैरों या कई बार टांगों आदि में हो सकते हैं। यह घाव बर्न ब्लिस्टर्स जैसे लग सकते हैं और अधिकतर उन लोगों को होती हैं जिन्हें डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic neuropathy) की समस्या होती है। यह घाव कई बार बड़े हो सकते हैं लेकिन अधिकतर दर्दरहित होते हैं। आमतौर पर तीन हफ्तों में यह घाव खुद ही ठीक हो जाते हैं। इसका एकमात्र उपचार है रोगी का शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना।

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एरप्टिव जैंथोमैटोसिस (Eruptive Xanthomatosis)

एरप्टिव जैंथोमैटोसिस वो कंडिशन जो डायबिटीज के कारण तब होती है, जब ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता है। इसमें त्वचा में फर्म, येलो जैसी एंलार्जेमेंट होती है। हर बंप में लालिमा होती है और खुजली भी हो सकती है। यह समस्या अधिकतर हाथों, पैरों, बाजुओं, टांगों आदि में होती है। यह परेशानी अधिकतर टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) से पीड़ित कम उम्र के लोगों में होती। डायबिटिक ब्लिस्टर्स की तरह यह बम्प्स तब गायब हो जाते हैं, जब डायबिटीज अच्छे से कंट्रोल कर ली जाए।

डायबेटिक्स का स्किनकेयर और डिजिटल स्क्लेरोसिस (Digital sclerosis)

डायबिटीज से पीड़ित लोगों में हैंड्स की स्किन टाइट, थिक और वैक्सी हो जाती है। कई बार इस रोग के कारण रोगी की पैरों की उंगलियों और माथे की स्किन थिक हो जाती है। यही नहीं, इससे फिंगर जॉइंट्स स्टिफ हो जाते हैं और उस तरह से मूव नहीं कर पाते हैं, जैसे उन्हें करना चाहिए। इसके दुर्लभ मामलों में घुटने, टखनों या कोहनियों में भी अकड़न आ जाती है। यह स्थिति लगभग एक तिहाई उन लोगों होती है, जिन्हें टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में लाना ही इसका एकमात्र इलाज है।

डिसिमिनेटेड ग्रेन्युलोमा अननुलर (Disseminated granuloma annulare)

डिसिमिनेटेड ग्रेन्युलोमा अननुलर में, पीड़ित व्यक्ति की स्किन में रिंग और अर्क शेप के राइज़ड एरियाज हो जाते हैं। यह रैशेज अधिकतर उंगलियों और कानों में होते हैं। इस तरह के रैशेज होने पर डॉक्टर को दिखाएं। कुछ दवाएं इस स्थिति को दूर करने में मदद कर सकती हैं। अब जानते हैं डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) कैसे किया जाता है?

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डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care)

डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए स्किन केयर में जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या नहीं है, उनके मुकाबले कोई अंतर नहीं होता है। लेकिन, डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) करने के कुछ टिप्स के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। कुछ सामान्य चीजों का ध्यान रख कर आप हेल्दी स्किन को मेंटेन में मदद मिल सकती है। पाएं,इसके बारे में कुछ आसान टिप्स:

  • अपनी स्किन को माइल्ड, न्यूट्रल सोप से वाश करें और इसके साथ ही स्किन और अच्छे से साफ करना या ड्राय करना न भूलें। इसमें आपके पैरों की उंगलियां, बाजू के नीचे का हिस्सा शामिल है, जहां पानी जमा हो सकता है।
  • स्किन पर मॉश्चराइजर लोशन का इस्तेमाल करें। ताकि आपकी स्किन सॉफ्ट और नमी भरी रहे। यह क्रीम आपको बाजार में आसानी से मिल जाएगी।
  • जितना अधिक हो सके उतना अधिक पानी पीएं। ताकि आप हाइड्रेटेड रहें। इससे आपकी त्वचा मॉइस्ट और हेल्दी रहेगी।
  • ऐसे कपड़ों को पहनें जो कॉटन के और ढीले हों। इससे आपकी त्वचा में पसीना न जमा नहीं होगा।
  • अगर आपको न्यूरोपैथी है तो ऐसे में इसके लिए खास जुराबें और जूते पहनें।
  • अगर आपकी स्किन लगातार ड्राय रहती है, तो इससे इंफेक्शन हो सकता है और कई कॉम्प्लीकेशन्स का कारण बन सकता है। ऐसे में, आपकी स्किन की जांच नियमित रूप से करें और डॉक्टर से सलाह लें।
  • डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) करने से पहले आपको इस बारे में पूरा पता होना चाहिए। ताकि, समय पर इसके लक्षणों को पहचाना जा सके और उपचार हो सके।
  • डायबेटिक्स का स्किनकेयर से संबंधित सबसे जरूरी बात है कि आप अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखें। अगर आपको पहले ही स्किन प्रॉब्लम्स हैं, तो उसे बदतर होने से रोकें। अपने वजन को हेल्दी बनाये रखें, सही खाएं, नमक व चीनी को
  • कम मात्रा में लें, ब्लड प्रेशर को सही रखें और नियमित व्यायाम करें।

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क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!

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यह तो थी डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) के बारे में जानकारी। अगर आपको डायबिटीज है, तो आपके लिए अपना ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) लो रखना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही आपको इसके कारण स्किन संबंधी और अन्य कॉम्प्लीकेशन्स से भी बचना चाहिए। इसके लिए आपको नियमित रूप से अपनी स्किन की जांच भी करनी चाहिए। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह का पालन करना न भूलें। डायबेटिक्स का स्किनकेयर (Diabetes and Skin Care) किस तरह से होना चाहिए, इस बारे में अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो उसे अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें।

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डिस्क्लेमर

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Current Version

23/11/2021

AnuSharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: Manjari Khare


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/11/2021

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