एक्सरसाइज और वजन घटाना टाइप 2 डायबिटीज की रोकथाम और उपचार के लिए बहुत जरूरी हैं। शरीर के वजन में कमी का समर्थन करने के अलावा, नियमित रूप से किया जाने वाला व्यायाम स्केलिटन इंसुलिन-मेडिएटेड ग्लूकोज अपटेक को स्पष्ट रूप से बढ़ाता है। नतीजे के तौर पर देखने को मिलता है कि एक्सरसाइज के दौरान टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में ग्लूकोज होमियोस्टेसिस की नॉलेज, ट्रीटमेंट गाइडलाइन को परिभाषित करते समय अत्यधिक प्रासंगिक है। व्यायाम के दौरान मेटफोर्मिन का ग्लूकोज होमियोस्टेसिस पर असर (The Effect of Metformin on Glucose Homeostasis) पॉजिटिव होता है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। आप चाहे तो इस संबंध में डॉक्टर से भी जानकारी ले सकते हैं।
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टाइप 2 डायबिटीज में, लिवर ग्लूकोज प्रोडक्शन (HGP) के रेग्युलेशन को बदल दिया जाता है। फास्टिंग स्टेट में ग्लूकोनेोजेनेसिस फ्रेक्शन (fraction of gluconeogenesis) अधिक होता है। ग्लूकोज ट्रेसर स्टडीज में टाइप 2 डायबिटीज के पेशेंट्स में एचजीपी पर मध्यम व्यायाम के प्रभाव पर असंगत डेटा के बारे में जानकारी दी। 1980 के दौरान किए गए दो अध्ययनों से पता चला कि मॉडरेट इंटेसिटी वाले व्यायाम के दौरान, प्लाज्मा इंसुलिन कम नहीं हुआ। मेटफोर्मिन एक बिगुआनाइड है और टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली ओरल एंटीडायबिटिक दवा है। मेटफोर्मिन का ग्लूकोज होमियोस्टेसिस पर असर (The Effect of Metformin on Glucose Homeostasis) क्या होता है, उम्मीद है कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी मिल गई होगी। आइए जानते हैं कि डायबिटीज की बीमारी होने पर दवाओं के सेवन के साथ ही किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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डायबिटीज की है समस्या, तो इन बातों का रखें ध्यान!
हमने आपको स्टडी के दौरान मेटफोर्मिन का ग्लूकोज होमियोस्टेसिस पर असर (The Effect of Metformin on Glucose Homeostasis) के बारे में जानकारी दी है। आइए जानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या है, तो ऐसे में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- डायबिटीज की समस्या है, तो आपको सबसे पहले अपने खानपान में लो ग्लाइसेमिक फूड्स को शामिल करना चाहिए।
- डाइट में परिवर्तन के साथ ही आपको फिजिकल एक्टिविटी पर भी ध्यान देना चाहिए। आप रोजाना भले ही 30 मिनट लेकिन एक्सरसाइज जरूर करें।
- शरीर के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद बहुत जरूरी होती है। नींद के समय ही शरीर की रिपेयरिंग होती है। अगर आप पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेते हैं, तो आपको कई अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि रोजाना 8 से 9 घंटे की नींद जरूरी लें।
- आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्ट्रेस आम समस्या बन गया है। जो लोग अधिक स्ट्रेस लेते हैं, उनमें कई बीमारियां जन्म लेती हैं। अगर आपको भी स्ट्रेस की समस्या रहती है, तो बेहतर होगा कि मेडिटेशन के माध्यम से उसे कम करने का प्रयास करें।
- डॉक्टर से जानकारी ले कि आपको खाने में किन फूड्स को शामिल करना चाहिए और कौन से फूड्स ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं।