मोटापा कार्डियोमेटाबोलिक डिजीज के लिए महत्वपूर्ण रिस्क फैक्टर है। जिसमें डायबिटीज (Diabetes), हायपरटेंशन (Hypertension), कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary heart disease) , डिसलिपिडिमिया (Dyslipidemia) शामिल हैं, लेकिन वेस्ट सरकम्फ्रेंस और कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क (Waist Circumference and Cardiometabolic Risk) का कनेक्शन अधिक गहरा है। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हेल्थ ऑर्गनाइजेशन्स बीएमआई (BMI) की गणना के अनुसार वेट को मैनेज करने की सलाह देती हैं। जिन लोगों का बीएमआई 30kg/m 2 होता है उन्हें ओबेस माना जाता है और उनमें स्वास्थ्य संबंधित तकलीफें होने का रिस्क ज्यादा होता है। वहीं 25.0 से 29.9 kg/m 2 बीएमआई वालों को ओवरवेट माना जाता है। 18.5 से 24.9 kg/m2 के बीच बीएमआई होने पर व्यक्ति को लीन माना जाता है। बीएमआई मोटापे से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते जोखिमों को पहचानने का बेहतरीन तरीका है।