वेट लिफ्टिंग मांसपेशियों के लिए और अच्छी सेहत के लिए काफी जरूरी है। दुबलेपन में हमारा सारा फोकस वजन बढ़ाने पर रहता है। लेकिन सामान्य से ज्यादा वजन बढ़ जाना भी बीमारियों का संकेत है। बॉडी को आकर्षक बनाए रखने के लिए वेट लिफ्टिंग करना चाहिए। इससे वजन पर कंट्रोल रहता है। वेट लिफ्टिंग में शरीर के वजन के अनुसार लाइट वेट लिफ्टिंग या स्ट्रॉन्ग वेट लिफ्टिंग किया जा सकता है, लेकिन इससे पहले कुछ सावधानी बरत लेना भी बहुत जरूरी है। यहां हम आपको वेट लिफ्टिंग से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने के बारे में बताएंगे।
वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) क्या है?
वेट लिफ्टिंग शब्द सुनते ही सबसे पहले कल्पना हमसभी ओलम्पिक खेलों में वेट लिफ्टिंग करते हुए खिलाड़ियों की कर लेते हैं। वेट लिफ्टिंग जिसे हिंदी में भारोत्तोलन कहते हैं।दरअसल यह एक प्रकार का गेम और व्यायाम दोनों है। लेकिन इसे व्यायाम या खेल के रूप में अपने जीवन में लाना अत्यधिक कठिन माना जाता है और अगर आप वेट लिफ्टिंग को एक्सरसाइज के रूप में अपनाने जा रहें हैं, तो कई महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखना भी आवश्यक होता है।
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वेट लिफ्टिंग (Weight lifting) से पहले रखें इन बातों का ध्यान
खाली पेट या खाने के तुरंत बाद नहीं करें एक्सरसाइज
हमेशा वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज फिटनेस एक्सपर्ट की परामर्श से करें और उनकी निगरानी में करें। इसके साथ ही इसे कभी भी खाली पेट या कुछ खाते ही न शुरू करें। लाइट वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज शुरू करने से लगभग 10 मिनट पहले आप हल्का स्नैक्स ले सकते हैं। अगर आपको स्ट्रॉन्ग वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करनी है, तो आप 40 मिनट पहले कुछ खा सकते हैं। इसी क्रम में एक और सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है। जिम या घर में लोग जानकारी के आभाव में तुरंत कहीं से चलकर आते ही वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज शुरू कर देते हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। चाहें आप घर में इस एक्सरसाइज कर रहे हों या जिम में। पहले कुछ देर वॉर्मअप करना चाहिए। शुरू में वॉर्म-अप कर लेने से बॉडी में तेजी से ब्लड सर्क्यूलेट होता है। साथ ही बॉडी में ऑक्सिजन का भी संचार होता है।
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1. ड्रेस का रखें ध्यान
यह एक्सरसाइज करते समय ड्रेस का ध्यान रखना चाहिए। एक्सरसाइज करते वक्त स्वेट रेजिस्टेंट टीशर्ट पहननी चाहिए, जिससे आपके बॉडी का पसीना सूख जाए, जो भी लोग जिम करते हैं, उन्हें फिटनेस ट्रैकर पहनना चाहिए। आजकल मार्केट्स में फिटनेस ट्रैकर बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। ये आपकी कैलोरी को मॉनिटर करते हैं। इसके अलावा सॉक्स और जूते भी जिम के अनुसार लेना चाहिए। जूते ऐसा नहीं लेना चाहिए, जिसे पहनकर आप एक्सरसाइज करते वक्त कंफर्टेबल फील न करें। लोकल जूते पैरों में पसीने आने के बाद बदबू भी देते हैं और पैरों में थकान भी महसूस होती है।
2. जिम ट्रेनर के बारे में भी रखें ध्यान
जिम जॉइन करने से पहले वहां के बारे में और जिम ट्रेनर के बारे में अच्छी तरह से जानकारी जुटा लें। जब आप कोई जिम जॉइन करते हैं। आपको दो तरह के जिम ट्रेनर मिलते हैं। पहला- वो आपको शुरुआत में ही भारी भरकम वेट लिफ्टिंग इक्विप्मेंट्स उठाने और उसका इस्तेमाल करने को कहेंगे। दूसरा ट्रेनर-प्रोफेशनल तरह के होंगे। वो आपको वजन के अनुसार इक्वीप्मेंट्स उठाने को कहेंगे। इसलिए प्रोफेशनल ट्रेनर मसल्स बढ़ाने में कामयाब रहते हैं, जबकि पहले तरह के जिम ट्रेनर उतना अच्छा कामयाब नहीं रह पाते हैं। मसल्स बनाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं होता है कि जिम ट्रेनर गलत तरीके से लिफ्टिंग कराए।
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3. स्ट्रॉन्ग या लाइट वेट लिफ्टिंग करने से पहले फॉर्म का ध्यान रखें
स्ट्रॉन्ग या लाइट लिफ्टिंग करने से पहले बॉडी के फॉर्म (पुजिशन) का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करते वक्त बॉडी की पुजिशन अगर सही नहीं रहेगी, तब एक्सरसाइज करने का कोई फायदा नहीं होगा। ठीक इसी तरह स्पीड का भी ध्यान रखना चाहिए। जिस स्पीड से वेट लिफ्टिंग की जाती है, उसका मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है। अगर आपको फिटनेस के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। ऐसे में बिना फिटनेस एक्सपर्ट की निगरानी के वेट लिफ्टिंग नहीं करनी चाहिए। जब आप पॉजिटिव मूवमेंट करें, तब आपको एक सेकेंड में रिपिटेशन करना चाहिए। जबकि नेगेटिव मूवमेंट में आपको सावधानीपूर्वक तीन सेकेंड तक वक्त ले लेना चाहिए।
वेट लिफ्टिंग करते वक्त सारा लोड कंधों पर पड़ता है। इसलिए भारी भरकम इक्विप्मेंट्स उठाने से पहले ध्यान दें कि आपका बॉडी बैलेंस सही है या नहीं। अगर आपका बॉडी बैलेंस नहीं रहेगा, तो एल्बो डिस्लोकेशन की समस्या पैदा हो जाती है। फिटनेस एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि एल्बो डिस्लोकेशन की समस्या होने पर मसाज नहीं कराना चाहिए, बल्कि अच्छे ऑर्थो के डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए।
4. वॉल्यूम का ध्यान रखें
वॉल्यूम का मतलब यहां स्टेप से है। अगर वेट लिफ्टिंग में वॉल्यूम का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो यह सबसे बड़ी लापरवाही होगी। वॉल्यूम का सीधा संंबंध मसल्स पर किए गए काम से होता है। वेट लिफ्टिंग में तीन बातें वॉल्यूम का पार्ट है। पहला-एक सेट में रिपिटेशन, दूसरा- एक एक्सरसाइज में सेट की संख्या, प्रत्येक मसल ग्रुप के हिसाब से एक्सरसाइज की संख्या।
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5. ब्रेक लेना भी जरूरी
वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करने के कुछ देर बाद ब्रेक लेना भी जरूरी है। लगातार एक्सरसाइज करने से मसल्स पर नेगेटिव लोड पड़ता है। एक सेट कंप्लीट हो जाने के बाद बीच में ब्रेक ले लें। ब्रेक लेने से हार्ट बीट काफी तेज हो जाती है, और बॉडी में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ती है।
आप वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करते वक्त अपनी तरफ से और भी सावधानी बरत सकते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो, इन बातों का ध्यान रखकर आप कैलोरी कम कर सकते हैं और सुडौल बॉडी बना सकते हैं।
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वेट लिफ्टिंग के फायदे क्या हैं?
वर्कआउट रूटीन में वेट लिफ्टिंग फॉलो करने के कई फायदे हैं, जो इस प्रकार हैं
- हड्डियां होती हैं स्ट्रॉन्ग- हड्डियों के विकास के लिए और मजबूत बनाने के लिए वेट लिफ्टिंग वर्कआउट बेहद प्रभावी व्यायाम माना जाता है। नियमित और ठीक तरह से वेट लिफ्टिंग करने से हड्डियों के विकास के साथ-साथ मसल्स का भी निर्माण होता है।
- दूर होती है कमर दर्द की समस्या– लगातार कई-कई घंटे बैठकर काम करने की वजह से कमर दर्द की समस्या लोगों में आम बनती जा रही है, लेकिन वेट लिफ्टिंग से कमर दर्द की परेशानी से बचा जा सकता है। यही नहीं इससे बॉडी पॉश्चर भी ठीक होता है।
- नींद आती है अच्छी- अगर आपको नींद नहीं आती है और हमेशा थकावट महसूस होती है, तो वेट लिफ्टिंग के आपको यहां भी मिल सकते हैं। अगर आप नियमित वेट लिफ्टिंग करते हैं, तो आपकी नींद न आने की परेशानी भी दूर हो सकती है।
- डिप्रेशन- एक रिसर्च के अनुसार वेट लिफ्टिंग डिप्रेशन की समस्या से भी निजात मिल सकता है।
- मेमोरी- फिटनेस एक्सपर्ट्स के अनुसार नियमित रूप से वेट लिफ्टिंग करने से मेमोरी पावर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
- डायबिटीज- वेट लिफ्टिंग से ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस किया जा सकता है। दरअसल वेट लिफ्टिंग करने से बॉडी में ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल हो सकता है।
- वजन होता है नियंत्रित- शरीर का एक्स्ट्रा फैट कम करने में वेट लिफ्टिंग बेस्ट एक्सरसाइज माना जाता है। इससे बॉडी को शेप में भी रखने में सहायता मिलती है।
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वेट लिफ्टिंग के साथ-साथ कार्डियो एक्सरसाइज के भी फायदे मिलते हैं। यहां जानिए दोनों वर्कआउट के फायदे:
वेट लिफ्टिंग के साथ कार्डियो के फायदे
- कार्डियो और वेट लिफ्टिंग के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं। कार्डियो एक्सरसाइज बॉडी के फैट को बर्न करती है, जबकि वेट लिफ्टिंग से मासपेशियों में टोन आती हैं, और नई मांसपेशियां बनती हैं।
- कार्डियो एक्सरसाइज दिमाग के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। कार्डियो एक्सरसाइज करने से दिमाग में एंडोर्फिन रिलीज होता है, जोकि बॉडी के लिए एक प्राकृतिक दर्द निवारक की तरह होता है।
- अगर आप फैट बर्न करना चाहते हैं, तो कार्डियो एक्सरसाइज ही सही तरीका है। बिना कार्डियो किए आप पूरा दिन वेट लिफ्टिंग करते हैं, तो आपकी मांसपेशियों पर चढ़ी फैट की मोटी लेयर नहीं हटेगी।
अगर आप वेट लिफ्टिंग से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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