ब्रेस्ट सकिंग (Breast Sucking) एक कॉमन सेक्शुअल प्रेक्टिस है। एक रिसर्च के अनुसार 30 प्रतिशत पुरुष इसे खुले तौर पर फोर प्ले (Foreplay) के रूप में स्वीकारते हैं, लेकिन ऐसी अफवाहें भी सामने आती रही हैं कि ब्रेस्ट सकिंग से महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) हाे सकता है। आपको बता दें कि यह बात पूरी तरह से निराधार है। इस आर्टिकल में जानें सकिंग, फीडिंग और ब्रेस्ट कैंसर के बारे से जुड़े मिथक और उनका सच।
ब्रेस्ट सकिंग और फीडिंग में अंतर समझें (Breast Sucking And Breastfeeding)
ये बात तो साफ है कि ब्रेस्ट फीडिंग कैंसर के खतरे को कम करती है लेकिन क्या सेक्स के दौरान की जाने वाली सकिंग का ब्रेस्ट कैंसर से कोई संबंध है? रिसर्च की मानें तो फोर प्ले के दौरान की जानें वाली सकिंग ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करती है। बस फोर प्ले के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि ब्रेस्ट शरीर का मुलायम अंग है। ज्यादा ब्रेस्ट सकिंग ब्रेस्ट कैंसर का कारण तो नहीं लेकिन ब्लीडिंग, घाव या दर्द की समस्या खड़ी कर सकती है।
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इन बातों का भी रखें ध्यान
कैंसर (Cancer) के लिए कोई एक कारण जिम्मेदार नहीं होता है। हमारे आस-पास ऐसे कई तत्व है जो कैंसर का कारण बन सकते है। बहुत सारे लोगों को कंफ्यूजन होता है कि ब्रेस्ट सकिंग से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा होता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है। आप अपने लाइफस्टाइल में निम्नलिखित बदलाव कर स्तन कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं:
- शराब (Alcohol) का सेवन न करें।
- अच्छी डायट और व्यायाम से आप निश्चित रूप से कैंसर फैलने के खतरे को कम कर सकते हैं।
- हम सभी जानते हैं कि स्मोक करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। स्मोकिंग (Smoking) को न कहके भी आप ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से बच सकते हैं।
- गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसलिए बेहतर होगा कि गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन न करें।
- वजन के बढ़ने से कई बीमारियों के होने का खतरा सताने लगता है। इसके अलावा वजन बढ़ने से ब्रेस्ट कैंसर के होने का खतरा भी अधिक होता है।
- चेक किए डिओडरेंट न खरीदें ।
- नैचुरल हेयर डाई का करें उपयोग।
- कैमिकल हाउस क्लीनर पूरी जांच के बाद करें इस्तेमाल।
- नॉन ऑर्गेनिक मेकअप से दूरी बनाकर रखें। इससे कैंसर का जोखिम ज्यादा रहता है।
- प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करें ।
- आज कल महिलाएं करियर पर फोकस करती हैं और देर से शाकी करती हैं। पहले गर्भधारण में देरी करना भी ब्रेस्ट कैंसर होने का एक कारण है।
- आज के समय में बहुत सारी महिलाएं स्तनपान नहीं कराती हैं। स्तनपान कराने से नवजात को पौष्टिक आहार तो मिलता है। साथ ही स्तन कैंसर का जोखिम भी कम होता है।
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ब्रेस्ट कैंसर क्या होता है? (Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर बेहद आम कैंसर है। यह ज्यादातर महिलाओं को होता है। बहुत सारे लोग कहते हैं कि स्तन में गांठ होने का मतलब स्तन कैंसर है, लेकिन ऐसा नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर में ब्रेस्ट के टिशू में कैंसर सेल्स बनते हैं। यह कैंसर ब्रेस्ट से शुरू होकर आसपास के टिशू और पूरे शरीर में फैल सकता है। कई लोगों का मानना होता है कि ब्रेस्ट सकिंग करने से ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इस बात की पुष्टी कई स्टडी में भी हुई है।
कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर? (Breast Cancer Causes)
कई शोध में यह बात सामने आई है कि ब्रेस्ट कैंसर हॉर्मोन्स में बदलाव, खराब लाइफस्टाइल और वातावरण की वजह से होने की संभावना रहती है। हालांकि वक्त रहते अगर इस बीमारी का मालूम चल जाए तो इसका इलाज बेहद आसान होता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण: (Breast Cancer Symptoms)
- ब्रेस्ट के साइज में बदलाव
- ब्रेस्ट की स्किन या निप्पल में रेडनेस
- ब्रेस्ट के निप्पल के पास या कहीं भी लंप का होना
- निप्पल्स में से खून आना
- ब्रेस्ट में सूजन
- स्तनों के साइज में बदलाव होना
- निप्पल की थिकनेस में किसी तरह का बदलाव
कैसे खुद करें ब्रेस्ट कैंसर की जांच (Self Examination For Breast Cancer)
सभी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर को खुद से जांच करने की समझ होनी चाहिए। स्तनों से किसी भी तरह का स्त्राव होना, स्तनों के आसपास की त्वचा या निप्पल पर धारियां या सूजन होना इसके लक्षण हो सकते हैं। स्तनों का परीक्षण करने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
- स्तन में गांठ बनना
- स्तन के निप्पल के आकार में बदलाव आना
- स्तन की स्किन में बदलाव
- स्तनों का सख्त होना
- स्तन में दर्द
- अंडर आर्म्स के नीचे गांठ होना
आपको बता दें, स्तन में होने वाली हर गांठ कैंसर नहीं होती है लेकिन यदि आपके स्तन में गांठ है तो एक बार इसकी जांच जरूर कराएं। ऐसा इसलिए जिससे यह आगे चलकर कैंसर का रूप न ले। 40 की उम्र के बाद सभी महिलाओं को हर साल स्क्रीनिंग मैमोग्राम कराना चाहिए। मैमोग्राम की जगह अल्ट्रासाउंड भी करा सकती हैं।
Breast Cancer Genetic Testing : ब्रेस्ट कैंसर जेनेटिक टेस्टिंग क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर में कितने स्टेज होते हैं? (Breast Cancer Stages)
ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज के बारे में जानने के लिए देखें ये 3डी मॉडल
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 0 (Breast Cancer Stage 0): स्टेज 0 में दूध बनाने वाले टिशू में कैंसर बना हो लेकिन वो अभी यहीं तक सीमित हो। अभी ये कैंसर स्तन के बाकी हिस्सों में भी नहीं पहुंचा।
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 1 (Breast Cancer Stage 1): स्टेज 1 में टिशू धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। इसमें ये आसपास के जो स्वस्थ टिशू हैं उन पर असर करने लगता है।
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 2 (Breast Cancer Stage 2): स्टेज 2 में कैंसर काफी बढ़ जाता है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 3 (Breast Cancer Stage 3): इसमें कैंसर हड्डियों और दूसरे अंगों तक फैल जाता है। ये बांहों के नीचे लिफ नोड और कॉलर बोन तक फैल जाता है। इस स्टेज में कैंसर का इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 4 (Breast Cancer Stage 4): ये आखिरी स्टेज है। इसमें कैंसर फेफड़ों, लिवर, हड्डी और दिमाग में फैल चुका होता है।
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इस लेख में हमने लोगों में ब्रेस्ट सकिंग ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है या नहीं, इस कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश की है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और ब्रेस्ट सकिंग ब्रेस्ट कैंसर कारण बन सकता है या नहीं इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।