ब्रेस्ट कैंसर को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के प्रश्न होते है। कई बार सही जानकारी न होने की वजह से मन में शंका बनी रहती है।ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) और ब्रा को लेकर कई अफवाहों के बारे में आपने सुना होगा। इनमें से कई को आप सच भी मानते होंगे। हम स्तन से जुड़ी परेशानियों के बारे में सुनते है और मन में विचार आता है कि कहीं ब्रा, ब्रेस्ट कैंसर का कारण न बन जाए। हो सकता है कि ऐसा आपने भी कई बार सुना होगा। लेकिन ये सच नहीं है। ब्रा पहनने की वजह से स्तन कैंसर नहीं होता है। ये बात सच है कि सही साइज की ब्रा न पहनने की वजह से स्तन में दर्द महसूस हो सकता है। ब्रा चूज करते समय हम इन बातों का ध्यान नहीं रखते है। इस कारण स्तन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस लेख में हम आपके ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा से जुड़े कई कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश करेंगे…
ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा: क्या है अफवाह ?
ऐसी अफवाहें भी सामने आती रहती हैं कि एंटीपर्सपिरेंट (Antiperspirants) अंडरवायर ब्रा रात में पहनने से स्तन कैंसर हो जाता है। ऐसी अफवाह कई बार पढ़ने को मिल जाती है। तर्क ये दिया जाता है कि एंटीपर्सपिरेंट केमिकल स्किन के माध्यम से अवशोषित होते हैं। जब शरीर में पसीना आता है, तो ये टॉक्सिन्स को बाहर आने से रोक देता है। यही टॉक्सिंस स्तन में इकट्ठा होकर गांठ का रूप ले लेता है। इस तरह ब्रा स्तन कैंसर का कारण बन जाती है।
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ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा (Breast cancer and bras) की सच्चाई क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा का सीधा संबंध नहीं है। सच ये है कि ऊपर दी गई बात का आज तक प्रमाण नहीं मिला है। अभी तक डॉक्टर्स को ऐसा तथ्य नहीं मिला है जिसमें कहा जा सके कि अंडरवायर ब्रा रात को पहनकर सोने से स्तन कैंसर हो जाता है।
यहां तक कि सबसे स्ट्रांगेस्ट एंटीपर्सपिरेंट (Antiperspirants) आर्मपीट में पसीने को अवरुद्ध नहीं करता है। अधिकांश कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ किडनी द्वारा हटा दिए जाते हैं और यूरीन के माध्यम से या लिवर द्वारा संसाधित होते हैं। शरीर से विषाक्त पदार्थों को रिलीज करने के लिए पसीना एक महत्वपूर्ण तरीका नहीं है।
ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा: क्या वाकई फर्क नहीं पड़ता है?
जी हां, इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि आपने ब्रा पहनी या फिर नहीं। महिलाओं में ब्रा पहने या फिर न पहनें इससे ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही इस बात से भी फर्क नहीं पड़ता कि महिला ओवरवेट है और बड़े ब्रेस्ट साइज के कारण वो हमेशा ब्रा पहन रही हैं। वजन की बात यहां इसलिए की गई है क्योंकि लोगों में इस बात को लेकर भी भम्र रहता है।
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ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा के बारे में कहां से उड़ी थी अफवाह?
इस मिथक को सबसे पहले सिडनी रॉस सिंगर और सोमा ग्रिजमाइजर ने अपनी पुस्तक ‘ड्रेस्ड टू किल: द लिंक बिटवीन ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) और ब्रा’ में उठाया था। स्तन के आकार और स्तन कैंसर के जोखिम की जांच के दौरान उन्होंने ये बात कही थी। उन्होंने 1991 और 1993 के बीच 5,000 महिलाओं पर अध्ययन करने पर पाया कि स्तन कैंसर का जोखिम उन महिलाओं में बढ़ गया है, जिन्होंने अपनी ब्रा प्रति दिन 12 घंटे से अधिक पहनी थी। इस बारे में उन्होंने कई निष्कर्ष भी निकाले थे, जो कि मान्य नहीं है।
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ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के जोखिम कारक, जिन्हें नियंत्रित नहीं किया जा सकता है:
- 99% ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) महिलाओं को होता है।
- उम्र के साथ ब्रेस्ट कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है। लगभग 65% महिलाओं में 55 वर्ष से अधिक उम्र में ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) डायग्नोज किया जाता है।
- 45 वर्ष की आयु के बाद, डार्क स्किन की तुलना में व्हाइट स्किन वाले लोगों को ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) होने की संभावना अधिक होती है।
- कैंसर की फैमिली हिस्ट्री है। कुछ इनहेरेटेड जीन म्यूटेशन होते हैं जो ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के होने का खतरा बढ़ाते हैं। हालांकि ऐसा 5-10 प्रतिशत मामलों में देखने को मिलता है।
- यदि आपको पहले ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) हुआ है तो ये दोबारा हो सकता है, क्योंकि कुछ एब्नॉर्मल ब्रेस्ट सेल्स होते हैं जो इनवेसिव कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- पीरियड्स की शुरुआत (12 साल की उम्र से पहले) होने पर स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- मेनोपॉज देर से (55 साल की उम्र के बाद) शुरू होने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
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ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के जोखिम कारक, जिन्हें नियंत्रित किया जा सकता है:
- जो महिलाएं बच्चे को देर से जन्म देती हैं या बच्चा पैदा ही नहीं करती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) होने का खतरा अधिक होता है। इसके विपरीत, कम उम्र में बच्चा करना और स्तनपान कराने से स्तन कैंसर होने का खतरा कम होता है।
- जो महिलाएं मेनोपोज के लिए हॉर्मोनल थेरेपी लेती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- अधिक वजन या मोटापे के कारण पोस्टमेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का खतरा बढ़ जाता है।
- फिजिकल एक्टिव न रहने से भी इसका जोखिम बढ़ जाता है।
- जो महिलाएं औसतन प्रतिदिन 2 ड्रिंक (एल्कोहॉल ) लेती हैं उनमें भी स्तन कैंसर का जोखिम 21 प्रतिशत ज्यादा होता है।
- जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान डाइथिलसटिलबिसट्रोल (Diethylstilbestrol) (DES) दवा लेती हैं उन्हें ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer)का खतरा अधिक होता है।
- स्मोकिंग और टोबैको का सेवन करने से भी ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) का जोखिम होता है।
- गर्भनिरोधक दवाओं को लेने से भी स्तन कैंसर के विकास का जोखिम बढ़ सकता है। कुछ अध्ययनों में इस बात की पुष्टी नहीं हुई है वहीं कुछ में ऐसा पाया गया है।
ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) के लक्षण क्या है ?
ब्रेस्ट में गांठ, स्किन में बदलाव, निप्पल के आकार में बदलाव, स्तन का सख्त होना, स्तन के आस-पास (अंडर आर्म्स) गांठ होना, निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का आना या स्तन में दर्द महसूस होना ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) हो सकता है। ऐसा एल्कोहॉल या सिगरेट का सेवन करना, पहले गर्भ धारण में देरी होना, बच्चों को स्तनपान न करवाना, शरीर का वजन अत्यधिक बढ़ना, बदलती लाइफस्टाइल, गर्भनिरोधक दवाईयों का सेवन करना या जेनेटिकल (परिवार में अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो) कारणों की वजह से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
कैंसर से लड़ना संभव है अगर वक्त पर इलाज शुरू किया जाए। एक्सपर्ट्स का मानना है की ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज पर भी निर्भर करता है की पेशेंट को ठीक होने में कितना वक्त लगेगा। कैंसर को पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता है यानी ये किसी भी व्यक्ति को हो सकता है लेकिन सावधानी से आप काफी हद तक इससे बचाव कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा से जुड़े कुछ मिथ को दूर करने की कोशिश की गई है। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर और ब्रा से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए बेहतर होगा आप हेल्थ स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।