सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर का चौथा सबसे आम प्रकार है। यह महिलाओं में सर्विक्स की सेल्स में विकसित होता है। सर्विक्स यूट्रस का सबसे निचला हिस्सा होता है, जो कि वजायना से जुड़ा होता है। यह गंभीर बीमारी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी के कारण होती है। एचपीवी वायरस सेक्शुअली फैल सकता है। ऐसे में हमारे सामने सबसे बड़ा सवाल आता है कि सेक्शुअली ट्रांसमिटिड डिजीज (STD) यानी एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer) के बीच कोई संबंध है या फिर क्या सर्वाइकल कैंसर भी एक एसटीडी है। इस आर्टिकल में ये सभी बातें हम विस्तार से जानेंगे।
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एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer): सर्वाइकल कैंसर कैसे होता है?
सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की गंभीर बीमारी होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। लेकिन अमूमन सभी प्रकार के सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वायरस (HPV Virus) की वजह से होते हैं। इसी वायरस की वजह से जेनाइटल वार्ट्स भी होते हैं। एचपीवी 16, एचपीवी 18, एचपीवी 31, एचपीवी 33, एचपीवी 45 की वजह से सर्वाइकल कैंसर होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इन प्रकारों में से भी एचपीवी 16 और एचपीवी 18 सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer)) के कारण बनते हैं। इसके अलावा, इन वायरस से ग्रसित होने पर जरूरी नहीं कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की बीमारी हो। अधिकतर महिलाओं में इन वायरस की वजह से होने वाला इंफेक्शन तकरीबन दो साल के अंदर खुद ब खुद सही हो जाता है। लेकिन, जो इंफेक्शन (Infection) इससे ज्यादा समय तक रहते हैं, उनका सर्वाइकल कैंसर के रूप में विकसित होने की आशंका होती है।
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एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर : क्या सर्वाइकल कैंसर एक एसटीडी है? (Is STD and Cervical Cancer same?)
एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STD and Cervical Cancer) के संबंध की बात की जाए, तो हमारे दिमाग में यह सवाल जरूर आ सकता है कि क्या सर्वाइकल कैंसर एक एसटीडी है। देखिए, सबसे पहले हम जान चुके हैं कि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के तकरीबन सभी मामले एचपीवी के कारण होते हैं और जिंदगी में कभी न कभी महिला-पुरुष एचपीवी वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। इसमें तकरीबन 90 प्रतिशत इंफेक्शन (Infection) अपने आप ठीक हो जाता है और इसी वायरस की वजह से जेनाइटल वार्ट्स की समस्या हो सकती है। जब यह इंफेक्शन खुद ठीक नहीं होता, तो काफी लंबे समय तक सक्रिय रहने पर शरीर में कैंसर सेल्स का निर्माण करता है। चूंकि एचपीवी प्रजनन तंत्र पर हमला करता है, तो यह कैंसरकृत सेल्स का निर्माण भी यहीं करता है। धीरे-धीरे हमारा इम्यून सिस्टम इस वायरस से मुकाबला नहीं कर पाता और कमजोर होता जाता है। इस स्थिति में सर्वाइकल कैंसर होता है।
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अब एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer) में संबंध को समझें
अब बात आती है कि क्या एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर के बीच यह संबंध है कि सर्वाइकल कैंसर भी एक एसटीडी है? तो आपको बता दें कि, एसटीडी यानी सेक्शुअली ट्रांसमिटिड डिजीज वो यौन संचारित रोग होते हैं, जो यौन संबंध बनाने की वजह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकते हैं। इसमें एड्स, गोनोरिया, क्लैमिडिया आदि शामिल हैं। यह रोग किसी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected sex) के दौरान दूसरे व्यक्ति को शिकार बना सकते हैं। इन रोगों से आप वजायनल, एनल या ओरल सेक्स के जरिए ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा, एसटीडी अपने प्रकार के हिसाब से अन्य कारण जैसे स्तनपान (Breastfeeding) या संक्रमित सुईयों आदि के कारण भी फैल सकती है।
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असुरक्षित यौन संबंध और सर्वाइकल कैंसर (Unprotected Sex and Cervical Cancer)
अब हम एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer) के मुख्य मुद्दे पर आते हैं कि क्या सर्वाइकल कैंसर एक एसटीडी है? तो सर्वाइकल कैंसर की मुख्य वजह एचपीवी असुरक्षित यौन संबंध व सेक्स के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के जननांग से दूसरे व्यक्ति की त्वचा के असुरक्षित संपर्क में आने की वजह से भी फैल सकता है। एचपीवी ओरल कैंसर (Oral Cancer), वुल्वर कैंसर, पेनाइल कैंसर और रेक्टल कैंसर (Rectal Cancer) का कारण भी बन सकता है। लेकिन, जैसा कि हमने बताया कि एचपीवी से संक्रमित होने के बाद भी सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना कम होती है, इसलिए अगर किसी एचपीवी संक्रमित पुरुष से किसी महिला में एचपीवी वायरस फैल जाता है, तो भी उसका सर्वाइकल कैंसर के रूप में विकसित होने में मुश्किल हो सकती है। लेकिन, आप इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि असुरक्षित यौन संबंध या जननांगों से त्वचा के संपर्क में आने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा हो सकता है। इसलिए, सर्वाइकल कैंसर को पूर्ण रूप से एसटीडी कहना गलत होगा, हालांकि, इसकी संभावना जरूर बढ़ जाती है।
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क्या एचपीवी (HPV) से बचा जा सकता है?
एचपीवी पुरुष और महिला दोनों में जेनाइटल वार्ट्स और जननांगों के कैंसर का कारण बन सकता है। जिससे बचने के लिए आप एचपीवी वैक्सीन का उपयोग कर सकते हैं। वैक्सीन के बारे में अधिक जानकारी और लगवाने की प्रक्रिया के बारे में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वो आपको इसके फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार से बता सकते हैं।
इसके अलावा एचपीवी से बचने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाने चाहिए। ताकि, इसके फैलने की संभावना को न के बराबर किया जा सके। इसके लिए, सेक्स, ओरल सेक्स या एनल सेक्स के समय कॉन्डम, डेंटल डैम आदि का उपयोग कर सकते हैं।
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क्या अन्य एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer) के बीच कोई संबंध है?
गनोरिया, एड्स, क्लैमिडिया आदि अन्य एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer) के बीच एक संबंध है। वो संबंध यह है कि यह सभी बीमारियां शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती हैं, जिससे एचपीवी से संक्रमित होने पर उसके सक्रिय रहने की संभावना बढ़ जाती है और वह काफी लंबे समय तक रहने पर महिलाओं के शरीर में सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए, अप्रत्यक्ष रूप से अन्य एसटीडी और सर्वाइकल कैंसर (STDs And Cervical Cancer) एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव (Cervical cancer prevention)
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए आपको जीवनशैली में सावधानियां रखने की जरूरत होती है। जैसे-
- सबसे पहले आपको अपने डॉक्टर से अपने लिए उचित एचपीवी वैक्सीन (Human papillomavirus Vaccine) के बारे में जानना चाहिए और उसे लगवाना चाहिए।
- इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) की जांच के लिए रूटीन पैप टेस्ट करवाते रहना चाहिए।
- स्मोकिंग (Smoking) एचपीवी या सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।
- सेक्स (Sex) करते समय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
किसी प्रकार की अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल है तो आप अपना प्रश्न कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
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