डायबिटीज (Diabetes) पिछले कुछ सालों में भारत के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गई है। डायबिटीज को लेकर ऐसा माना जाता है कि अक्सर ऐसे लोग जिनका वजन ज्यादा होता है वे इसकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं। लेकिन, इसका यह मतलब भी बिल्कुल नहीं है कि जो पतले लोग हैं उनको इससे कोई खतरा नहीं है। डायबिटीज टाइप 2 से ग्रसित लगभग 10 से 15 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जिनका वजन उनकी लंबाई के अनुसार एक दम ठीक है या जिसे हम ‘हेल्दी वेट’ भी कहते हैं। इस तरह की डायबिटीज को लीन डायबिटीज (Lean Diabetes) भी कहा जाता है। इस अवस्था में मानव शरीर जरूरी मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या फिर शरीर इसके प्रति सही प्रतिक्रिया देने में सक्षम नहीं रहता। हालांकि, विशेषज्ञ अभी लीन डायबिटीज के लिए सही कारणों का पता हीं लगा पाए हैं।
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किसको हो सकती है लीन डायबिटीज? (Who can have Lean Diabetes?)
विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके लिए आपके जीन और लाइफस्टाइल जिम्मेदार हैं। अगर आपके पेरेंट्स को डायबिटीज है, तो आपको यह बीमारी होने की आशंका 40 फीसदी बढ़ जाती है। इसके अलावा लीन डायबिटीज का एक कारण आपके पैदा होने से पहले या बचपन में जरूरी पोषक तत्वों की कमी का होना भी हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य कारण हो सकते हैं जैसे:
- स्मोकिंग (Smoking)
- एल्कोहॉल का सेवन (Alcohol consumption)
- नींद की कमी
- सही पोषण न मिलना
- एक्सरसाइज न करना
फैमिली हिस्ट्री के कारण होने वाले जेनेटिक रिस्क के अलावा बताए गए कारण भी लीन डायबिटीज के कारण बन सकते हैं।
लीन डायबिटीज में शुगर कंट्रोल (Sugar Control in Lean Diabetes)
अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है और आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) है, तो मेटफोर्मिन (Metformin) नाम की दवा आपकी मदद कर सकती है। इसको लेने पर आपकी पैंक्रियाज अधिक इंसुलिन बनाती है। लेकिन, अगर आपको लीन डायबिटीज (Lean diabetes) है, तो संभव है कि यह आपके लिए इतनी कारगर साबित न हो। वहीं लीन डायबिटीज से ग्रसित लोगों को छोटी उम्र में ही इंसुलिन शॉट (Insulin shot) लेने की जरूरत पड़ सकती है। इस अवस्था में पैंक्रियाज में पाए जाने वाले बीटा सेल्स (Beta cells) जल्दी काम करना बंद कर देते हैं। इसका एक कारण आपके जीन भी हो सकते हैं। इसके अलावा स्मोकिंग और ड्रिंकिंग की आदत इस स्थिति और खराब कर सकती है।
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क्या एक्सरसाइज से मिलेगी मदद?
हो सकता है कि आपके डॉक्टर आपको वजन कम करने की सलाह न दें। क्योंकि ऐसा करने के लिए आपके पास जरूरी मसल मास न हो। इसके अलावा अगर आप एरोबिक्स करें तो आपका वजन ज्यादा तेजी से कम होगा। यह आपके ब्लड शुगर (Blood sugar) और हड्डियों के लिए और खराब होगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि कार्डियो की जगह स्ट्रेंथ ट्रेनिंग लीन डायबिटीज के मामले में आपके लिए ज्यादा लाभकारी साबित होगी।
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लीन डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Lean Diabetes)
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लीन डायबिटीज के लक्षणों (Diabetes symptoms) को शरूआत में पता लगाना बड़ा मुश्किल है और कई बार लोगों को लंबे समय तक यह पता ही नहीं होता कि वह इस समस्या से ग्रसित हैं। इसका सही समय पर पता लगाने के लिए कई शोध भी किए जा रहे हैं। वहीं, इसका एक लक्षण बार-बार पेशाब आना या प्यास लगना भी हो सकता है। ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि साल में एक बार ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) चेक करवा लेना चाहिए।
लीन डायबिटीज का निदान (Lean Diabetes diagnosis)
इस डायबिटीज के लक्षण (Diabetes symptoms) जल्दी समझ नहीं आते इसलिए कई बार इसके बारे में पता करना मुश्किल हो जाता है। इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट करते हैं।
लीन डायबिटीज का ट्रीटमेंट (Treatment of Lean Diabetes)
लीन डायबिटीज (Lean diabetes) का कोई अलग उपचार नहीं है। लीन डायबिटीज की समस्या के लिए भी डॉक्टर डायबिटीज टाइप 2 (type 2 diabetes) के उपचार के लिए उपयोग होने वाली मेटफोर्मिन और इंसुलिन शॉट के ही इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
लीन डायबिटीज से कैसे बच सकते हैं?
लीन डायबिटीज (Lean diabetes) की संभावना कम करने के लिए आप कुछ अच्छे बदलाव जीवनशैली में कर सकते हैं। आपको धूम्रपान बंद कर देना चाहिए और शराब के सेवन से दूर रहना चाहिए। अच्छा खाने की कोशिश करें। एक स्वस्थ आहार वह है जिसमें लीन प्रोटीन, सब्जियां, फल और उच्च फायबर, कार्बोहाइड्रेट का नियमित सेवन किया जाएद्ध
आपको इसमें भी कटौती करनी चाहिए:
- मीठा नाश्ता
- उच्च वसा वाली डेयरी
- अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्सबहुत अधिक वसा के साथ तला हुआ भोजन
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स्किनी फैट (Skinny fat) क्या होता है?
आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) आपकी लंबाई और वजन पर निर्भर करता है। डॉक्टर्स आमतौर पर इस मास इंडेक्स से ही पता लगाते हैं कि आप मोटापे का शिकार हैं कि नहीं। ऐसे में यह भी समझ लीजिए कि अगर आपके कमर के हिस्से में बहुत ज्यादा फैट है, तो काफी सारे हॉर्मोंस को रोकता है, जो आपके ब्लड वेसल्स के लिए हानिरकारक होता है।
शरीर के बीच के हिस्से में मोटापा (Obesity) बढ़ने से आप हाई ब्लड शुगर (High blood sugar) के शिकार हो सकते हैं। पेट की चर्बी के कारण शरीर में ऐसे तत्व उत्पन्न होते हैं, जो इंसुलिन के एक्शन को रोक सकते हैं।
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टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में अंतर (Difference between Type 1 Diabetes and Type 2 Diabetes)
डायबिटीज की चर्चा आम है और ज्यादातर लोगों को डायबिटीज (मधुमेह) की जानकारी होती भी है। हालांकि, गंभीर बीमारियों की लिस्ट में शामिल डायबिटीज, कभी भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। दरअसल, शरीर में जब इंसुलिन की मात्रा बिगड़ने लगती है, तो ऐसी स्थिति में शुगर लेवल बिगड़ने लगता है और आप डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 दोनों में ही शरीर में इंसुलिन की मात्रा सामान्य से ज्यादा बढ़ने लगती है।
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
जब शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है तब टाइप-1 डायबिटीज होता है। ऐसे में ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल रखना पड़ता है। जिसके लिए मरीज को पूरी तरह से इंसुलिन इंजेक्शन पर आश्रित रहना पड़ता है। टाइप-1 डायबिटीज बच्चों और किशोरों में होने वाली डायबिटीज की बीमारी है। बच्चों और युवा वयस्कों में यह अचानक से हो सकता है। शरीर में पैंक्रियाज से इंसुलिन नहीं बनने की स्थिति में ऐसा होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार दवा से इसका इलाज संभव नहीं हो पाता है। इसलिए इंजेक्शन की मदद से हर दिन इंसुलिन लेना भी अनिवार्य हो जाता है।
टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
अगर शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगे और शरीर उसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है, तो ऐसे स्थिति में डायबिटीज टाइप-2 की शिकायत शुरू हो जाती है। टाइप-2 डायबिटीज बहुत ही सामान्य है और यह 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को होता है। ऐसा नहीं है की टाइप-2 डायबिटीज सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को हो कभी-कभी यह बीमारी जल्दी भी हो सकती है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको लीन डायबिटीज (Lean Diabetes) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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