backup og meta

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण, कारण और बचाव

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण, कारण और बचाव

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण पहले ज्यादा समझ नहीं आते हैं, फिर अचानक से शरीर में कई तरह के परिवर्तन होने लगते हैं। फूड प्वाइजनिंग के लक्षण जर्म्स (बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट) पर डिपेंड करते हैं, जो दूषित खाने के साथ ही शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। जर्म्स खाने को टॉक्सिक बनाते हैं। फूड प्वाइजनिंग के लक्षण अक्सर दूषित खाना खाने के कारण ही दिखते हैं। खाना विभिन्न कारणों से दूषित हो सकता है। खाने में उपस्थित जर्म्स के शरीर में चले जाते हैं और परेशानी खड़ी कर देते हैं। फूड प्वाइजनिंग काफी आम है और यह किसी भी ऐज में कभी भी हो सकता है। अगर आपको फूड प्वाइजनिंग के बारे में जानकारी नहीं है तो इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्राप्त करें और फूड प्वाइजनिंग के लक्षण जानें।

और पढ़ें : फूड पॉइजनिंग से बचने के घरेलू नुस्खे

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण (food poisoning symptoms)

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण : स्टमक क्रैम्प्स

period nap GIF by Xyngular

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण में स्टमक क्रैम्प्स प्रमुख मान जाता है। स्टमक क्रैम्प्स के दौरान पेट में मरोड़ के साथ ही दर्द की समस्या भी हो सकती है। स्मॉल इंटेस्टाइन, कोलन, लिवर, गॉलब्लैडर और पैनक्रियाज में दिक्कत महसूस हो सकती है। इसी वजह से स्टमक क्रैम्प्स की समस्या होती है।

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण : जी मिचलाना (Nausea)

Throw Up Jasper Dolphin GIF by JASPER & ERROL'S FIRST TIME

जी मिचलाना फूड प्वाइजनिंग के लक्षणों में से एक है। वॉमिटिंग से पहले जी मिचलाने का एहसास हो सकता है। दूषित खाना निगलने के कुछ समय बाद वॉमिटिंग होती है। इससे पहले जी मिचलाने की भी समस्या होती है।

और पढ़ें : जानिए प्रेग्नेंसी में दस्त होने पर क्या खाना होगा सही?

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण : डायरिया (Diarrhea)

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण

डायरिया होने पर व्यक्ति को  पतला मल त्याग होता है, यानी जमकर दस्त लगते हैं। अगर आपको दिन में चार से पांच बार दस्त हो गए हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि ये फूड प्वाइजनिंग के लक्षण के कारण हो सकता है।

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण : फीवर (feaver)

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण

दस्त होना, वॉमिटिंग होना और फिर फीवर आ जाना फूड प्वाइजनिंग के लक्षण में शामिल है। ऐसे में ठंड के साथ ही कमजोरी का एहसास भी हो सकता है।

खतरनाक हो सकते हैं फूड प्वाइजनिंग के लक्षण

वैसे तो फूड प्वाइजनिंग का सही समय पर इलाज मिल जाने पर किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है और बीमारी ठीक भी हो जाती है। लेकिन कई बार फूड प्वाइजनिंग के लक्षण खतरनाक भी हो सकते हैं। फूड प्वाइजनिंग के खतरनाक लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं-

अगर आपको फूड प्वाइजनिंग के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। देरी होने पर समस्या हो सकती है।

फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) क्यों होता है ?

फूड प्वाइजनिंग या फूड बॉर्न इलनेस की समस्या संक्रमित या खराब खाना खाने से होती है। फूड प्वाइजनिंग के लक्षण में जी मिचलाना, उल्टी आना, फीवर और डायरिया की समस्या आदि समस्याएं शामिल हैं। सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीजर्वेशन (सीडीसी) के अनुसार यूएस में 6 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति हो हर साल फूड प्वाइजनिंग की समस्या होती है।

फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) या विषाक्त भोजन के कारण क्या हैं ?

फूड प्वाइजनिंग तीन मुख्य कारणों से फैलता है। फूड प्वाइजनिंग बैक्टीरिया, पैरासाइट, वायरस आदि कारणों से फैलता है। फूड प्वाइजनिंग खाने के प्रोडक्शन के समय, ग्रोइंग, हार्वेस्टिंग, प्रोसेसिंग, स्टोरिंग, शिपिंग या प्रिपेरिंग के समय हार्मफुल ऑर्गेनिज्म एक स्थान से दूसरे स्थान में आसानी से पहुंच जाते हैं। ये समस्या रॉ या रेडी फूड दोनों के लिए ही खड़ी हो सकती है। कुछ फूड जो पकाए नहीं जाते हैं, उनमें ये समस्या आसानी से हो सकती हैं। फूड न पकने के कारण हार्मफुल ऑर्गेनिज्म खत्म नहीं होते हैं और खाना टॉक्सिक हो जाता है।

बैक्टीरिया के कारण फूड प्वाइजनिंग या विषाक्त भोजन के लक्षण

बैक्टीरिया के कारण फूड प्वाइजनिंग के लक्षण दिखना कॉमन है। कुछ खतरनाक बैक्टीरिया जैसे कि ई कोलाई.( E. coli), लिस्टेरिया (Listeria), सालमोनेलाकम ( Salmonellacome) आदि हैं। सीडीसी के मुताबिक करीब 1,000,000 फूड प्वाइजनिंग के ऐसे केस पाए गए जिनमें 20,000 हॉस्पिटलाइज लोगों को सालमोनेला की वजह से समस्या का सामना करना पड़ा।

और पढ़ें :  बच्चों में फूड एलर्जी का कारण कहीं उनका पसंदीदा पीनट बटर तो नहीं

पैरासाइट्स के कारण फूड प्वाइजनिंग के लक्षण

पैरासाइट्स के कारण भी फूड प्वाइजनिंग हो सकती है। पैरासाइट्स खाने काे जहरीला बना देते हैं। टॉक्सोप्लाज्मा ( Toxoplasma) ऐसा पैरासाइट्स है जो फूड प्वाइजनिंग के लिए कॉमन माना जाता है। पैरासाइट्स इंसान के डायजेस्टिव सिस्टम में कई सालों तक रह सकता है। ज्यादातर मामलों में इसके लक्षण भी नहीं पता चल पाते हैं। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले और प्रेग्नेंट महिलाओं में पैरासाइट्स अधिक खतरानाक साबित होते हैं।

वायरस के कारण फूड प्वाइजनिंग के लक्षण

वायरस के कारण भी फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है। नोरोवायरस को नोरवाक वायरस भी कहते हैं, जिसके कारण हर साल फूड प्वाइजनिंग के 19 मिलियन केस देखने को मिलते हैं। रेयर केस में ये घातक भी साबित हो सकता है। सैपोवायरस (Sapovirus), रोटावायरस (rotavirus) और एस्ट्रोवायरस (astrovirus) आदि फूड प्वाइजनिंग के लक्षण समान ही प्रदर्शित करते हैं। हेपेटाइटिस ए वायरस  फूड के माध्यम से फैलता है और गंभीर समस्या खड़ी कर सकता है।

और पढ़ें : पेट में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज क्या है?

विषाक्त भोजन : खाना दूषित कैसे हो जाता है ?

पैथोजन उन सभी फूड में पाया जाता है, जो इंसान खाता है। जब खाने को पकाया जाता है तो हीट के कारण पैथोजन मर जाते हैं। जब खाना कुकिंग प्रोसेस से होकर नहीं जाता है तो फूड प्वाइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है। अगर खाना बनाने वाला व्यक्ति हाथ को सही से नहीं धुलता है तो भी खाना ऑर्गेनिज्म के कॉन्टेक्ट में आ जाता है। इस कारण से भी खाना दूषित हो जाता है और व्यक्ति में फूड प्वाइजनिंग के लक्षण पैदा करता है। मांस, अंडे और डेयरी उत्पाद अक्सर दूषित होते हैं। पानी भी कई कारणों से दूषित हो जाता है और उसमें उपस्थित ऑर्गेनिज्म शरीर में पहुंचकर बीमारी पैदा करते हैं।

फूड प्वाइजनिंग से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

फूड प्वाइजनिंग की समस्या से बचने का उपाय है कि हमे पहले से ही सावधानी रखनी होगी। आपको खान पान के दौरान अधिक सावधानी रखने की जरूरत है। जानिए क्या सावधानियां रखनी चाहिए,

  • हाथों को क्लीन करना बहुत जरूरी है। हाथ अगर गंदे हैं तो खाना खाते समय गंदगी पेट में जाएगी। ठीक इसी प्रकार कुकिंग करने से पहले भी आपको हाथों को अच्छे से साफ करना चाहिए।
  • पैक्ड फूड को साफ करना पॉसिबल नहीं होता है लेकिन आप फल सब्जियों को हमेशा अच्छी तरह से साफ करें। अगर आपको सब्जी गंदी ज्यादा लग रही हो तो उसे अच्छी तरह से साफ करके और फिर उबाल कर ही प्रयोग करें। उबलाने से सब्जियों के जर्म्स खत्म हो जाएंगे।
  • आपको नॉन वेज बनाते समय भी खास ध्यान देने की जरूरत है। अक्सर कुछ लोग नॉन वेज अच्छी तरह से नहीं पकाते हैं जो फूड प्वाइजनिंग का कारण भी बन सकता है। कच्चे मांस से अन्य प्रकार की बीमारियां फैलने का भी खतरा हो सकता है।
  • एक बात का ध्यान रखें कि खाना हमेशा ताजा बना हुआ ही खाएं। खाने को अगर आप फ्रिज में नहीं रखते हैं तो वो तीन से चार घंटे बाद तक खराब भी हो सकता है। ऐसा खाना खाने से भी फूड प्वाइजनिंग की संभावना बढ़ जाती है।
  • दूध का इस्तेमाल करने से पहले उसे उबाल जरूर लें। अनपाश्चराइज्ड मिल्क में जर्म्स हो सकते हैं, जो आपको बीमार कर सकते हैं।
  • अगर आपको अक्सर पेट की समस्या रहती है तो बाहर का खाना बिल्कुल भी न खाएं। बाहर के खाने में बैक्टिरिया भी हो सकते हैं जो खाने को विषाक्त बनाते हैं।

और पढ़ें :  बेबी फूड प्रोडक्ट खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

फूड प्वाइजनिंग या विषाक्त भोजन का ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है ?

फूड प्वाइजनिंग की समस्या तीन से पांच दिन में सही हो जाती है। फूड प्वाइजनिंग हो जाने पर खुद को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। ऐसे में स्पोर्ट्स ड्रिंक्स लेना सही रहेगा क्योंकि इसमें उचित मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट्स पाए जाते हैं। फ्रूट जूस और कोकोनट वॉटर शरीर में कार्बोहाइड्रेट को रिस्टोर करते हैं और थकान की समस्या को भी दूर करते हैं। ऐसे में कैफीन युक्त पदार्थ को लेने से बचना चाहिए। कैमोमाइल, पिपरमेंट आदि से युक्त चाय लेने से पेट में जलन की समस्या से राहत मिलती है। इमोडियम (Imodium ) और पेप्टो-बिस्मोल( Pepto-Bismol) जैसी ओवर-द-काउंटर मेडिसिन लेने से लूज मोशन की समस्या में राहत मिल सकती है।

फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के बाद लें BRAT डायट

अगर किसी व्यक्ति को फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो गई है तो उसे ठीक होने के बाद हैवी फूड बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। स्टमक ऐसे समय में थोड़ा वीक हो जाता है और उसे आसानी से पचने वाले भोजन की जरूरत होती है न कि हैवी फूड की। फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के बाद BRAT डायट लेना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। BRAT डायट से मतलब केला (बनाना), चावल (राइस), सेब (एप्पल) और टोस्ट है। आप एक बात ध्यान रखें कि खाने में ऑयली फूड न शामिल करें। आप चाहे तो खिचड़ी, दही, केला, सेब आदि को शामिल कर सकते हैं। बेहतर होगा कि आप लो फाइबर फूड और ब्लेंड फूड को शामिल कर सकते हैं। आपको फूड प्वाइजनिंग के बाद खाने में क्या शामिल करना है, इस बारे में अपने डॉक्टर से राय जरूर लें।

खाने में लो फाइबर और लो फैट फूड को शामिल करें। आप खाने में निम्नलिखित फूड को शामिल कर सकते हैं।

  • केला
  • सीरियल
  • एग वाइट
  • हनी
  • ओटमील
  • पीनट बटर
  • मैस्ड पटैटो

फूड प्वाइजनिंग (food poisoning) के लिए जानिए क्या हैं होम रेमेडीज

अदरक का करें सेवन

फूड प्वाइजनिंग की समस्या होने पर अदरक का सेवन करें। अदरक का सेवन करने से उल्टी की समस्या से राहत मिलती है। अदरक में औषधीय गुण होते हैं और ये पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करती है। अदरका का सेवन करने के लिए आप एक कप पानी उबाले और फिर उसमे कुछ मात्रा में अदरक डालें। आप गुनगुने पानी को शहद मिलाकर भी पी सकते हैं। अगर आप पानी के साथ अदरक नहीं लेना चाहते हैं तो एक चम्मच शहद में तीन से चार बूंद अदरक का रस डाले और उसका सेवन करें। ऐसा करने से इंफ्लामेशन की समस्या से भी राहत मिलेगी।

और पढ़ें : पेट में जलन दूर करने के आसान उपाय, तुरंत मिलेगा आराम

तुलसी की पत्तियां हैं असरदार

एब्डॉमिनल डिस्कम्फर्ट ( पेट की खराबी) होने पर तुलसी का सेवन पेट को राहत पहुंचाता है। तुलसी में एंटीमाइक्रोबियल गुड होते हैं। ये माइक्रो ऑर्गेनिज्म से लड़ने में मदद करता है। आप तुलसी की पत्तियों को शहद के साथ भी ले सकते हैं। आप चाहे तो बेसिल ऑयल को पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। अगर आप रोजाना तुलसी की पत्तियों को खाते हैं तो ये भी आपके लिए लाभकारी होगा।

लेमन यानी नींबू को करे डायट में शामिल

फूड पॉइजनिंग के घरेलू उपाय में आप नींबू का सेवन कर सकते हैं। नींबू में एंटीबैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होता है। नींबू शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है। इसमे विटामिन सी और साथ ही एंटीवायरल प्रॉपर्टीज भी होती हैं। नींबू का सेवन करने से फूड पॉइजनिंग की समस्या से राहत मिलती है क्योंकि ये शरीर के अंदर के माइक्रो ऑर्गेनिज्म को खत्म करने का काम करता है।आप नींबू का सेवन गुनगुने पानी में या फिर सादे पानी मिलाकर कर सकते हैं। आप चाहे तो पानी में शक्कर या शहद भी मिला सकते हैं।

फूड प्वाइजनिंग के लक्षण पता चलने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। देरी से इलाज शरीर में घातक भी साबित हो सकता है। खाना घर में अच्छी तरह से पका कर खाएं। डॉक्टर की सलाह पर गौर करें और कुछ दिन के परहेज के बाद आपको आराम महसूस होगा।

उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हम आशा करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से फूड प्वाइजनिंग के लक्षण और उससे जुड़ी  जरूरी जानकारी मिली होंगी। फूड प्वाइजनिंग की समस्या होने पर आप घर पर ही इलाज न करें। कई बार परिस्थियां अधिक बिगड़ सकती हैं। बेहतर होगा कि अपने डॉक्टर से जांच कराएं और उनकी सलाह मानें। अगर आप कोई घरेलू उपाय अपनाना चाहती हैं तो इस बारे में डॉक्टर से भी जानकारी लें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं। 

[embed-health-tool-bmr]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Food Poisoning Symptoms https://www.cdc.gov/foodsafety/symptoms.html / Accessed on 24/1/2020

Food poisoning familydoctor.org/condition/food-poisoning/ Accessed on 24/1/2020

food poisoning https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/food-poisoning/symptoms-causes/syc-20356230 Accessed on 24/1/2020

Food poisoning: Risk factors. mayoclinic.org/diseases-conditions/food-poisoning/basics/risk-factors/con-20031705 Accessed on 24/1/2020

Eating, diet & nutrition for food poisoning niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/food-poisoning/eating-diet-nutrition Accessed on 24/1/2020

Current Version

28/09/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


संबंधित पोस्ट

अगर बार-बार बीमार पड़ता है आपका बच्चा, तो गट हेल्थ पर देना होगा ध्यान

क्या एंटीबायोटिक्स कर सकती हैं गट बैक्टीरिया को प्रभावित?


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/09/2020

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement