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बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : फायदे हैं तो नुकसान भी जान लें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Piyush Journalist द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/11/2023

    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : फायदे हैं तो नुकसान भी जान लें

    हाई ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन पर लोग बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन यह काफी गंभीर बीमारी है। इसे साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। इसके व्यापक होने पर पीड़ित को हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज व पैरालाइसिस जैसी बीमारियां होने की आशंका रहती है। ऐसे में हायपरटेंशन की दवा का सेवन जरूरी है। हालांकि, बीपी की गोली के साइड इफेक्ट भी होते हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।

    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट

    ब्लड प्रेशर के लिए बाजार में कई दवाएं हैं। डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखते हुए हायपरटेंशन के लिए दवा की सिफारिश करते हैं। ये जरूरी नहीं कि हर डॉक्टर एक ही दवाई लिखे। ये दवाइयां बेशक आपको हाई बल्ड प्रेशर से राहत दिलाती हैं, लेकिन बीपी की गोली के साइड इफेक्ट भी होते हैं। इन साइड इफेक्ट्स के बारे में शायद ही आप जानते होंगे। आइए जानते हैं कि बाजार में हायपरटेंशन की दवा कौन-कौन सी हैं और इनके साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers)

    अल्फा ब्लॉकर्स ब्लड चैनल (रक्त वाहिकाओं) में तंत्रिका आवेगों को कम करते हैं, जिससे रक्त अधिक आसानी से प्रवाहित होता है। इस दवा से सुबह उठने पर चक्कर आना, कमजोरी व दिल तेजी से धड़कने जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

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    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : अल्फा-2 रिसेप्टर एगोनिस्ट (ALPHA-2 RECEPTOR AGONIST)

    मिथाइल्डोपा जिसे पहले एल्डोमेट ब्रांड के तहत जाना जाता था। यह हायपरटेंशन की दवा में सबसे पुरानी दवाओं में गिनी जाती है। इसे पहली बार करीब 50 साल पहले बाजार में उतारा गया था। मिथाइल्डोपा केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है। हालांकि पिछले कुछ साल में इसके सामान्य उपयोग में गिरावट आई है। मिथाइल्डोपा को गर्भावस्था के दौरान होने वाले हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। अगर बीपी की गोली के साइड इफेक्ट की बात करें तो इससे चक्कर आना, सिर दर्द, सुस्ती, नाक भरना, वजन बढ़ना, जोड़ों में दर्द या सूजन, मांसपेशियों में दर्द, ड्राय मुंह, उल्टी, पेट दर्द, कब्ज, दस्त व सूजन भी शामिल हैं।

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    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : डाइयुरेटिक्स (Diuretics)

    डाइयुरेटिक्स हायपरटेंशन की दवा में महत्वपूर्ण है। इसे पानी की गोलियों के नाम से भी जाना जाता है। यह दवाई पेशाब के जरिए आपके शरीर से अतिरिक्त पानी और नमक को बाहर निकालती है। इनका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स परेशानी का कारण बनते हैं। इस दवाई से खड़े होने पर चक्कर आना, प्यास अधिक लगना, बार-बार पेशाब आना जैसे दुष्प्रभाव होते हैं। इसके अलावा लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से शरीर में पोटेशियम और सोडियम की मात्रा भी कम होती है।

    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : एसीई इनहिबिटर्स (ACE Inhibitors)

    एंजियोटेनसिन कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) अवरोधक आपके रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाकर ब्लड प्रेशर को कम करता है। अगर इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स की बात करें, तो इससे सूखी खांसी, सोने में दिक्कत, थकान महसूस करना, चक्कर आना व सिरदर्द जैसी समस्या होती है।

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     ब्लॉकर्स (Beta Blockers)

    बीटा ब्लॉकर्स दिल की धड़कन को कम बल के साथ धीमा करके ब्लड प्रेशर को कम कर सकते है। ये हाई ब्लड प्रेशर के लिए कभी लोकप्रिय उपचार हुआ करते थे, लेकिन मौजूदा समय में इनका उपयोग बहुत कम होता है। इन्हें तभी दिया जाता है जब अन्य दवाई काम नहीं करते हैं। इसकी वजह से पेट में खराबी, थकान महसूस होना, सिरदर्द, चक्कर आना, कब्ज, डायरिया व हाथ पैर ठंडे होने जैसे दुष्प्रभाव होते हैं।

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    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium Channel Blockers)

    कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करके ब्लड प्रेशर कम करते हैं। इस दवाई की वजह से सिरदर्द, टखनों में सूजन व कब्ज जैसी समस्या आम है।

    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : वैसोडायलेटर (Vasodilator)

    वैसोडायलेटर धमनी की दीवार की मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। आमतौर पर इन दवाओं का इस्तेमाल अकेले नहीं किया जाता है। मिनोक्सिडिल (लोनीटन) केवल गंभीर हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में ही उपयोग किया जाता है। हाइड्रालजाइन और मिनोक्सिडिल (लोनीटेन) वासोडिलेटर हैं। ऐसी बीपी की गोली के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

    बीपी की गोली के साइड इफेक्ट : एंजियोटेंसिन 2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin 2 Receptor Blockers)

    हार्मोन एंजियोटेंसिन रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण करता है, लेकिन अपना काम करने के लिए इसे बांधने के लिए जगह की आवश्यकता होती है। यहीं पर एंजियोटेनसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स की जरूरत पड़ती है। ये एंजियोटेंसिन को रक्त वाहिकाओं पर रिसेप्टर्स को बांधने से रोकते हैं और इससे हाई ब्लड प्रेशर को स्लो करने में मदद मिलती है। एसी बीपी की गोली के साइड इफेक्ट से गले में खरास, साइनस की समस्या, असंतोष, चक्कर, दस्त व पीठ में दर्द जैसे दुष्प्रभाव सामने आते हैं।

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    रेनिन इन्हिबिटर्स (Renin Inhibitors)

    हाई ब्लड प्रेशर की दवा का यह नया वर्ग रक्त वाहिकाओं को कसने वाले रसायनों को कम करने का काम करता है। यह दवाई अकेले या किसी अन्य दवाई के साथ संयोजन में इस्तेमाल की जा सकती है। इसके सेवन से खांसी, दस्त, पेट में दर्द, लाल चकते व असंतोष जैसे दुष्प्रभाव सामने आते हैं।

    पेरिफेरल एड्रीनर्जिक इन्हिबिटर्स (Peripheral Adrenergic Inhibitors)

    इस तरह की दवाई मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को अवरुद्ध करती है, इसलिए संकुचित करने का संदेश मांसपेशियों तक आसानी से नहीं पहुंचता है। हाई ब्लड प्रेशर की दवाईयों की तुलना में ये दवाई बहुत कम इस्तेमाल की जाती है। इस दवाई के साइड इफेक्ट्स में दस्त, सुबह उठने पर चक्कर आना, कमजोरी, नाक का भरना व असंतोष के रूप में सामने आते हैं।

    सेंट्रल एगोनिस्ट (Central Agonists)

    ये दवाई तंत्रिका आवेगों को नियंत्रित करने के साथ ही रक्त वाहिकाओं को आराम देती है। इसकी वजह से एनीमिया, कब्ज, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, सुस्ती, मूंह सूखना व बुखार जैसे दुष्प्रभाव होते हैं।

    हाय ब्लड प्रेशर को नियमित रखने के अन्य तरीके

    हाय ब्लड प्रेशर को जीवनशैली में बदलाव करके कंट्रोल में किया जा सकता है। अगर आप दवा का उपयोग भी कर रहे हैं तब भी आपको नीचे बताए जा रहे उपायों को अपनाना चाहिए ताकि दवा का पूरी तरह असर हो।

  • हेल्दी डायट फॉलो करें। जिसमें हरी सब्जियों और फलों का समावेश हो।
  • ऑयली और फैटी फूड्स का सेवन न करें या फिर कम से कम करें। ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करते हैं, जो आगे जाकर हायपरटेंशन का कारण बनता है।
  • नियमित एक्सरसाइज करें। इससे वजन कंट्रोल में रहता है। बता दें कि मोटापा हार्ट डिजीज का कारण बनता है।
  • तनाव और चिंता से दूरी बनाए रखें। ये भी हार्ट हेल्थ पर बुरा असर डालते हैं।
  • हाई ब्लड प्रेशर है खतरनाक

    हाई ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन पर लोग बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन यह काफी गंभीर बीमारी है। इससे पीड़ित को हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हैमरेज व पैरालाइसिस जैसी बीमारियां होने की आशंका रहती है। ऐसे में हायपरटेंशन के लिए दवा का सेवन जरूरी है। इसलिए नियमित रूप से हायपरटेंशन की दवा लें ताकि किसी भी अनहोनी से आप बचे रहें। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

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