आजकल की खराब लाइफस्टाइल की वजह से ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन की समस्या आम हो गई है। यूथ से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई अलग-अलग वजह से हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में आ रहे हैं। इसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक व कई अन्य शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में इस बीमारी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हाइपरटेंशन की दवा का समय बहुत मायने रखता है।
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी दवा को सही समय पर लेना भूल जाते हैं तो कई लोगो को पता ही नहीं होता कि दवा को लेने का सही समय क्या है? कई लोग रात के समय दवा को लेना बेहतर मानते हैं तो कई सुबह उठते ही उसका सेवन करते हैं। हालांकि, किसी को भी यह नहीं पता होता कि कौन सा समय उनके स्वास्थ्य के अनुसार बेहतर है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि हाइपरटेंशन की दवा का समय क्या सही है और क्या गलत? क्योंकि दवा को गलत समय पर लेने से भी उसके प्रभाव, इलाज की प्रकिया व दुष्प्रभावों की आशंका में फर्क पड़ सकता है।
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हाइपरटेंशन की दवा लेने का सही समय क्या है और इसपर लोग ध्यान क्यों नहीं देते?
ब्लड प्रेशर दैनिक लय का पालन करता है, ऐसे में हाइपरटेंशन में दवा का समय महत्वपूर्ण है। ब्लड प्रेशर दिन में अधिक बढ़ जाता है और रात को सोते समय गिर जाता है। क्योंकि ब्लड प्रेशर दिन में अधिक होता है, इसलिए अधिकतर लोग दिन में ही दवा लेना पसंद करते हैं। उन्हें ये लगता है कि सुबह की दवाओं को याद रखना आसान है। इसके अलावा कई दवाओं से पेशाब भी ज्यादा होती है, इसलिए लोग दवा दिन में ही खाना पसंद करते हैं ताकि उन्हें रात में पेशाब के लिए बार-बार न उठना पड़े।
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हाइपरटेंशन की दवा का समय क्यों महत्वपूर्ण है?
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध बताता है कि ब्लड प्रेशर की दवा दिन में लेने की जगह रात में सोते वक्त लेना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 6 साल से हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित 19,084 रोगियों को शामिल किया। इन्हें दो कैटिगरी में बांटा गया था। पहली कैटिगरी उन लोगों की थी जिनकी हाइपरटेंशन की दवा का समय सुबह था, जबकि दूसरी कैटिगरी में शामिल लोग रात को सोते समय दवा लेते थे। रिसर्च में पाया गया कि सोते समय दवाई लेने वालों को ज्यादा फायदा पहुंचा है क्योंकि रात में उनका ब्लड प्रेशर बहुत बेहतर था। इन लोगों में दिल और रक्त वाहिका रोग के कारण बीमार पड़ने व मौत का खतरा भी कम देखा गया।
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हाइपरटेंशन की दवा का समय रात को फायदेमंद क्यों माना जाता है?
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि कुछ सर्वे में यह साफ हो चुका है कि हाइपरटेंशन की दवा का समय रात ही सबसे बेहतर है। रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में कार्डियोलॉजी के प्रमुख और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. किम विलियम्स के अनुसार, उन्हें लगता है कि जल्द ही सभी डॉक्टर मरीजों को ये सिफारिश करने लगेंगे कि वे ब्लड प्रेशर की दवाई रात को ही लें। हालांकि उनका कहना है कि इस पर अभी अन्य केंद्रों से भी अधिक डेटा आने की जरूरत है।
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वहीं हॉफस्ट्रा/नॉर्थवेल में जुकर स्कूल ऑफ मेडिसिन में कार्डियोलॉजी के सहायक प्रफेसर डॉ. सतजीत भुसरी का कहना है कि बीपी के सभी मरीजों पर रात के समय दवा लेने की सिफारिश नहीं की जा सकती। इस तरह की सिफारिश से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए। जैसे ब्लड प्रेशर का स्विंग कितना बड़ा है, मरीज लगातार व नियमित रूप से दवाई ले रहा है या नहीं, कौन सी अन्य दवाएं मरीज ले रहा है।
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हैलो स्वास्थ्य से बातचीत में गाजियाबाद के फिजिशियन डॉ अश्विनी कंसल ने बताया कि रात में दवा लेना बीपी के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। कंसल ने कहा कि रात में हाइपरटेंशन की दवा लेना हाई बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के मरीज, बुजुर्गों, डायबिटीक व क्रोनिक किडनी रोग के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है।
हाइपरटेंशन की दवा का समय ध्यान में रखने के साथ इन बातों पर भी ध्यान दें
ब्लड प्रेशर के निदान के लिए दवाई जरूरी है, लेकिन दवाई तभी लेनी चाहिए जब स्थिति वाकई कंट्रोल से बाहर हो। आइए जानते हैं कि किस स्थिति में आपको बीपी की दवाई लेनी चाहिए और किस में नहीं?
- अगर आपका ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg से 129/80 mmHg है, तो बेशक यह अधिक है पर चिंताजनक नहीं है। इसको लाइफस्टाइल में सुधार करके सुधारा जा सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर दवाई की सिफारिश नहीं करते हैं।
- यदि आपका बल्ड प्रेशर 130/80 mmHg से अधिक या 140/90 mmHg से कम है तो यह हाई ब्लड प्रेशर का पहला स्टेज है। इस स्थिति में अगर आपको कोई अन्य बीमारी या खतरा नहीं है तो डॉक्टर पहले लाइफस्टाइल में बदलाव के लिए कहेंगे और कुछ दिन बाद रिव्यू करेंगे। अगर इसके बाद भी ब्लड प्रेशर उसी स्थिति में रहता है और आपको कोई अन्य बीमारी है तो डॉक्टर दवाई के लिए सिफारिश करेंगे। ऐसी स्थिति में आपको दवाई जरूर खानी चाहिए।
- अगर आपका ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg के बराबर या अधिक है तो यह सेकंड स्टेज में है। इस स्थिति में आपको डॉक्टर को दिखाकर फौरन दवाईयां खानी चाहिएं।
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हाइपरटेंशन की दवा का समय के साथ सतर्कता और दवाई का सेवन है जरूरी
ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए सतर्कता और दवाई का सेवन जरूरी है। अगर आपका ब्लड प्रेशर सेकंड स्टेज पर है और डॉक्टर ने दवाईयां लिखी हैं तो उन्हें चाहे दिन में खाएं या रात में, लेकिन खाना न भूलें। कई लोग दवा खाना छोड़ देते हैं जो गलत है। दवाई मिस करने से आपको कई तरह की दिक्कत हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, दवा छोड़ने पर अगर बीपी ज्यादा बढ़ जाए तो यह ब्रेन हैमरेज के अलावा दिल, किडनी, आंखों व शरीर के कुछ महत्वपूर्ण अंग को प्रभावित कर सकता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में हर साल करीब 2.6 लाख लोग हाई ब्लड प्रेशर की वजह से मर जाते हैं।
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बीपी कंट्रोल करने के लिए इन उपायों पर भी कर सकते हैं अमल
- फल और हरी सब्जियां नियमित रूप से खाएं।
- तनाव कम करने के लिए योग कर सकते हैं।
- ब्लड प्रेशर पर नियमित रूप से नजर रखें, समय-समय पर मापते रहें कि ब्लड प्रेशर कितना है। अधिक बीपी होने पर डॉक्टर से मिलकर दवाई लें।
- लंबाई के हिसाब से अपना सही वजन बनाए रखें
- इस बात का ध्यान रखें कि रोजना सोडियम का सेवन 5 ग्राम से कम ही हो।
- रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करते रहें। इससे शरीर खुलेगा।
आजकल ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन की समस्या आम है। यूथ से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई अलग-अलग वजहों से ब्लड प्रेशर की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस बीमारी में दवाई का बहुत महत्व है, लेकिन हाइपरटेंशन की दवा का समय भी बहुत मायने रखता है।
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