टिनिया वेर्सिकोलोर का निदान कैसे किया जाता है?
अगर डॉक्टर को संदेह है कि आप इस स्थिति का अनुभव कर रहें हैं, तो एक बॉडी चेकप की जाएगीन और कुछ प्रक्रिया अपना कर टिनिया वेर्सिकोलोर का पता लगा सकते हैं। माइक्रोस्कोप की मदद से सेल्स की जांच की जाती है और यीस्ट का पता लगाया जा सकता है। बीओप्सी या टिसू की जांच की जा सकती है। इससे स्थिति को समझना आसान हो जाता है। वुड्स लैंप की मदद से भी स्किन की जांच की जा सकती है। इसमें अल्ट्रावायोलेट किरणे होती हैं, जो यीस्ट होने पर स्किन का कलर पीला या हरा दिखाता है।
और पढ़ें : सुंदर त्वचा और गोरेपन के लिए अपना सकते हैं ये स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट्स
टिनिया वेर्सिकोलोर का इलाज कैसे किया जाता है?
आपकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर इलाज शुरू करेंगे।
वैसे समस्या कम होने पर डॉक्टर आपको घर पर ही इसे कैसे ठीक किया जाए यह बता सकते हैं। इंफेक्शन से बचने के लिए ओटीसी एंटीफंगल क्रीम, शैम्पू या इंफेक्शन से बचने के लिए कोई और सुझाव आपको दी जा सकती है।
अगर परेशानी ज्यादा है तो डॉक्टर आपको क्रीम लगाने की सलाह दे सकते हैं, जिसका इस्तेमाल स्किन पर किया जाता है। डॉक्टर आपको दवा भी दे सकते हैं।
और पढ़ें : स्किन पॉलिशिंग के बारे में क्या नहीं जानते आप? इससे ऐसे त्वचा निखारें
टिनिया वेर्सिकोलोर होने पर जीवनशैली में क्या बदलाव करें और घरेलू नुस्खे क्या हैं जिससे इस परेशानी से बचा जा सकता है?
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको टिनिया वेर्सिकोलोर से निपटने में मदद कर सकते हैं: