बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंगों से बचें
डॉ. प्रताप चौहान ने कहा कि, आजकल बाजार में मिलने वाले ज्यादातर रंगों में रसायन होता है और वह स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित होते हैं। ये रंग त्वचा पर रैशेस पैदा कर सकते हैं। आयुर्वेदिक तरीके से होली खेलने के लिए जरूरी है कि, आप होली खेलने से एक दिन पहले पूरे शरीर पर सरसों का तेल लगा लें। इससे आपकी त्वचा सुरक्षित रहेगी और होली खेलने के बाद आप आसानी से रंगों को धोकर हटा सकते हैं। आप काफी मात्रा में नारियल तेल भी लगा सकते हैं। ये सुरक्षा एजेंट के रूप में कार्य करते हैं और रंगों को जड़ों में गहराई तक घुसने से रोकते हैं।
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आयुर्वेदिक तरीके से होली : त्वचा पर चकत्ते होने पर क्या करें?

यदि, आपकी या किसी की त्वचा पर चकत्ते हैं, तो जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने इसके लिए बताया कि, इस समस्या से प्रभावित लोग अपने शरीर के प्रभावित हिस्से पर मुल्तानी मिट्टी लगा सकते हैं। एक और अच्छा घरेलू उपाय यह है कि गुलाब जल में बेसन, खाने के तेल और दूध की मलाई मिलाकर पेस्ट बना लें। चकत्ते का इलाज करने के लिए उस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
त्वचा के साथ पेट की सेहत का भी रखें ध्यान
आयुर्वेदिक तरीके से होली खेलने के साथ ही आपको अपने पेट की सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि, डॉ. चौहान के मुताबिक, होली के दिन लोग काफी मात्रा में स्नैक्स और मिठाइयां खाते हैं। इससे कब्ज व पेट की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, आप अपनी त्वचा का ध्यान रखने के साथ अपने पेट की सेहत का भी ध्यान रखें। सब्जियों एवं फलों से भरपूर खाना बदलते मौसम के लिहाज से बेहतर है। इसके अलावा, अपने आप को हाइड्रेटेड भी रखना जरूरी है। इसके लिए खूब पानी पीएं। लोगों को जितना अहसास होता है, उससे कहीं अधिक तेजी से वसंत की धूप और हवा में मौजूद सूखापन नमी को सोख लेता है। अपने पास छोटा-सा सीपर रखें और समय-समय पर एक-एक, दो-दो घूंट पानी पीते रहें।
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कौन-से रंग में कौन-सा केमिकल होता है और उसका नुकसान?