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World Toilet Day: टॉयलेट हाइजीन के लिए अपनाएं ये टिप्स

World Toilet Day: टॉयलेट हाइजीन के लिए अपनाएं ये टिप्स

हर साल 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे (World Toilet Day) मनाया जाता है। दुनिया भर में सेनिटेशन की दिक्कत को दूर किया जा सके और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (SDG) 6 के लक्ष्य को पाया जा सके वर्ल्ड टॉयलेट डे को इस उद्देश से मनाया जाता है। इस साल वर्ल्ड टॉयलेट डे की थीम भी लीवींग नो वन बिहाइंड (Leaving no one behind) है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में 4.2 बिलियन लोगों के पास अब भी शौचालय की सुविधा नहीं है। वहीं सेनिटेशन की सही व्यवस्था न होने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी होती हैं। इसके अलावा टॉयलेट हाइजीन भी दुनिया के सामने एक बड़ी समस्या है।

हानिकारक सूक्ष्म जीवों के लिए टॉयलेट एक हॉटस्पॉट है। वे फर्श, नल, टॉयलेट सीट, दरवाजों, हेण्डल्स, वॉश बेसिन्स आदि जगहों पर हो सकते हैं। गंदा और अस्वच्छ टॉयलेट विभिन्न संक्रमणों जैसे टायफाइड, कॉलेरा, हेपेटाईटिस एवं पेरासाईट इन्फेक्शन सहित अन्य नुकसानदेह बीमारियों का स्त्रोत बनता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए टॉयलेट हाइजीन भी आवश्यक है।

टॉयलेट हाइजीन के तहत घर में टॉयलेट रेगुलर पानी के इस्तेमाल के कारण एक नमी वाली जगह होती है। ऐसी जगह पर ज्यादा मात्रा कीटाणुओं और जीवाणु पनपते हैं। ई-कोलाई (E-coli), साल्मोनेला (Salmonella) जैसे बैक्टीरिया भी बाथरूम में पाए जाते हैं। ये बैक्टीरिया टॉयलेट सीट, फर्श, फ्लश और डोर हैंडल पर मौजूद होते हैं। शौचालय में बैक्टीरिया कार्बनिक कचरे को अवशोषित करते हैं और गैसों को छोड़ते हैं यही कारण है कि हमें शौचालय में एक गंदी गंध आती है। ऐसे में टॉयलेट हाइजीन की खास जरूरत होती है।

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टॉयलेट हाइजीन के लिए जरूरी टिप्स हैं:

फर्श को साफ करें और किसी भी कूड़े को उठाएं:

टॉयलेट हाइजीन के तहत जब फर्श को साफ करते हैं, तो बाथरूम के एक कोने में शुरू करें और एक ही जगह की ओर स्ट्रोक में करते हुए गंदगी को बाहर करें। कचरा इकट्ठा करें और कूड़ेदान में डालें।

सभी ज्यादा छुएं जाने वाले जगहों को कीटाणुरहित करें:

टॉयलेट फ्लश हैंडल, डोर नॉब्स, नल, पेपर टॉवल डिस्पेंसर, स्टॉल लॉक, लाइट स्विच और दीवार आदि को कीटाणुनाशक से साफ करें। फिनाइल और अन्य कीटनाशकों को कीटाणुओं और जीवाणुओं को खत्म करने के लिए सतह पर डालकर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। फर्श, बेसबोर्ड, टाइल्स, ग्राउट और विशेष रूप से शौचालय के आसपास के क्षेत्रों की सफाई पर खास ध्यान दें।

मिरर और लाइट्स को साफ करें:

एक टिशू पेपर से मिरर को साफ करें। लाइट्स, वेंट, नल, पंखे और लाइट स्विच से धूल और कीटाणुओं को साफ करें।

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फ्लश करने से पहले ढक्कन को बंद करें:

हर बार जब आप टॉयलेट को फ्लश करते हैं, तो बैक्टीरिया हवा में प्रक्षेपित हो जाते हैं और फिर आस-पास की सभी सतहों पर पहुंच जाते हैं। इसलिए टॉयलेट को फ्लश करते समय ध्यान रहें कि टॉयलेट का ढक्कन नीचे हो। ऐसा करने से शौचालय में बैक्टीरिया के फैलने में कमी आएगी।

टॉयलेट ब्रश को साफ करें:

टॉयलेट ब्रश को साफ करना भी याद रखें। हर इस्तेमाल के बाद इसे साफ न करने पर यह बैक्टीरिया को फैला सकता है। टॉयलेट ब्रश को किटाणुनाशक से साफ करें। साथ ही टॉयलेट ब्रश को हर छह महीने में एक बार बदलना चाहिए।

टॉयलेट के वेंटिलेशन का रखें ध्यान:

कमरे में आर्द्रता के स्तर को कम करने के लिए शौचालय को हवा आने दें और इसकी भी जांच करें कि वेंटिलेशन सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं। फर्श को पूरी तरह से सूखने दें। ऐसा करने का सबसे तेज तरीका सूखे पोछे का उपयोग करना है, जो किसी भी लिक्विड के फ्लोर से साफ करने में मदद कर सकता है। इससे फिसलकर गिरने का जोखिम भी कम होता है।

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टॉयलेट सीट सेनिटाइज करें:

टॉयलेट हाइजीन के तहत बैक्टीरिया को फैलने से रोकने के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए कीटाणुनाशक से टॉयलेट सीट को साफ करें। अगर आपके घर में बच्चे हैं, तो उनकी टॉयलेट सीट के लिए भी इसी तरीके को अपनाएं। टॉयलेट सीट सेनिटाइजर स्प्रे जैसे उत्पादों का उपयोग करें, जो हानिकारक कीटाणुओं और जीवाणुओं को हटाते हैं।

अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करें

टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। फ्लश नॉब और टैप्स पर काफी मात्रा में बैक्टीरिया का पाए जाते हैं। ये रोगाणुओं के आपके संपर्क में आने के आदर्श स्थान हैं क्योंकि वे यहां से हमारे हाथों के सीधे संपर्क में आते हैं। हर बार शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथों को साबुन या हैंडवॉश से अच्छी तरह धोएं।

टॉयलेट में यूज न करें मोबाइल 

टॉयलेट हाइजीन को समझते हुए यह भी जान लें कि टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल न करें। एक अध्ययन के अनुसार आमतौर पर लगभाग 75 फीसदी लोग टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। वहीं एक दूसरे अध्ययन के अनुसार आपका मोबाइल एक टॉयलेट सीट से ज्यादा गंदा होता है। ऐसे में टॉयलेट में मोबाइल को ले जाने पर वह और अधिक बैक्टीरिया के संपर्क में आता है। इसके अलावा मोबाइल का इस्तेमाल आज हम अपने दिन के हर कार्य में करते हैं। ऐसे में यह आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

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टॉयलेट हाइजीन में टॉयलेट एरिया को साफ रखने के साथ ही अन्य स्वास्थ्यकर आदतें भी शामिल होती हैं, जैसे की हाथ धोना। यहां टॉयलेट हाइजीन के लिए उपयोगी कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिनसे इन्फेक्शन ट्रांसमिशन का खतरा कम होता है।

– टॉयलेट के उपयोग के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी की सहायता से अच्छे से साफ करें।

– नल, दरवाजों, हेण्डल्स, टॉयलेट सीट्स आदि को सीधे हाथ लगाने से बचें, इसके लिए आप टिशु या टॉयलेट पेपर का उपयोग कर सकते हैं।

टॉयलेट फ्लश हेण्डल, डॉर हेण्डल, नल, लाईट स्विच, टॉयलेट सीट्स आदि को कीटाणुनाशक का उपयोग कर साफ करें।

– किसी भी प्रकार के कूड़े को डस्टबिन में ही डालें।

– सुनिश्चित करें कि शौचालय में हवा आती रहे।

– मजबूत कीटाणुरोधी क्षमता वाले अच्छी क्वालिटी के क्लिनिंग प्रोडक्ट्स से नियमित रूप से टॉयलेट की सफाई करें, ताकि सूक्ष्म जीवाणु और दाग साफ हो जाएं।

– टॉयलेट फ्लोर पर अपने बेग या फोन न रखें, खासकर सार्वजनिक शौचालयों में।

इस तरह टॉयलेट हाइजीन के दौरान कुछ टिप्स का इस्तेमाल करने से हम खुद को और परिवार के बाकी सदस्यों को स्वस्थ रख सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Accessed on 13/12/2019

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6902477/

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4646757/

https://www.cdc.gov/healthywater/global/sanitation/toilets.html

https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/10248923/

https://sanitationfirst.org/

Current Version

20/05/2021

Written by डॉ. के.के अग्रवाल

Updated by: Toshini Rathod


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Written by

डॉ. के.के अग्रवाल

फैमिली मेडिसिन · Moolchand Medcity


अपडेटेड 20/05/2021

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