सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार हार्ट डिजीज उन बीमारियों में से हैं, जो न केवल गंभीर है, बल्कि दिनोंदिन सामान्य भी होती जा रही हैं। हार्ट डिजीज में कई हार्ट कंडिशंस शामिल हैं। जिनमें सबसे सामान्य है कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) जो हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। इन हार्ट डिजीज में एक को कार्डियोमायोपैथी के नाम से भी जाना जाता है। हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करने के लिए दवाईयों, थेरेपीज और जीवनशैली में बदलाव आदि की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) भी इसके लाभदायक साबित हो सकती हैं। आइए, जानें कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) के बारे में विस्तार से। इससे पहले कार्डियोमायोपैथी के बारे में थोड़ी अधिक जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
कार्डियोमायोपैथी क्या है? (Cardiomyopathy)
कार्डियोमायोपैथी हार्ट मसल्स से संबंधित एक डिजीज है। इसके कारण हमारा हार्ट शरीर के अन्य अंगों तक ब्लड पंप नहीं कर पाता। इसके कारण हार्ट फेलियर जैसी समस्या हो सकती है। इसके मुख्य प्रकारों में डायलेटेड (Dilated), हायपरट्रॉफिक (Hypertrophic) और रेस्ट्रिक्टिव (Restrictive) कार्डियोमायोपथी शामिल है। इस समस्या के शुरुआती स्टेज में कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। लेकिन, अगर कंडिशन एडवांस हो जाए, तो इसके कुछ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं, जैसे:
- सांस लेने में समस्या (Breathlessness)
- टांगों, एड़ियों और पैरो में सूजन (Swelling)
- फ्लूइड बिल्ड-अप के कारण पेट में ब्लोटिंग (Bloating)
- लेटे हुए खांसी होना (Cough while lying down)
- थकावट (Fatigue)
- हार्टबीट का तेज या असामान्य होना (Heartbeats Problems)
- छाती में प्रेशर या डिस्कंफर्ट (Chest discomfort or pressure)
- चक्कर आना और बेहोशी (Dizziness and fainting)
अगर इस समस्या का सही उपचार न किया जाए, तो इसके लक्षण बदतर हो सकते हैं। इस समस्या के लक्षणों से राहत पाने के लिए कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। आइए, जानें इसके बारे में विस्तार से।
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कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies)
कार्डियोमायोपैथी के रोगी अगर अपनी डायट और व्यायाम में बदलाव करते हैं, तो न केवल उनके जीवन की गुणवत्ता बढ़ती है बल्कि लक्षणों से भी छुटकारा मिलता है। ऐसे ही, हार्ट स्पेशलिस्ट हार्ट फेलियर (Heart failure) के प्रकार और कारण के अनुसार रोगी को कुछ खास स्टेप्स लेने की सलाह देते हैं, ताकि हार्ट हेल्दी लाइफस्टाइल में मदद मिल सके। यह कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) इस प्रकार हैं:
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हार्ट हेल्दी डायट का सेवन करें (Eat Healthfully)
अपनी हार्ट हेल्थ को सुधारने में मदद करने के लिए आपको अपने आहार में फलों, सब्जियों और साबुत अनाज आदि को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही आप लीन मीट्स और फिश का सेवन भी कर सकते हैं। इसके अलावा इन चीजों का ध्यान रखना भी जरूरी है:
- फ्लूइड के बिल्ड-अप के कारण टांगों में होने वाली सूजन को कम करने के लिए अपने आहार में नमक यानि सोडियम की मात्रा को कम रखना भी जरूरी है।
- अधिक चीनी और मीठी चीजों को भी नजरअंदाज करें।
- हार्ट इशूज से पीड़ित लोगों को कैफीन को भी कम मात्रा में लेना चाहिए। क्योंकि, इससे कई समस्याएं हो सकती हैं।
- चाय और कॉफी, एनर्जी ड्रिंक्स, स्वीटेनेड कॉफी ड्रिंक्स और अधिक मात्रा में चॉकलेट का सेवन करने से भी बचें।
- कार्डियोमायोपैथी से पीड़ित लोग भूख में कमी, जी मिचलाना, स्टमक ब्लोटिंग और दर्द आदि का अनुभव भी कर सकते हैं। ऐसे में, रोगी को बड़ी मात्रा में, हैवी, मिर्च-मसालेदार, तला-भुला आहार को खाने से बचना चाहिए ताकि पेट के दर्द को बदतर होने से बचाया जा सके।
कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) में सही आहार का सेवन बेहद महत्वपूर्ण है। आपके लिए कैसा आहार सही रहेगा, इसमें डॉक्टर और डायटीशियन भी आपकी मदद कर सकते हैं।
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एक्टिव रहें (Stay Active)
व्यायाम करना न केवल हेल्थ डिजीज बल्कि संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में मददगार है। कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेलियर (Heart failure) के अधिकतर मरीजों के लिए लाइट एक्सरसाइज करना आवश्यक है। ताकि, इसके लक्षणों को मैनेज करने में मदद मिल सके। समय के साथ इससे हार्ट रेट (Heart rate) और ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को कम किया जा सकता है। आपके लिए कौन सा व्यायाम करना चाहिए, इसमें डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। वो आपको वॉकिंग, जॉगिंग, साइकिलिंग आदि की सलाह दे सकते हैं। किसी भी एक्सरसाइज प्रोग्राम को शुरू करने से पहले अपने फिजिशियन से कंसल्ट करने महत्वपूर्ण है।
कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज में ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करें (Monitor Blood Pressure)
हायपरटेंशन या हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure), हार्ट फेलियर (Heart failure) के लक्षणों को बदतर बना सकता है। ऐसे में हेल्दी ब्लड प्रेशर को मेंटेन रखना बेहद जरूरी है। अपने ब्लड प्रेशर को नियमित रूप से चेक करना भी जरूरी है। अगर आपके ब्लड प्रेशर (Blood pressure) में कोई भी समस्या होती है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज में वजन को सही रखें (Maintain right Weight)
डॉक्टर हार्ट फेलियर (Heart failure) लोगों को अपने वजन को सही बनाए रखने की सलाह देते हैं। वजन में बदलाव इस चीज का संकेत है कि आपका शरीर अत्यधिक फ्लूइड को रिटेन कर रहा है। जो इस बात का एक लक्षण है कि आपके हार्ट फेलियर के लक्षण बदतर हो रहे हैं। अगर आपके वजन में अचानक बदलाव हो रहा हो, तो अपने डॉक्टर से अवश्य बात करें और वेट मैनेजमेंट के लिए उनकी मदद लें। मोटापे से कार्डियोमायोपैथी और हार्ट फेलियर (Heart failure) का खतरा बढ़ सकता है।
कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज: डायबिटीज को कंट्रोल में रखें (Control Diabetes)
अगर आपको डायबिटीज हैं और आपको हार्ट कंडिशंस के विकसित होने का जोखिम अधिक है। तो इस बात का ध्यान रखें कि आपकी डायबिटीज कंट्रोल में रहे। इसके लिए भी आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज में स्मोकिंग और एल्कोहॉल से बचें (Avoid smoking and Alcohol)
स्मोकिंग और तंबाकू का इस्तेमाल का पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसमें हार्ट (Heart), ब्लड वेसल्स (Blood vessels) और लंग्स (Lungs) आदि शामिल हैं। कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) में इस बात को बिलकुल न भूलें। इसके साथ ही एल्कोहॉल का सेवन करने से न केवल हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) बल्कि ओबेसिटी और डायबिटीज की समस्या भी बढ़ सकती है। ऐसे में हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों को सीमित मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करने को कहा जाता है।
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कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज: स्ट्रेस को मैनेज करें (Manage Stress)
अत्यधिक स्ट्रेस कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद जरूरी है। इसके लिए आप अपने खानपान का ध्यान रखें और व्यायाम करें। स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए पर्याप्त मात्रा में आराम करना भी जरूरी है। इस बारे में भी डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें। इसमें मेडिटेशन (Meditation), योगा (Yoga) और अन्य ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज (Breathing exercises) आदि भी मददगार साबित हो सकती हैं।
खास ओवर-द- काउंटर मेडिकेशन्स को लेने से बचें (Avoid Over-the-Counter Medications)
कुछ ओवर-द- काउंटर खांसी और कोल्ड मेडिकेशन्स में स्टीमुलेंट होते हैं, जो हार्ट संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती हैं। यही नहीं, नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs) जैसे आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) और नेप्रोक्सेन (Naproxen) से भी हार्ट फेलियर (Heart failure) की समस्या बदतर हो सकती है। इसलिए, कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्यक लें।
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यह तो थी कार्डियोमायोपैथी होम रेमेडीज (Cardiomyopathy Home Remedies) के बारे में जानकारी। कार्डियोमायोपैथी की स्थिति में बेहद जरूरी है, इसके लक्षणों को पहचानना और सही उपचार कराना। इसके लिए डॉक्टर दवाईयों और अन्य उपचारों की सलाह भी दे सकते हैं। यही नहीं, डॉक्टर से नियमित जांच कराना भी जरूरी है। अगर आपके दिमाग में इस समस्या के बारे में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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