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सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System) क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/04/2022

    सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System) क्या है?

    सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System)… ह्यूमन बॉडी अलग-अलग सिस्टम पर काम करती है जैसे डायजेस्टिव सिस्टम, नर्वस सिस्टम, रेस्पायरेटरी सिस्टम, रिप्रोडक्टिव सिस्टम के साथ-साथ कई अन्य सिस्टम। इन्हीं अलग-अलग सिस्टम में शामिल है सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System)। आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ सर्क्युलेटरी सिस्टम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहें हैं। 

    • सर्क्युलेटरी सिस्टम के अंतर्गत कौन-कौन से बॉडी पार्ट या ऑर्गन आते हैं?
    • पुअर सर्क्युलेटरी सिस्टम के लक्षण क्या हैं?
    • किन-किन कारणों से सर्क्युलेटरी सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है?
    • डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए?

    चलिए अब सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं। 

    और पढ़ें : Cardiovascular Health and Tea benefits: कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए चाय के फायदे के लिए ग्रीन टी या ब्लैक टी है बेहतर!

    सर्क्युलेटरी सिस्टम ( Circulatory System) के अंतर्गत कौन-कौन से बॉडी पार्ट या ऑर्गन आते हैं?

    सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System)

    सर्क्युलेटरी सिस्टम को कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (Cardiovascular system) भी कहा जाता है और इसके अंतर्गत निम्नलिखित ऑर्गन आते हैं। जैसे:

    1. हार्ट (Heart)
    2. आर्टरीज (Arteries)
    3. वेन्स (Veins)
    4. ब्लड (Blood) 

    सर्क्युलेटरी सिस्टम यानी परिसंचरण तंत्र दो तरह के होते हैं। जैसे: खुला परिसंचरण तंत्र (Open circulatory system) एवं बंद परिसंचरण तंत्र (Closed circulatory system)। कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (Cardiovascular system) के अंतर्गत आने वाले हार्ट, आर्टरीज, वेन्स एवं ब्लड को एक-एक कर समझते हैं।  

    1. हार्ट (Heart)- ह्यूमन हार्ट सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जो परिसंचरण प्रणाली (Circulatory System) के बीच में स्थित होता है। परिसंचरण प्रणाली यानी सर्क्युलेटरी सिस्टम ब्लड फ्लो में सहायक होता है। ब्लड ऑक्सिजन (Oxygen) एवं न्यूट्रिशन (Nutrition) को पूरे शरीर में प्रवाह का काम करने के साथ ही अवांछित कार्बनडायऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में भी मददगार है। 

    2. आर्टरीज (Arteries)- आर्टरीज जिसे हिंदी में धमनी कहते हैं। हार्ट से पूरे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन (Blood circulation) में आर्टरीज की मुख्य भूमिका होती है। 

    3. वेन्स (Veins)- बॉडी में वेन यानी नस पतली पाइप की तरह होती है। वेन हार्ट से डिऑक्सिजिनेटड ब्लड को ऑर्गन से हार्ट में वापस भेजना का काम करती है। 

    4. ब्लड (Blood)- ब्लड शरीर में लगातार न्यूट्रिशन (Nutrition), ऑक्सिजन (Oxygen) और वेस्ट रिमूवल (Waste removal) का काम करती है।  

    ये हैं इन चारों के अलग-अलग काम। अब चलिए जानते हैं कि पुअर सर्क्युलेटरी सिस्टम के लक्षण क्या हो सकते हैं।

    और पढ़ें : वैलव्युलर हार्ट डिजीज: दिल से जुड़ी इस बीमारी की पूरी जानकारी जानें यहां!

    पुअर सर्क्युलेटरी सिस्टम के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Poor Cardiovascular system)

    नैशनल सेंटर फॉर बॉयोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पुअर सर्क्युलेटरी सिस्टम के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे: 

    • सीने में दर्द  (Chest pain) महसूस होना। 
    • चक्कर (Dizziness) आना या बेहोश (Faint) होना। 
    • सांस लेने में तकलीफ (Shortness of breath) महसूस होना। 
    • कमजोरी (Weakness) महसूस होना।  
    • अंगों का सुन्न (Numbness in the limbs) होना। 
    • अंगों में सूजन (Swollen limbs) आना। 
    • हार्टबीट सामान्य से तेज या कम (Slow or rapid heartbeat) होना। 
    • हार्ट पल्पिटेशन (Heartbeat palpitations) महसूस होना। 
    • थकान (Fatigue) महसूस होना। 

    कभी-कभी सर्क्युलेटरी सिस्टम के लक्षण सर्क्युलेटरी कंडिशन पर भी निर्भर करते हैं। जैसे पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज (Peripheral arterial disease) होने पर निम्नलिखित लक्षण महसूस किये जा सकते हैं। 

    • चलने या आराम करने के दौरान पैरों में क्रैम्प (Leg cramp) महसूस होना। 
    • पैरों का ठंडा (Cold feet or legs) रहना। 
    • पैरों के रंग में बदलाव (Change of leg color) आना। 
    • पैरों के नाखून का रंग बदलना या जरूरत से ज्यादा मोटा (Change in toenail color or thickness) होना। 
    • पैरों से हेयर लॉस (Loss of hair on the legs and feet) होना।
    • पैरों में अल्सर (Ulcers) की समस्या होना और जल्द ठीक नहीं होना। 

    यहां ऊपर बताये गए लक्षण पुअर सर्क्युलेटरी सिस्टम के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए ऊपर बताये गए लक्षणों को इग्नोर ना करें सुर डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

    और पढ़ें : Diuretics in Cardiomyopathy: कार्डियोपैथी में डाइयुरेटिक्स के फायदे तो हैं, लेकिन इसके सीरियस साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं!

    किन-किन कारणों से सर्क्युलेटरी सिस्टम पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है? (Conditions that affect the circulatory system)

    सर्क्युलेटरी सिस्टम पर निम्नलिखित कारणों से बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जैसे:

    • पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज (Peripheral arterial disease)- पेरिफेरल आर्टिरियल डिजीज की समस्या होने पर आर्टरी से पैर तक ब्लड फ्लो में बाधा पहुंचती है। ऐसे आर्टरी में प्लाक (Plaque) जमा होने के कारण होता है।
    • अर्टेरिओस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis)- ब्लड वेसेल्स में जब प्लाक जमा होने के साथ ही वह कैल्सीफाइड और कठोर होने लगता है। कैल्सीफाइड की समस्या हाय ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हार्ट डैमेज और किडनी डैमेज की स्थिति पैदा कर सकती है।
    • हार्ट अटैक (Heart attack)- हार्ट अटैक की स्थिति में ब्लड फ्लो में बाधा पहुंचने लगती है, जो हार्ट मसल टिशू को खत्म कर सकती है। ऐसी स्थिति को मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (Myocardial infarction) भी कहते हैं।
    • एंजाइना (Angina)- जब हार्ट मसल्स में ब्लड की पूर्ति ठीक तरह से ना हो, तो ऐसी स्थिति में चेस्ट पेन, थकान, जी मिचलाना, सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है।
    • मिट्रल वॉल्व कंडिशन (Mitral valve conditions)- मिट्रल वॉल्व कंडिशन की स्थिति में ब्लड फ्लो अपोसिट हो जाती है। यह स्थिति काफी गंभीर होती है।
    • एरिथमिया और डिसरिथमिया (Arrhythmias or dysrhythmias)- एरिथमिया और डिसरिथमिया दोनों ही टर्म एब्नॉर्मल हार्ट रेट को दर्शाते हैं।
    • इस्कीमिया (Ischemia)- जब हार्ट में ब्लड फ्लो ठीक तरह से ना हो और मसल्स को ऑक्सिजन की पूर्ति ना हो, तो ऐसी स्थिति इस्कीमिया कहलाती है।

    ये ऊपर बताई गई स्थिति सर्क्युलेटरी सिस्टम को ठीक तरह से काम करने में रुकावट पैदा करती है। इसलिए किसी भी तरह की शारीरिक समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार सर्क्युलेटरी सिस्टम से जुड़ी समस्या में स्मोकिंग करना सबसे बड़ा कारण है। तंबाकू में जहरीले पदार्थ ब्लड वेसल्स को छोटा करने के साथ-साथ नुकसान भी पहुंचा सकते हैं, जिससे ब्लड क्लॉट होने का खतरा बढ़ जाता है और ब्लड सर्कुलेशन बिगड़ जाता है। इसलिए अगर आप इन बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो स्मोकिंग की लत से बचें और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें।

    और पढ़ें : Blood pressure and Heart attack: हार्ट अटैक में ब्लड प्रेशर कहीं किसी और गंभीर बीमारी का ना बन जाए कारण!

    डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए? (Consult Doctor if-)

    निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जैसे:

    • सीने में दर्द (Chest pain) महसूस होना।
    • बाहों, बाएं कंधे, कोहनी, जबड़े या पीठ में दर्द होना।
    • सांस लेने में कठिनाई (Breathing problem) होना।
    • मतली और थकान महसूस होना।
    • बार-बार चक्कर आना।
    • ठंड लगना और पसीना आना।

    अगर इनमें से कोई भी स्थिति महसूस होती है, तो देर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    और पढ़ें: हार्ट एरिदमियाज के इलाज में ब्लड थिनर्स का क्या है उपयोग? अगर मन में है ये सवाल, तो जरूर पढ़ें ये लेख

    उम्मीद करते हैं इस आर्टिकल में आपको सर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System) से जुड़ी जानकारी अच्छी लगी होगी। वहीं अगर आप हासर्क्युलेटरी सिस्टम (Circulatory System) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप शरीर से जुड़े किसी भी समस्या से पीड़ित हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करेंगे।

    स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। यहां हम आपके साथ योग के महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहें हैं, जिसकी मदद से आप अपने दिनचर्या में योग को शामिल कर सकते हैं। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।

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