कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक वैक्सी फैट सब्सटेंस है जो शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है। कोलेस्ट्रॉल का निमार्ण लिवर करता है और साथ ही यह कुछ फूड्स में भी पाया जाता है। जिनमें मीट और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं। बॉडी को अच्छी तरह काम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है, लेकिन अगर बच्चे का कोलेस्ट्रॉल हाय है (High cholesterol in children) तो उसे कोरोनरी आर्टरीज डिजीज और दूसरी हार्ट डिजीज (Heart Disease) होने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Children and cholesterol treatment) जरूरी है। इसे इग्नोर बिलकुल नहीं किया जाना चाहिए।
बच्चों में हाय कोलेस्ट्रॉल का क्या कारण है? (High Cholesterol Causes in Children)
बच्चों में हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) के तीन प्रमुख कारण हैं।
- अनहेल्दी डायट जिसमें फैट की मात्रा ज्यादा हो
- हाय कोलेस्ट्रॉल की फैमिली हिस्ट्री जिसमें दोनों या किसी एक पेरेंट को हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो या रही हो
- मोटापा
कुछ बीमारियां जैसे कि डायबिटीज (Diabetes), किडनी डिजीज (Kidney disease) और कुछ प्रकार का थायरॉइड भी बच्चों मे हाय कोलेस्ट्रॉल की वजह बन सकता है। बच्चों में हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने पर किसी प्रकार लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसलिए डॉक्टर बच्चों के लिए भी कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना जरूरी मानते हैं ताकि बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Cholesterol treatment in children) शुरू किया जा सके।
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बच्चों में हाय कोलेस्ट्रॉल का पता कैसे चलता है? (High Cholesterol diagnosis in children)
ब्लड टेस्ट के जरिए कोलेस्ट्रॉल के लेवल के बारे में जानकारी मिल जाती है जिसके बाद बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Cholesterol treatment in children) शुरू किया जा सकता है। इस टेस्ट को टोटल कोलेस्ट्रॉल (Total cholesterol) कहा जाता है।
टोटल कोलेस्ट्रॉल (Total cholesterol)
इस टेस्ट के जरिए ब्लड में मौजूद कोलेस्ट्रॉल के टोटल अमाउंट का मेजरमेंट किया जाता है। जिसमें लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (low-density lipoprotein (LDL) और हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन (High-density lipoprotein – HDL) कोलेस्ट्रॉल के बारे में जानकारी दी जाती है। यह एक नॉर्मल ब्लड टेस्ट होता है। अमेरिकन एकेडमी पीडियाट्रिक्स नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टिट्यूट के अनुसार सभी बच्चों को 9 से 11 साल की उम्र में एक बार कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग कराना चाहिए। जिन बच्चों को टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज है या हाय कोलेस्ट्रॉल की फैमिली हिस्ट्री है उन्हें भी यह टेस्ट कराना चाहिए।
बच्चे हो या बड़े टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dL होने पर उसे हाय कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। खासतौर पर एलडीएल या ट्रायग्लिसराइड 130 mg/dL से ज्यादा और एचडीएल 40 mg/L से कम होने पर इसे असामान्य माना जाता है। बच्चों में इस लेवल के अंदर रहने पर उन्हें हेल्दी माना जाता है।
19 या उससे कम उम्र के किसी भी व्यक्ति के लिए, कोलेस्ट्रॉल के स्वस्थ स्तर हैं:
कोलेस्ट्रॉल का प्रकार हेल्दी लेवल
टोटल कोलेस्ट्रॉल 170mg/dL से कम
नॉल एचडीएल 120mg/dL से कम
एलडीएल 100mg/dL से कम
एचडीएल 45mg/dL से ज्यादा
एलडीएल (LDL)- यह कोलेस्ट्रॉल बिल्ड अप और आर्टरीज में ब्लॉकेज का मुख्य कारण है।
एचडीएल (HDL)- यह आर्टरीज में कोलेस्ट्रॉल के बिल्ड अप को हटाने में मदद करता है।
नॉन एचडीएल (Non HDL)- टॉल कोलेस्ट्रॉल में से एचडीएल को घटाने पर जो आता है वह नॉन एचडीएल है।
ट्रायग्लिसराइड (Triglyceride)- ब्लड में फैट का एक और प्रकार जो हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ाता है।
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बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Cholesterol treatment in children)
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का टीटमेंट करने का आसान तरीका हेल्दी डायट और एक्सरसाइज प्रोग्राम हैं। जिसमें बच्चों के साथ ही बाकी फैमिली मेंबर्स को भी शामिल होना होगा। तभी बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Cholesterol treatment in children)उचित प्रकार से हो सकेगा।
लो फैट फूड्स का सेवन (Eat foods low in total fat, saturated fat, trans fat, and cholesterol)
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Cholesterol treatment in children) हेल्दी डायट की मदद से आसानी से किया जा सकता है। जिसके लिए जरूरी है लो फैट डायट को फोलो करना। बच्चों के टोटल फैट की मात्रा जो उन्हें कंज्यूम करना चाहिए वह डेली टोटल कैलोरीज से 30 प्रतिशत या इससे कम होना चाहिए। दो साल से कम उम्र के बच्चों पर यह रूल लागू नहीं होता। वहीं सैचुरेटेड फैट को टोटल कैलोरीज का 10 प्रतिशत से कम रखना चाहिए और ट्रांस फैट को अवॉइड करना चाहिए। बच्चे जो हाय रिस्क ग्रुप में हैं उन्हें सैचुरेटेड फैट को टोटल कैलोरीज का 7 प्रतिशत और डायट्री कोलेस्ट्रॉल को प्रति दिन 200 मिलीग्राम तक सीमित रखा जाना चाहिए। पेरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों के लिए फूड वैरायटी का चयन करें ताकि उन्हें संपूर्ण पोषण मिल सके।
ब्रेकफास्ट (Breakfast)
फल, नॉन शुगरी सीरियल, ओटमील और लो फैट योगर्ट नास्ते के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा आप स्किम या 1% मिल्क का उपयोग कर सकती हैं। ब्रेकफास्ट में घी या बटर से बने पराठे जैसी चीजें देने परहेज करना होगा।
लंच और डिनर (Lunch And Dinner)
जैसे कि हम पहले ही बता चुके हैं कि बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Children and cholesterol treatment)और डायट इन दोनों का खास संबंध है। इसलिए बच्चे के संपूर्ण डायट का ख्याल रखना होगा। लंच और डिनर में तले हुए भोजन की जगह बेक या ग्रिल किए हुए फूड को दें। आप उन्हें होल ग्रेन से बने फूड भी दे सकती हैं। पास्ता, बीन्स, राइस और फिश भी अच्छा ऑप्शन हो सकते हैं। मील्स में फ्रेश फ्रूट्स को भी सर्व करें।
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स्नैक्स (Snacks)
फल, सब्जियां, ब्रेड और सीरियल से बने स्नैक्स बच्चों के लिए हेल्दी ऑप्शन हो सकते हैं। बच्चों में कोलेस्ट्रॉल के ट्रीटमेंट के दौरान सोडा, जूस और फूड ड्रिंक्स को अवॉइड किया जाना चाहिए। ये कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करते हैं। इसकी जगह नारियल पानी आप बच्चों को दे सकते हैं।
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करने वाले फूड्स (Foods that help lower cholesterol levels in children)
- बादम
- अखरोट
- टूना और साल्मन फिश
- साबुत अनाज
- फल और सब्जियां
हाय सैचुरेटेड फूड्स या कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने वाले फूड्स (High Saturated Foods or Foods That Raise Cholesterol)
- बीफ
- बेकन
- हॉट डॉग्स
- बटर
- आइसक्रीम
- चीज
हाय ट्रांस फैट फूड्स जिनको अवॉइड करना चाहिए (High Trans Fat Foods to Avoid)
- माइक्रोवेव पॉपकॉर्न
- तले हुए फूड्स जैसे कि समोसा, कचोरी
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बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट है एक्सरसाइज (Cholesterol treatment in children)
रेगुलर एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic exercise) जैसे कि रनिंग, वॉकिंग और स्विमिंग गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने में मददगार है। इससे बच्चों में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (cardiovascular disease) का रिस्क भी कम होता है। बच्चों को इन एक्सरसाइज के लिए प्रेरित करें। इन तरीकों से बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट (Children and cholesterol treatment) नैचुरली हो सकेगा और उन्हें दवाओं की जरूरत नहीं होगी।
अगर बच्चों मे कोलेस्ट्रॉल का इलाज (Children and cholesterol treatment) डायट और एक्सरसाइज से नहीं होता है, तो डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करने के लिए दवाओं को प्रिस्क्राइब करते हैं। जिसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली ड्रग्स स्टेटिन (Statin) शामिल हैं। बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल डायट्री चेंजेस और मेडिकेशन शुरू करने के बाद रीचेक किया जाना चाहिए।डॉक्टर बच्चों में कोलेस्ट्रॉल के ट्रीटमेंट के लिए दवाओं को निम्न कंडिशन में प्रिस्क्राइब करते हैं।
- जब बच्चा 10 साल से बड़ा हो
- बच्चे को डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर या किसी दूसरी प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम हो
- बच्चे में हाय कोलेस्ट्रॉल की समस्या जेनेटिक हो
बच्चों में हाय कोलेस्ट्रॉल को मैनेज किया जा सकता है। बस यहां बताई गई कुछ बातों का ही ध्यान रखना जरूरी है। उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का ट्रीटमेंट(Children and cholesterol treatment) कैसे करना चाहिए इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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