स्ट्रेस का शरीर पर प्रभाव कई प्रकार से पड़ता है। इनमें से एक यह है कि स्ट्रेस कोलेस्ट्रॉल के लेवल (Cholesterol level) को बढ़ा सकता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल खानपान की अनहेल्दी आदतों से तो बढ़ता ही है, लेकिन कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) का भी एक कनेक्शन है। दरअसल, एक स्टडी के अनुसार जब बॉडी स्ट्रेस का सामना करती है, तो कुछ फिजियोलॉजिकल रिएक्शंस (Physiological reaction) होती हैं, जिसमें ब्लड में हॉर्मोन और कम्पोनेंट्स के लेवल में बदलाव शामिल हैं। इससे हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की समस्या हो सकती है। जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) का आपसे क्या लिंक है और स्ट्रेस से संबंधित कोलेस्ट्रॉल की समस्याओं के जोखिम को कैसे कम किया जाए?
कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस के बीच क्या है संबंध? (Cholesterol and stress)
2013 के एक अध्ययन में 91,593 लोगों के डेटा को देखा गया, जिसमें वर्कप्लेस के स्ट्रेस और अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल के लेवल का अनुभव करने वालों के बीच एक लिंक पाया गया। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि स्ट्रेस के रिस्पांस में शरीर कोर्टिसोल नामक हॉर्मोन रिलीज करता है। लंबे समय तक स्ट्रेस से कोर्टिसोल का हाय लेवल हो सकता है।
2017 में प्रकाशित एक अन्य रिसर्च में यह भी पाया गया कि मनोवैज्ञानिक तनाव के कारण ट्राइग्लिसराइड्स और लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल), “बैड’ कोलेस्ट्रॉल, और हाय डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल), या “गुड’ कोलेस्ट्रॉल के लेवल में कमी आई है।
वैज्ञानिकों के अनुसार कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे स्ट्रेस रिएक्शंस से हाय कोलेस्ट्रॉल हो सकता है।
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हेमोकंसेंट्रेशन (Hemoconcentration)
जब किसी व्यक्ति को स्ट्रेस का सामना करना पड़ता है, तो वह हेमोकॉन्सेंट्रेशन का अनुभव कर सकता है। इससे ब्लड में फ्लूइड की कमी हो जाती है। कोलेस्ट्रॉल सहित ब्लड के कंपोनेंट्स ज्यादा कंसन्ट्रेटेड हो जाते हैं। यह एक कारण हो सकता है जिससे तनाव कम समय में हाय कोलेस्ट्रॉल की वजह बनता है। इसका एक संभावित कारण यह हो सकता है कि जैसे-जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, ब्लड वेसल्स से फ्लूइड उनके आसपास इंट्रस्टिटियल स्पेस में चला जाता है।
कोर्टिसोल (Cortisol)
जो लोग लंबे समय तक स्ट्रेस का अनुभव करते हैं, उनके शरीर में लगातार हाय लेवल का कोलेस्ट्रॉल हो सकता है। यह हाॅर्मोन कोर्टिसोल के कारण हो सकता है। हाय कोर्टिसोल लेवल की वजह से शरीर में होने वाली समस्याएं हैं:
- अधिक फैट जमा होने के कारण पेट के आसपास मोटापा बढ़ता है
- शरीर के अन्य भागों में फैट को प्रभावित करता है
- भूख बढ़ती है
- स्ट्रेस के समय, लोग अक्सर अनहेल्दी ईटिंग करते हैं, खासकर कुछ मीठा क्योंकि यह तनाव की भावना को कम करता है।
- हाय कार्बोहाइड्रेट फूड्स के अधिक सेवन से वेट और मोटापा बढ़ सकता है। हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल अक्सर अधिक वजन के कारण होता है।
वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में यह भी सुझाव दिया है कि स्ट्रेस इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डालता है, इससे इंफ्लामेशन हो सकता है। यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन के अनुसार लंबे समय तक इंफ्लामेटरी इफेक्ट्स सीवियर एंजायटी डिसऑर्डर और डिप्रेशन वाले लोगों में लिपिड लेवल और ओबेसिटी को बढ़ा सकते हैं। इसका एक कारण धूम्रपान भी हो सकता है।
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फैटी एसिड्स (Fatty Acids)
कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) के कनेक्शन की वजह फैटी एसिड्स भी हैं। यदि तनावपूर्ण समय के दौरान बॉडी एनर्जी के लिए फैटी एसिड और ग्लूकोज रिलीज करता है और यदि व्यक्ति एनर्जी के लिए इनका उपयोग नहीं करता है, तो इससे भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है।
कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) के बारे में क्या कहती है रिसर्च?
- लोवा के लॉ एनफोर्समेंट ऑफिसर्स की एक स्टडी में, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक तनाव और हाय कोलेस्ट्रॉल के साथ-साथ हाई डायबिटीज थी। हाई स्ट्रेस वाली फीमेल ऑफिसर अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त थीं, और उनमें से 77% ने अपने तनाव को अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण बताया।
- 439 बस, ट्रक और टैक्सी ड्राइवर्स पर हुई एक स्टडी में, वर्कप्लेस स्ट्रेस के हाई लेवल वाले लोगों में हाय एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स, लो एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और हाय ब्लड प्रेशर होने की संभावना अधिक थी।
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हाय कोलेस्ट्रॉल के कारण कौन सी बीमारियां हो सकती हैं? (What diseases can be caused by high cholesterol?)
हाय कोलेस्ट्रॉल अन्य स्थितियों के जोखिम को बढ़ाता है। इनमें से कुछ बीमारियों में शामिल हैं:
- कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary heart disease)
- स्ट्रोक (Stroke)
- पेरिफेरल आर्टेरिअल डिजीज (Peripheral arterial disease)
- टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
कोलेस्ट्रॉल पर तनाव के इनडायरेक्ट इफेक्ट (Indirect effects of stress on cholesterol)
कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) के बीच की कड़ी का एक हिस्सा यह है कि लोग अक्सर अपने स्ट्रेस को कैसे संभालते हैं। कठिन समय में, आप अनहेल्दी फूड को प्रेफरेंस दे सकते हैं और अपने वजन को बढ़ा सकते हैं, कुछ लोग स्मोकिंग शुरू कर सकते हैं या बढ़ा सकते हैं, बहुत अधिक एल्कोहॉल का सेवन कर सकते हैं, या एक्टिव न होकर बहुत ज्यादा लेजी हो सकते हैं। ये सभी आपके हाय कोलेस्ट्रॉल के रिस्क को बढ़ाते हैं।
- यदि आपको पहले से ही हाय कोलेस्ट्रॉल है, तो स्ट्रेस इसे और बदतर कर सकता है। हाय कोलेस्ट्रॉल वाले लगभग 200 मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों और महिलाओं के एक अध्ययन में, जिन्हें 3 साल तक ट्रैक किया गया था, उच्च स्तर के तनाव वाले लोगों में कम तनाव वाले लोगों की तुलना में कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया था।
- 208 कॉलेज के छात्रों पर की गई एक स्टडी में, जो 30 वर्ष या उससे कम उम्र के थे, उनका एग्जाम के दौरान ब्लड टेस्ट हुआ था। इस तनावपूर्ण समय में, छात्रों में टोटल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल सहित कोर्टिसोल, एड्रेनालाईन और कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल था।
कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस को ऐसे करें मैनेज (How to manage cholesterol and stress)
जब आप स्ट्रेस में हों तो अधिक खाने, जंक फूड या शराब का सेवन करने या धूम्रपान करने की इच्छा से लड़ें। आपको ऐसा लग सकता है कि ये अनहेल्दी चीजें आपके स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन ये शॉर्ट-टर्म तरीके हैं जिनका आपकी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। ये अनहेल्दी आदतें कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ा सकती हैं। जीवनशैली में बदलाव जैसे व्यायाम, हेल्दी फूड्स और स्मोकिंग न करना आपको एक ही समय में अपने कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) को मैनेज करने में मदद कर सकता है। स्ट्रेस रिलीफ के लिए-
- ऐसे दोस्तों, परिवार के सदस्यों या को-वर्कर्स के साथ समय बिताएं जो आपको पॉजिटिव वाइब्स देते हैं।
- अच्छा संगीत सुनें। यदि आप स्ट्रेस्ड हैं, तो एक अच्छा म्यूजिक आपके मन को शांत कर सकता है और आपको आराम दे सकता है।
- अगर आपको गार्डनिंग, राइटिंग, स्विमिंग जैसी कुछ हॉबीज पसंद हैं, तो उसे करें।
- एंडोर्फिन (Endorphins), नैचुरल केमिकल्स को रिलीज करने के लिए नियमित एक्सरसाइज करें।
- माइंडफुलनेस, मेडिटेशन या योग रूटीन सहित माइंड-बॉडी प्रैक्टिस करें जो आपको आराम दें।
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इस बात का रखें ध्यान
हाय कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) के बीच एक संबंध है, इसलिए चाहे आपके कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत ज्यादा हो या कम करने की आवश्यकता हो, लो स्ट्रेस लेवल को बनाए रखना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। यदि तनाव आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों को सीखें, जो आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको कोलेस्ट्रॉल और स्ट्रेस (Cholesterol and stress) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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