हार्ट फेलियर वाले लगभग 30% लोगों के हार्ट वेंट्रिकल्स (Heart ventricles) में इलेक्ट्रिकल प्रॉब्लम्स होती है जिससे कॉन्ट्रैक्ट/पंपिंग (Pumping) में डिले हो जाता है। जब वेंट्रिकल्स एक साथ पंप नहीं करते हैं, तो आपके ऑर्गन्स और मसल्स को कम ऑक्सिजन युक्त ब्लड मिलता है। पंपिंग में देरी से हार्ट की स्थिति और खराब हो सकती है और हार्ट फेलियर (Heart Failure) के चलते व्यक्ति की मृत्यु का खतरा बढ़ सकता है। ट्रीटमेंट के तौर पर कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर (Congestive heart failure pacemaker) लगाना डॉक्टर द्वारा रेकमेंडेड एक ऐसा विकल्प है जिससे लाइफ क्वालिटी, हार्ट फंक्शन (Heart function) और व्यायाम करने की आपकी क्षमता में सुधार होता है।
पेसमेकर (Pacemaker) से तीन तार (लीड) जुड़े होते हैं जो हार्ट बीट के असामान्य होने पर हार्ट मसल्स को छोटे इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेज भेजकर वेंट्रिकल्स को एक साथ पंप करने में मदद करते हैं। ये इम्पल्सेज पेनलेस होते हैं। यदि डॉक्टर ने आपको हार्ट फेलियर में पेसमेकर के लिए सजेस्ट किया है तो आपको पता होना चाहिए कि कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर (Pacemaker in congestive heart failure) क्या है और यह कैसे आपकी मदद कर सकता है?
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर (Pacemaker in congestive heart failure)
बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर एक छोटा, बैटरी से चलने वाली डिवाइस है जो हार्ट को इलेक्ट्रिकल इम्पल्सेज भेजकर नॉर्मल और कोऑर्डिनटेड हार्ट बीट को मेंटेन रखने में मदद करता है। हार्ट फेलियर के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाला पेसमेकर, जिसे कार्डिएक रीसिंक्रनाइजेशन थेरेपी (Cardiac resynchronization therapy) या सीआरटी (CRT) भी कहा जाता है, आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। जिससे आप अपनी डेली एक्टिविटीज को आसानी से कर सकें।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर कैसे काम करता है? (How pacemaker work in congestive heart failure?)
जब आपको हार्ट फेलियर होता है, तो आपके हार्ट के लोअर चैम्बर्स (ventricles) उतना ब्लड पंप करने में सक्षम नहीं होते जितना आपकी बॉडी को नीड होती है। एक बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर को चेस्ट में इम्प्लांट किया जाता है, और यह तीन पतले तारों से कनेक्टेड होता है, जिसे लीडस कहा जाता है। लीडस दिल के चैम्बर्स में जाती हैं। यह पेसमेकर एक ही समय में वेंट्रिकल्स को पंप करने के लिए इलेक्ट्रिकल पल्स भेजता है। यदि हार्ट बीट में कोई समस्या है, तो पेसमेकर समस्या को ठीक करने के लिए लीड के माध्यम से पेनलेस सिग्नल्स भेजता है। यदि हार्ट बीट कम है तो यह इसे भी नॉर्मल कर सकता है। कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर इस प्रकार काम करता है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर (Pacemaker in congestive heart failure) कैसे लगाया जाता है?
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर लगाने के लिए एक माइनर सर्जरी करके डॉक्टर पेसमेकर को चेस्ट में इम्प्लांट करता है। इसके लिए किसी ओपन-चेस्ट सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। डॉक्टर चेस्ट के ऊपरी पार्ट में एक छोटा सा कट (चीरा) लगाता है। कुछ मामलों में, पेसमेकर को चेस्ट के नीचे रखा जाता है। अब लीडस को एक नस में डाला जाता है जो हार्ट तक जाती हैं। फिर डॉक्टर लीडस् को पेसमेकर से जोड़ते हैं और उसे प्रोग्राम भी करते हैं। पेसमेकर लगाने में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लग सकता है।
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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर (Pacemaker in congestive heart failure) किसके लिए मददगार साबित होते हैं?
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर आपके लिए सही है या नहीं? यह कई मेडिकल फैक्ट्स पर निर्भर करता है। आपका डॉक्टर कई चीजों की जांच करेगा जिनमें शामिल हैं:
- आपके लक्षण कितने गंभीर हैं या आपको रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होती है। हार्ट फेलियर को लक्षणों के अनुसार ग्रूप्ड या क्लासिफाइड किया जाता है। डॉक्टर आपके हार्ट फेलियर “क्लास” नंबर के बारे में पूछ सकता है, जो कि I से IV के बीच होगा।
- आपका इजेक्शन फ्रैक्शन। यह इस मेजरमेंट है कि आपका राइट या लेफ्ट वेंट्रिकल कितना ब्लड पंप करता है।
- आपके हार्ट का इलेक्ट्रिकल सिस्टम। हार्ट रिद्म प्रॉब्लम्स की जांच के लिए टेस्ट भी हो सकते हैं।
इस बारे में एसएल रहेजा अस्पताल, माहिम की सलाहकार चिकित्सक और विशेषज्ञ-आंतरिक चिकित्सा की डॉक्टर परितोष बघेल का कहना है कि जैसा कि हमने पहले भी बताया कि हमारे हार्ट और फेफड़े एक-दूसरे से संबंधित हैं, बहुत की ड्रेमेटिक वे में। इन दोनों का ही काम, हमारे शरीर में ऑक्सिजन के संचार के जुड़ा है। लेकिन इसमें आयी गड़बड़ी कई कारणों से हो सकती है। इसमें गड़बड़ी होने के बहुत से कारण हो सकते हैं और उनसे कई प्रकार की दिक्कतें भी। यदि आपको सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो आपका दिल और फेफड़े दोनों ही स्वस्थ्य हैं। यदि आपकों सांस लेने में कठनाई हो रही है, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। फेफड़े और श्वसन तंत्र की समस्याओं में शामिल हैं, जैसे कि किसी प्रकार का इंफेक्शन (Infection) , एलर्जी (Allergy), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) और अस्थमा की समस्या। सांस फूलने का मतलब यह भी हो सकता है कि दिल की कोई बीमारी भी हो सकती है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर कितनी अच्छी तरह काम करता है? (Pacemaker in heart failure)
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर हार्ट को ब्लड को बेहतर ढंग से पंप करने में मदद कर सकता है। यह आपको बेटर फील कराता है ताकि आप ज्यादा एक्टिव हो सकें।
एक पेसमेकर हार्ट फेलियर के प्रोग्रेशन को धीमा कर सकता है। यह हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम को अच्छी तरह से काम करने में मदद कर सकता है। हार्ट फेलियर में, लेफ्ट वेंट्रिकल अक्सर बहुत बड़ा हो जाता है क्योंकि यह अच्छी तरह से पंप न करने की भरपाई करने की कोशिश करता है। पेसमेकर आपके वेंट्रिकल में इस बदलाव को धीमा कर सकता है। यह आपके वेंट्रिकल को सामान्य आकार में वापस लाने में भी हेल्पफुल हो सकता है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर: रिस्क (Risk)
हार्ट फेलियर में पेसमेकर लगाने के कई रिस्क हैं, लेकिन ये रिस्क हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हैं। पेसमेकर लगाने की प्रक्रिया सुरक्षित है, और अधिकांश लोग बाद में अच्छा फील करते हैं। बाद में, आप अपने पेसमेकर की जांच करने के लिए नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें और सुनिश्चित करें कि आपको कोई समस्या तो नहीं है।
प्रक्रिया के दौरान (During process)
यदि प्रक्रिया के दौरान समस्याएं होती हैं, तो डॉक्टर उन्हें तुरंत ठीक कर सकते हैं।
- लंग कोलैप्स कर सकता है (न्यूमोथोरैक्स)। ऐसा तब होता है जब लंग और चेस्ट की दीवार के बीच की जगह में एयर बिल्ड अप होती है। लेकिन न्यूमोथोरैक्स का इलाज किया जा सकता है और लोग ठीक हो जाते हैं।
- हार्ट में टियर आ सकता है। या किसी व्यक्ति को इमरजेंसी मेडिसिन या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। रोगियों से कॉम्प्लिकेशन रेट के आधार पर, ये समस्याएं 100 में से लगभग 1 बार होती हैं।
- पेसमेकर कई कारणों से इम्प्लांट नहीं किया जा सकता है, जैसे कि जब लेफ्ट वेंट्रिकल के पास की नस बहुत छोटी, बहुत चौड़ी, या लीड लगाने के लिए बहुत हार्ड हो। कभी-कभी लीड लगाने के लिए चेस्ट या हार्ट बहुत वाइड हो सकता है।
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प्रक्रिया के बाद (After Process)
प्रक्रिया के बाद की समस्याएं मामूली हो सकती हैं, जैसे हल्का या गंभीर दर्द, या इंफेक्शन। इन समस्याओं को डॉक्टर ट्रीटमेंट के जरिए ठीक कर सकता है। अधिकांश लोगों में पेसमेकर से लॉन्ग टर्म कोई समस्या नहीं होती है।
समस्याओं में शामिल हैं:
- प्रक्रिया के तुरंत बाद दर्द, ब्लीडिंग या ब्रूजिंग।
- पेसमेकर के पास आपके चेस्ट में संक्रमण।
- हो सकता है कि पेसमेकर या लीड काम न करें।
- एक लीड जगह से हट सकती है। हालांकि, ऐसा बहुत ही कम होता है।
ओवरऑल हेल्थ, एज और लाइफस्टाइल के आधार पर एवरेज लाइफ लगभग 8.5 से 20 वर्ष के बीच बढ़ सकती है। यदि रोगी कुछ सावधानियों को ध्यान में रखे और समय-समय पर फॉलो-अप के लिए डॉक्टर के पास विजिट करे। यह फील्ड आपके पेसमेकर को थोड़े समय के लिए सही काम करने से रोक सकता है। इन डिवाइजेज में आपके घर, गैरेज या वर्कप्लेस की चीजें शामिल हैं। हालांकि, कुछ घरेलू और वर्कप्लेस इलेक्ट्रॉनिक्स आपके पेसमेकर को प्रभावित नहीं करेंगे। आपको किन चीजों से बचना है, इस बारे में अपने डॉक्टर से जरूर परामर्श लें।
उम्मीद करते हैं कि आपको कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर (Pacemaker in congestive heart failure) के उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में कंजेस्टिव हार्ट फेलियर में पेसमेकर से संबंधित अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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