बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस से जुड़े रिस्क फैक्टर (Risk factors associated with bacterial endocarditis)
इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस या बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस का जोखिम उन पेशेंट्स में अधिक होता है, जिनको एक्वायर्ड वॉल्व डिजीज (Acquired valve disease ), आर्टिफिशियल हार्ट वॉल्व, प्रीवियस बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस, कुछ जन्मजात हृदय दोष (Congenital heart defects), पेसमेकर ( pacemakers) डिवाइस का इस्तेमाल, हाइपरट्रॉपिक कार्डियोमायोपैथी (Hypertrophic cardiomyopathy) आदि की समस्या हो। अगर आपको दी गई इस समस्याओं में से कोई भी समस्या है, तो ऐसे में हार्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ब्लड कल्चर (Blood cluture) , सीबीसी (CBC), इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram), ईसीजी, चेस्ट एक्स रे (Chest x ray), सीटी स्कैन और एमआरआई आदि की सहायता से बैक्टीरियल एंडोकर्डाइटिस डायग्नोज किया जाता है। अगर आपको शरीर में किसी भी तरह की परेशानी हो, तो डॉक्टर को बताएं और साथ ही जांच भी कराएं।
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बचना है इंफेक्शन से, तो ध्यान रखें ये बातें
आप इस संक्रमण से बचाव कर सकते हैं। कुछ ऐसे कारण है, जिनपर आप ध्यान दें, तो बैक्टीरिया के इंफेक्शन से हार्ट को बचा सकते हैं। आपको दांतों की सफाई रखनी चाहिए और मसूड़ों से ब्लीडिंग होने पर तुरंत डेंटिस्ट को दिखाना चाहिए। आपको अवैध आईवी ड्रग्स से दूरी बनानी चाहिए क्योंकि ये शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। अगर आपके दांतों में बैक्टीरियल इंफेक्शन है, तो एंटीबायोटि दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह से जरूर करें। अगर आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन है, तो डॉक्टर से प्रॉपर ट्रीटमेंट लें और जब तक इंफेक्शन न खत्म हो जाए, तब तक दवाओं का सेवन जरूर करें।
डॉक्टर इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस का ट्रीटमेंट करने से पहले इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस के कारण (Infective endocarditis Causes) के बारे में जानते हैं और फिर एंटीबायोटिक दवाओं को खाने की सलाह देते हैं। आपको दवाओं का पूरा कोर्स करना चाहिए। आपको हर छह महीने में डॉक्टर से दांतों की जांच करवानी चाहिए। रोजाना दो बार ब्रश करें और साथ ही हेल्दी फूड्स भी खाएं।